कब ख़त्म होगा यह इंतज़ार...?
देहरादून, 24 जुलाई। आपदा प्रभावित क्षेत्रों के लोगों की किसमत में शायद इंतजार ही लिखा है, महाप्रलय के बाद बिछड़े अपनों का इंतजार कर रहे हैं, तो अपने बिछड़ों का। कोई मृतकों की सूची का इंतजार कर रहा है, तो कोई हादसे में घायल लोगों के ठीक होने का इंतजार। महाप्रलय के बाद इनका इंतजार कब खत्म होगा, उसका भी वे इंतजार ही कर रहे हैं। गौरतलब हो कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों के लोग आपदा के बाद राहत का इंतजार करते-करते थक चुके हैं। उनके पास दो जून की रोटी का भी जुगाड़ नहीं रह गया है। जिन खेतों से उनकी दिनचर्या चलती थी, वे पानी के साथ बह गए हैं। बस उन्हें इंतजार है तो सरकारी इमदाद का। तीर्थयात्री जो अपने को खो चुके हैं, उनको इंतजार है सरकार के द्वारा मृतक सूची में अपनों का नाम शामिल होने का। आपदा प्रभावित क्षेत्रों के लोग, आपदा में घायल हुए लोग अपने ठीक होने का इंतजार कर रहे हैं, तो कुछ ऐसे लोग भी हैं, जिन्होंने अपनों को खो दिया है, वे अपनों के घर लौटने का इंतजार कर रहे हैं। देश के श्रद्धालु केदारनाथ में पूजा का इंतजार कर रहे हैं, तो संत केदारनाथपुरी के सफाई का इंतजार। रावल भीमाशंकर लिंग मंदिर के शुद्धिकरण का इंतजार कर रहे हैं, तो मंदिर के पुजारी भगवान केदार के एक बार फिर पुर्नस्थापन का इंतजार कर रहे हैं। कुल मिलाकर केदारपुरी को अपने श्रद्धालुओं का इंतजार है और श्रद्धालुओं को केदारपुरी तक पहुंचने का। महाप्रलय के बाद जिन गांवों का मुख्य मार्ग से संपर्क कट गया, उनको आपदा राहत का इंतजार तो है, साथ ही उन सड़कों और पगडंडियों के ठीक होने का भी इंतजार है। प्रदेश सरकार वर्षा के रूकने का इंतजार कर रही है, तो आपदा राहत कार्याें में लगी टीम केदारनाथ तक पहुंचने के लिए हैलीकाप्टर का इंतजार। आपदा ग्रस्त क्षेत्रों के लोग उस अधिसूचना का भी इंतजार कर रहे हैं, जिसमें आपदा प्रभावित क्षेत्र चिन्हित हों, इतना ही नहीं केदारघाटी में निरीक्षण को जाने वाली आर्केलोजिकल सर्वे ऑफ इण्डिया (ए.एस.आई.) की टीम भी चार दिन इंतजार करके वापस दिल्ली लौट गई। मौसम के ठीक होने का इंतजार सरकार भी कर रही है, सरकार इंतजार कर रही है नदियों में पानी के कम होने का। आपदा राहत शिविरों में रह रहे लोग इंतजार कर रहे हैं अपनो घरों में पहुंचने का, तो बीते 38 दिनों से मार्ग खुलने का इंतजार कर रही है क्षेत्र की जनता। कुल मिलाकर उत्तराखण्ड इंतजार के दिन गिन रहा है, वह इंतजार कब खत्म होगा इसी आस में उस समय का भी इंतजार कर रहे हैं लोग।
उत्तराखण्ड में पुनर्निर्माण के लिए नहीं होगी धन की कमी: आस्कर फर्नांडीज
देहरादून, 24 जुलाई, । केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री आस्कर फर्नांडीज ने कहा कि आपदा से उत्तराखण्ड में क्षतिग्रस्त सड़कों एवं पुलो के पुनर्निर्माण के लिए धनराशि की कमी नहीं होने दी जायेगी। भविष्य में आवश्यकता के अनुरूप टनल निर्माण पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। डाटकाली मंदिर के समीप वर्तमान टनल के अतिरिक्त एक और टनल बनायी जाएगी। बुधवार को सचिवालय में केन्द्रीय मंत्री आस्कर फर्नांडीज व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने सीमा सड़क संगठन, एनडीआरएफ, लोक निर्माण तथा आपदा प्रबन्धन के अधिकारियों की बैठक करते हुए आपदा से क्षतिग्रस्त मार्गों के पुनर्निर्माण के कार्यो का जायजा लिया। क्षतिग्रस्त सड़कों का पुनः निर्माण 30 सितम्बर तक किए जाने का लक्ष्य रखा गया ताकि प्रदेश का तीर्थाटन पुनः आरम्भ हो सके। केंद्रीय मंत्री ने टनल निर्माण को तवज्जो देते हुए कहा कि इससे जहां पर्यावरण का कम नुकसान होगा, यात्रियो के समय की बचत होगी व दुर्घटनाओं की सम्भावनाएं कम रहेगी। इससे सड़क मार्ग वर्ष भर खुले रह सकेंगे। उन्होंने सड़कों की डीपीआर बनाते समय ही स्लिप जोन पर होने वाले व्यय को इसमें शामिल करने के निर्देश दिए। दिल्ली-देहरादून के बीच डाटकाली मंदिर पर लगने वाले जाम से छुटकारा दिलाने के लिए एक अन्य टनल का निर्माण किया जायेगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड को आपदा से हुए नुकसान की भरपायी में केन्द्र द्वारा पूरी मदद की जायेगी। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रियों की एक उपसमिति बनायी गयी है, ताकि उŸाराखण्ड के पुनर्निर्माण के लिये विभिन्न मंत्रालयों से सम्बन्धित मामलों का निस्तारण एक ही जगह पर तेजी से हो सके। उन्होंने बीआरओ को उनके द्वारा जिन सड़कों का निर्माण किया जाना है, उसका एलाइनमेंट शीघ्र बनाने का कहा। इसके लिये धनराशि उपलब्ध करा दी जायेगी। मुख्यमंत्री ने बैठक में चारधाम व हेमकुण्ड साहिब में वैकल्पिक मार्ग के निर्माण की आवश्यकता बतायी। उन्होंने कहा कि इससे एक सड़क मार्ग बन्द होने से वैकल्पिक मार्ग आवागमन के लिए सुलभ हो सकेगा। मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री को बताया कि केदारनाथ में सफाई व्यवस्था का कार्य आरम्भ हो गया है। मंदिर की सफाई व्यवस्था मंदिर समिति के द्वारा की जा रही है। मंदिर समिति द्वारा सफाई के बाद वहां पर शीघ्र पूजा आरम्भ कर दी जायेगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि केदारनाथ क्षेत्र की सफाई के लिये आवश्यक उपकरण शीघ्र ही वहां भेजे जायेंगे। क्षेत्र की सफाई का कार्य एपीआईएल द्वारा किया जायेगा। इस सम्बन्ध में जीएसआई व एएसआई से भी राय ली जा रही है।
बैठक में कैबिनेट मेंत्री डॉ. हरक सिंह रावत, श्रीमती अमृता रावत, दिनेश अग्रवाल सहित केन्द्र व राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
सरकार पुनर्वास व राहत कार्यो को हलके में ले रही: ध्यानी
देहरादून, 24 जुलाई, । भारतीय जनता पार्टी प्रदेश प्रवक्ता प्रकाश सुमन ध्यानी ने एक बयान जारी कर खेद जताया कि आर्केलोजिकल सर्वे आफ इण्डिया की टीम, जोकि केदारनाथ मंदिर परिसर मे जमा मलवे को हटाते समय तकनीकी मदद को आई थी, चार दिन तक देहरादून में बैठने के बाद दिल्ली वापस चली गई है। टीम इसलिए वापस लौटी क्योंकि प्रदेश सरकार ने उन्हें केदारनाथ जाने के लिए हैलीकॉप्टर उपलब्ध नही करवाया। तकनीकी विशेषज्ञों का वापस जाना प्रदर्शित करता है कि प्रदेश सरकार लापरवाह और गैर जिम्मेदार है सरकार पुनर्वास व राहत कार्यो को हलके में ले रही है। इसी हलकेपन के कारण आपदा के 40 (चालीस) दिन बाद भी कार्य गति नही पकड़ पाया है। उन्होंने बताया कि रूद्रप्रयाग और चमोली जनपद सरकार की इसी लापरवाही व गैर जिम्मेदारी के कारण अस्त-ब्यस्त स्थिति में पड़े हैं। करोड़ों हिन्दुओं की आस्था के केन्द्र केदारनाथ के प्रति यदि प्रदेश सरकार इतनी लापरवाह है तो आम आदमी की क्या स्थिति इन जनपदों मे होगी, सहज ही अन्दाजा लगाया जा सकता है। ध्यानी ने कहा कि यह पहला मौका नही है। इससे पहले जब गुजरात से एक स्वयं सेवी संस्था की टीम मृतकों के शवों की खोज के लिए प्रदेश सरकार ने बुलाई थी तो वह टीम भी एक सप्ताह तक देहरादून बैठकर लौट गई। प्रदेश सरकार की उदासीन्ता के प्रति फौज के उच्चाधिकारियों एवं केन्द्र के अधिकारी भी समय-समय पर अपनी टिप्पणीयां कर चुके हैं। पूरा देश उत्तराखण्ड की इस आपदा में अपनी मदद देना चाहता है। ऐसे में यदि प्रदेश सरकार की अकर्मण्यता के कारण मदद के लिए बढे हाथ पीछे हो जॉय इससे बढ़कर क्या दुर्भाग्य हो सकता है। ए.एस.आई. की केन्द्रीय टीम को चापर क्यों नही उपलब्ध कराया गया सरकार को तुरन्त जॉच कर सम्बन्धित अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि गुजरात सरकार की आपदा राहत किट को लेकर चार ट्रक सामान एक सप्ताह से उखीमठ तहसील में पड़ा हुआ है। भाजपा पूर्व विधायक आशा नौटियाल ने सूचना दी है कि उक्त राहत किट को बॉटने की व्यवस्था तक प्रशासन एक सप्ताह से नही करवा पा रहा है। जनपद की जनता राहत के लिए चिल्ला रही है और प्रशासन सरकार की तरह लापरवाह पड़ा हुआ है।
5 वाहन भेंट किये
देहरादून, 24 जुलाई, । मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा से बुद्धवार को मुख्यमंत्री आवास पर पोलारिस इंडिया लि. के प्रबन्ध निदेशक पंकज दुबे ने भेंट की। उन्होंने मुख्यमंत्री को आपदा क्षेत्रों के दुरूह रास्तों पर राहत कार्यो के संचालन में सहयोग के लिये 5 वाहन भेंट किये। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा के समय ये वाहन आपदा कार्यो में लगे पुलिस व एनडीआरएफ द्वारा उपयोग में लाये जायेंगे।
जिलाधिकारी को दिया ज्ञापन
देहरादून, 24 जुलाई, । उत्तराखंड राज्य निर्माण सेनानी मंच ने आंदोलनकारियों के चिन्हिकरण कार्य पूरा करने और उन्हें परिचय पत्र जारी करने की मांग की है। मंच के अध्यक्ष नंदवल्लभ थापा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को जिलाधिकारी को दिऐ ज्ञापन में कहा है कि राज्य आंदोलनकारियों के चिन्हिकरण का काम जो अभी तक पूरा नहीं हो सका है, को शीघ्र पूरा किया जाय। उनका कहना है कि यह काम अंतिम चरण में है राज्य गठन के एक दशक बाद भी यह काम अधूरा पडा है जसे तुरंत पूरा किया जाना चाहिए जिससे राज्य आंदोलनकारियों को मिलने वाली सुविधाए उन्हें मिल सके उन्होंने आंदोलनकारियों को परिचय पत्र भी दिये जाने की मांग की है प्रतिनिधिमंडल में पुष्पा रावत, सत्य पोखरियाल, सुशीला चंदोला, प्रभा नैथानी, कमला भटट, पार्वती धानी आदि मौजूद थे।
आपदा में मरे लोगों की आत्मशांति के लिए सर्वधर्म प्रार्थना सभा का आयोजित
देहरादून, 24 जुलाई, । सैंट थोमस कालेज प्रांगण में बुधवार को आपदा पीड़ितों की सुख शांति और आपदा में मारे गये लोगों की आत्मशांति के लिए एक सर्वधर्म प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। प्रार्थना सभा में एकता में अनेकता की भारतीय संस्कृति की झलक देखने को मिली और इसमें सभी र्ध्म और जाति के लोगों ने आपदा पीड़ितों के प्रति अपनी संवेदनाए व्यक्त की। इस अवसर पर सभी धर्मो के गुरुओं के सहित बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया। इस अवसर पर प्राचार्य आरवी गार्डनर ने कहा कि इस आपदा से प्रदेशवासियों को भारी नुकसान हुआ है बहुत सारे लोगों ने अपनों को खो दिया है वहीं लोगों के घर, मकान और कारोबार उजड़ गये है इस आपदा की घड़ी में सभी देशवासियों को एकजुट होकर प्रभावितों की मदद करने की जरुरत है उन्होंने कारगिल युद्ध के बाद भी मारे गये सैनिकों के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा देने का काम किया है उन्होंने कहा कि इस विनाश लीला में जो बच्चे असहाय हुए है उनके बच्चों को निःशुल्क शिक्षा देकर उनकी मदद की जायगी। इस अवसर पर पंडित रामेश्वर प्रसाद मौलवी मुफ्ती वाफित पादरी जेपी सिंह ग्रन्थी ज्ञानी रोहताश सिंह आदि उपस्थित थे सभी धर्म गुरुओं ने मिलकर मृतात्माओं की शांति के लिए प्रार्थना की और उन्हें श्रद्धांजलि दी।
भारी बरसात से आलू की फसल बर्बाद
मसूरी/देहरादून, 24 जुलाई, । भारी बारिश के कारण कई क्षेत्रों में आलू की फसल बर्बाद हो गई हैं। इससे चंबा-मसूरी फलपट्टी के काश्तकार चिंतित हैं। उनका कहना हैं कि अधिक बारिश से फसल सड़ने लगी हैं। काश्तकारों ने नुकसान की भरपाई के लिए फसल बीमा के मानकों में परिवर्तन की मांग की हैं। पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश ने क्षेत्र के किसानों के लिए मुसीबत पैदा कर दी हैं। अधिक बारिश होने से आलू की फसल सड़ने लगे हैं। काश्तकारों का कहना हैं कि आलू का अधिक उत्पादन लेने के लिए स्वस्थ पौधा व उस पर अच्छे फूल निकलना जरूरी होता हैं लेकिन जैसे ही पौधा तैयार हुआ बारिश ने उसे नष्ट कर दिया हैं। विदित हो कि चंबा-मसूरी फलपट्टी के काश्तकार आलू, मटर, बीन आदि दर्जनों प्रकार की नगदी फसलें उगाते आ रहे हैं। इस बार की बारिश से आलू की फसल चौपट होने के कगार पर हैं। उन्होंने आज खबर से कहा कि वैसे तो आलू का बीमा किया गया हैं लेकिन बीमा के मानक के अनुसार कम बारिश होने के कारण यदि उत्पादन प्रभावित होता हैं, तभी बीमा का लाभ मिल पाएगा। जबकि फसल का किसी भी रूप में नुकसान होने पर बीमा योजना का लाभ मिलना चाहिए। युवक मंगल दल सौड़ के अध्यक्ष अनिल रमोला, गिरवीर चंद रमोला का कहना हैं कि बीमा मानकों में परिवर्तन किया जाना चाहिए तभी काश्तकार नुकसान की भरपाई कर पाएंगे। उन्होंने इस संदर्भ में बीमा कंपनी को ज्ञापन भेजा हैं।
सैसा और पणाइता गांवों को सड़क से जोड़ने की मांग
- ग्रामीणों ने लोनिवि के मुख्य अभियंता को भेजा ज्ञापन
देहरादून, 24 जुलाई, । देहरादून जनपद के कालसी विकासखंड अंतर्गत सैसा व पणाइता गांवों के सड़क से न जुड़ पाने के कारण यहां के लोगों को पांच किमी की पैदल दूरी तय करनी पड़ रही है। इन गांवों के ग्रामीण पिछले लंबे समय से गांव को सड़क से जोड़ने की मांग कर रहे हैं लेकिन सरकार द्वारा इस दिशा में अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया है। सरकार की अनदेखी से ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। ग्रामीणों को सड़क तक पहुंचने के लिए पांच किमी की पैदल दूरी नापनी पड़ती है, जिस कारण उनका काफी समय आने-जाने में ही बर्बाद हो जाता है। क्षेत्रवासियों की आजीविका का एकमात्र साधन खेती है, काश्तकारों द्वारा नगदी फसलें उगाई जाती हैं और इन्हें बेचकर परिवार का पालन-पोषण किया जाता है। गांव मोटर मार्ग से न जुड़े होने के कारण यहां के काश्तकारों को नगदी फसलें खच्चरों से सड़क तक पहुंचानी पड़ती हैं। खच्चरों का भाड़ा अधिक होने के कारण काश्तकारों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। इसके अलावा गांव में जब कोई बीमार होता है तो उसे कुर्सी या चारपाई पर उठाकर सड़क तक पहुंचाना पड़ता है। समय पर चिकित्सा न मिल पाने के कारण कई बार मरीज रास्ते में ही दम तोड़ देता है। ग्रामीणों ने लोनिवि के मुख्य अभियंता को ज्ञापन भेजकर इन दोनों गांवों को मोटर मार्ग से जोड़े जाने की मांग की है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांग को नजरअंदाज किया गया तो वे आंदोलन का रास्ता अख्तियार करने को मजबूर होंगे। ज्ञापन पर पूर्व प्रधान जीवन सिंह, गजेंद्र सिंह, श्याम सिंह वर्मा, माया राम, भीमदत्त वर्मा आदि ग्रामीणों के हस्ताक्षर हैं।
परिवहन नियमों का मजाक उड़ा रहे स्कूल वाहन
देहरादून, 24 जुलाई, । स्कूली बसों द्वारा परिवहन नियमों का मजाक उड़ाया जा रहा है। कहने को तो स्कूली वाहनों के लिए कई कायदे कानून बने हैं, लेकिन इनका कितना पालन हो रहा है इस बात का अंदाजा सड़क पर दौड़ रहे उन वाहनों को देखकर लगाया जा सकता है जिनमें स्कूली बच्चों को मुर्गियों की तरह ठूंस कर ले जाया जाता है। मोटा मुनाफा कमाने के लिए पब्लिक स्कूल घर-घर से बच्चों को स्कूल तक और स्कूल से घर तक लाने ले जाने का जिम्मा उठा रहे हैं। स्कूली वाहनों द्वारा परिवहन नियमों का जिस तरह मजाक उड़ाया जा रहा है उससे कभी भी किसी बड़ी अनहोनी से इंकार नहीं किया जा सकता। पब्लिक के साथ सरकारी स्कूल भी इस काम में पीछे नहीं हैं। 30 सीटर स्कूली बसों में 50 से 60 तक स्कूली बच्चे ढोए जा रहे हैं। कई स्कूली बसों में तो बच्चे दरवाजे तक लटके रहते हैं। स्कूलों को बच्चों के जीवन सुरक्षा की कोई चिंता नहीं है, उन्हें चिंता है तो केवल मोटा मुनाफा कमाने की। प्राइवेट ही नहीं, सरकारी स्कूल और सेना की बसों में भी यही हालत है जहां बच्चों को मुर्गियों की तरह ठूंस-ठूंस कर भरा जा रहा है। नियमानुसार स्कूली वैन का कलर पीला होना चाहिए और उसमें आपातकालीन द्वार होना अनिवार्य है। वाहन के साइड में जाल और पाइप होने जरूरी ताकि अबोध बच्चे शरीर का कोई अंग बाहर न निकाल सके। वैन से उतरने के लिए समुचित सीढ़ी की व्यवस्था होनी चाहिए। पीछे की तरफ इंडीकेटर लगना व स्कूली बच्चे उतर रहे हैं कृपया बाएं से चले लिखा होना जरूरी। परमिट के अनुसार निर्धारित सीट से अधिक बच्चे नहीं बैठाए जा सकते हैं। वाहन के अंदर प्रत्येक बच्चे के बैठने की समुचित व सुरक्षित व्यवस्था होनी जरूरी है। स्कूल वाहन में फर्स्ट एड बाक्स होना भी जरूरी है, लेकिन अधिकांश स्कूल वाहन इन नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। स्कूली वाहनों में बच्चों को ठूंस-ठूंस कर ले जाए जाने से कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है।
शिक्षा आचार्यों का धरना जारी
देहरादून, 24 जुलाई, । बेरोजगार शिक्षा आचार्य एवं अनुदेशक संगठन का स्नातक योग्यताधारी शिक्षा आचार्यों एवं अनुदेशकों को शिक्षामित्र के रूप में समायोजित करने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरना जारी है। शिक्षा आचार्यों द्वारा धरना स्थल पर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई। शिक्षा आचार्य एवं अनुदेशक संगठन द्वारा शिक्षामित्र के रूप में समायोजित करने की मांग को लेकर लैंसडाउन चौक स्थित पुराना रायपुर बस स्टैंड पर अनिश्चितकालीन धरना दिया जा रहा है। संगठन का कहना है कि सरकार द्वारा वर्ष 2008 में ईजीएस एवं एआईई सेेंटरों को बंद कर दिया गया था। ईजीएस एवं एआईई सेेंटरों को बंद किए जाने से इनमें कार्यरत 1745 शिक्षा आचार्य एवं अनुदेशक बेरोजगार हो गए थे। सरकार ने 18 जुलाई 2010 को शासनादेश जारी कर प्रथम चरण में स्नातक योग्यताधारी 1,107 शिक्षा आचार्य एवं अनुदेशकों को शिक्षामित्र के रिक्त पदों पर वरिष्ठता के आधार पर आरक्षण के प्राविधानों के अनुरूप समायोजित कर दिया था लेकिन जो शिक्षा आचार्य एवं अनुदेशक रह गए थे उन्हें अभी तक समायोजित नहीं किया गया है। वर्ष 2011-12 तक स्नातक योग्यता हासिल करने वाले 1,745 शिक्षा आचार्यों एवं अनुदेशकों को शीघ्र शिक्षामित्र के रूप में समायोजित किया जाए। शिक्षामित्र के पदों पर समायोजित न किए जाने से ईजीएस एवं एआईई सेेंटरों को बंद किए जाने से बेरोजगार हुए शिक्षा आचार्य एवं अनुदेशकों के समक्ष आजीविका का संकट पैदा हो गया है। संगठन का कहना है कि प्रदेश में शिक्षामित्रों के 1,797 पद रिक्त चल रहे हैं, लेकिन सरकार इन पदों पर शिक्षा आचार्य एवं अनुदेशकों का समायोजन नहीं कर रही है, जबकि शिक्षा आचणर्य एवं अनुदेशक समायोजन की मांग को लेकर आंदोलनरहत हैं।
(राजेन्द्र जोशी)
पूर्व सीएम निशंक ने की राष्ट्रपति शासन की मांग
कांग्रेस सरकार की करनी का फल जनता भुगत रहीरू निशंक
रूद्रपुर/देहरादून, 24 जुलाई, । प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर आपदा पीडि़तों को राहत पहुंचाने में विफल होने का आरोप लगाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक ने प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाये जाने की मांग की है। डा. निशंक मुन्स्यारी भ्रमण के लिए जाते समय पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होने कहा कि कांग्रेस सरकार की करनी का फल जनता भुगत रही है। उन्होने कहा कि आपदा प्रबंधन में सरकार पूरी तरह फेल रही है। चारधाम यात्रा की तैयारियों के दौरान सरकार आपदा से निपटने के लिए गंभीर नहीं थी। डा. निशंक ने कहा कि भाजपा ने पूर्व में ही चारधाम यात्रा के लिए पुख्ता प्रबंध करने की मांग की थी लेकिन सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया। यात्रा के लिए पूर्व में जो तैयारियां हुआ करती थी उन्हें भी नजर अंदाज कर दिया गया। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा की तैयारियों में चूक होने के बाद अब सरकार आपदा के बाद पीडि़तों को राहत पहुंचाने में भी नाकाम साबित हो रही है। अभी भी तकाम क्षेत्रों में आपदा पीडि़तों को जरूरी सुविधायें मुहैया नहीं हो पायी है। यह बड़ी विडम्बना है कि आपदा के समय भी सरकार को अपने ही प्रतिनिध सपोट नहीं कर रहे हैं। कांग्रेस के अपने ही विधायक सरकार पर आरोप लगा रहे हैं। जिससे यह स्पष्ट होता है कि कांग्रेस सरकार प्रदेश चलाने में सक्षम नहीं है। डानिशंक ने कहा कि प्रदेश में आपदा से जो क्षति हुयी है उसकी भरपाई में कई वर्ष लगेंगे। उन्होने कहा कि सरकार की अदूरदर्शिता के कारण प्रदेश का पर्यटन व्यवसाय चैपट हो रहा है। पर्यटकों से अकसर गुलजार रहने वाले मसूरी और नैनीताल में भी अब पर्यटक नजर नहीं आ रहें। आपदा के बाद लोगों में दहशत व्याप्त है। सरकार को प्रदेश में शीघ्रता से पुननिर्माण के साथ साथ पर्यटन पर भी विशेष ध्यान देना होगा। उन्होंनें कांग्रेस पर आपदा के समय राजनीति करने का भी आरोप लगाया। इस दौरान पूर्व सांसद बलराज पासी, कैलाश पंत, दान सिंह रावत के अलावा भाजपा नेता उत्तम दत्ता, विकास शर्मा, सत्यप्रकाश चैहान, राकेश सिंह, अमित नारंग, रविन्द्र बजाज, हितेन्द्र त्रिपाठी, गुंजन सुखीजा, घनश्याम श्यामपुरिया आदि मौजूद थे।
छात्रों का विरोध जारी
देहरादून, 24 जुलाई, । संध्याकालीन स्ववित्त पोषित कक्षाओं का विरोध डीएवी पीजी कालेज और डीबीएस महाविद्यालय के छात्रों द्वारा लगातार किया जा रहा है। छात्रों ने इसके विरोध में दोनों कालेजों में धरना-प्रदर्शन किया। छात्रों ने कालेज प्रबंधन और शासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। शिक्षा के बाजारीकरण के विरोध में हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया। छात्रों ने सांयकालीन कक्षाएं संचालित किए जाने संबंधी शासनादेश निरस्त किए जाने की मांग की है। छात्रों के विरोध के चलते दोनों कॉलेज अनिश्चितकाल के लिए बंद हो गए हैं। डीएवी प्रबंधन कानपुर के डीएवी और डीबीएस महाविद्यालय देहरादून में संध्याकालीन स्ववित्त पोषित कक्षाओं के संचालन संबंधी प्रस्ताव को शासन द्वारा मंजूरी प्रदान किए जाने और इसका शासनादेश जारी किए जाने के विरोध किया है।
श्रीदेव सुमन की पुण्य तिथि पर उनके दिखाए मार्ग पर चलने का आह्वान
देहरादून, 24 जुलाई, । मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने टिहरी जन क्रांति के नायक अमर शहीद श्रीदेव सुमन की पुण्य तिथि पर भाव पूर्ण स्मरण करते हुए उनके दिखाए मार्ग पर चलने का आह्वान किया है। ‘‘स्व. श्रीदेव सुमन ने जिस प्रकार निरंकुश शासन के विरूद्ध जनक्रांति का नेतृत्व किया वह हम सभी के लिए प्रेरणास्पद है। महात्मा गांधी के सत्य व अहिंसा के संदेश को लेकर जन जागृति की एक नई अलख जगाई थी।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि स्व. श्रीदेव सुमन एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे। उन्होंने टिहरी राज्य में प्रजामण्डल के कार्यों का संचालन किया और जनता को एक नई रोशनी दी।
शादी का झांसा देकर करता रहा बलात्कार
देहरादून, 24 जुलाई,। एक युवक और युवती के बीच आपस में एक कॉल सेंटर में साथ काम करते हुए प्रेम हो गया। बाद में युवक ने उसे शादी का झांसा दिया और उसके साथ बलात्कार करता रहा। वहीं जब युवती ने गर्भवती होने पर शादी के लिए दबाव डाला तो युवक ने धोखे से लड़की का गर्भपात करा दिया और चंपत हो गया। युवती की ओर से युवक एवं उसके परिवार वालों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गयी है। फिलहाल गिरफ्तारी नहंी हो पाई है और युवक का मोबाईल फोन भी बंद है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार क्लेमेंटाउन थाना क्षेत्र के सुभाषनगर स्थित एक कॉल सेंटर में युवक-युवती के बीच प्रेम पनपा। वर्ष 2011 से शुरू हुए इस प्रेम की कहानी में नजदीकियां बढती चली गयीं और युवक ने युवती को शादी करने का आश्वासन दिया। इसी दौरान युवक ने कई बार युवती से शारीरिक संबंध भी बनाए। युवती का आरोप है कि इन दो वर्षाे में संजय गगनोला ने उसके साथ गुपचुप तरीके से शादी भी की लेकिन जब भी उसने संजय को शादी पंजीकृत कराने की बात कही तो वह हर बार टालता रहा। इस दौरान युवक नियमित तौर पर लड़की घर आता रहा। दोनों के बीच बने संबंधांे के परिणाम स्वरूप युवती गर्भवती हो गयी तो लडकी ने उसे विधिवत शादी करने उसे अपने घर ले जाने के लिए दबाव बनाया, लेकिन संजय हर बार उसे टालता रहा। इधर संजय ने युवती को धोखे में रख कर उसका गर्भपात करा दिया और बिना बताए गायब हो गया। युवती ने उससे संपर्क करने का कई बार प्रयास किया लेकिन जब सफलता नहीं मिली तो उसने अपने परिजनों को इस पूरी घटना से अवगत कराया। अपने साथ हुई धोखाधड़ी और प्रेम में मिली बेवफाई पर पंजाब अमृतसर की रहने वाली इस युवती ने क्लेमेंटाउन पुलिस को घटना की जानकारी दी लेकिन संजय के ठिकाने के बारे में कोई ठोस जानकारी नहंी दे पाई। पुलिस के अनुसार लड़की की शिकायत के बाद संजय गगनोला, उसके पिता महेंद्र गगनोला एवं माता पदमा गगनोला के खिलाफ बलात्कार करने एवं आपराधिक षड़यंत्र रच कर बलात्कार करने की शिकायत दर्ज कराई गयी है। पुलिस संजय की मोबाईल लोकेशन के आधार पर उसकी तलाश कर रही है लेकिन संजय का मोबाईल फोन लगातार बंद मिल रहा है
डेढ़ किलो चरस के साथ तस्कर दबोचा
देहरादून, 24 जुलाई, । बुधवार को सहसपुर पुलिस ने डेढ किलो चरस बरामद की। पुलिस ने एक व्यक्ति को इस मामले में गिरफ्तार किया है जो कालसी से चरस को लेकर आया था और उसे किसी दूसरे व्यक्ति को डिलीवर किया जाना था। पुलिस के अनुसार आरोपी से पूछताछ की जा रही है और इस मामले में कुछ अन्य लोगों की गिरफ्तारी भी शीघ्र किए जाने की संभावनाएं जताई जा रही हैं। कालसी एवं चकराता से चरस की सप्लाई करने वाले एक और व्यक्ति का नाम सामने आया है। सहसपुर पुलिस ने आज दिन में मुखबिर की सूचना पर इस व्यक्ति को रंगे हाथों ध्र दबोचा। पुलिस को मिली सटीक सूचना के बाद आरोपी को दबोचने के लिए रणनीति बनाई गयी। सहसपुर क्षेत्र में चरस को लेकर आए कालसी मंगती पोखरी निवासी मातवर सिंह चैहान को पुलिस ने बस से उतरते ही गिरफ्तार कर लिया। तलाशी लेने पर इसके पास से एक किलो छः सौ ग्राम चरस बरामद की गयी। पूछताछ शुरू की गयी तो पता लगा कि मातवर सिंह इस चरस को विकासनगर में एक व्यक्ति के हवाले करने के लिए आया था जिसके एवज में उसे भुगतान भी वहीं किया जाना था। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इस चरस की कीमत लगभग अस्सी हजार रूपए बताई जा रही है। पुलिस के अनुसार मातवर ंिसह से पूछताछ के बाद पता लगेगा कि इससे पूर्व वह कितनी बार कालसी से चरस लेकर आया है। पुलिस के अनुसार चरस का सौदा करने वाले सौदागर को भी चिन्हित कर लिया गया है और जल्द ही उसके अलावा कुछ अन्य लोगों केा भी सलाखों के पीछे भेजा जाएगा।
उक्रांद को 16वां द्विवार्षिक महाधिवेशन शुरू
देहरादून, 24 जुलाई, । उत्तराखंड क्रांति दल का 16वां द्विवार्षिक महाधिवेशन प्रारंभ हो गया और इस दौरान प्रदेश में आई आपदा को ध्यान में रखते हुए इस महाधिवेशन को सादगी के साथ मनाया गया। वहीं कल दल के केन्द्रीय अध्यक्ष का चुनाव किया जायेगा। बुधवार को यहां जैन धर्मशाला में बनाये गये स्वर्गीय इन्द्रमणि बडोनी सभागार में दीप प्रज्जवलन के साथ द्विवार्षिक अध्विेशन की शुरूआत की गई। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि आज दल को मजबूत करने की आवश्यकता है इसके लिए सभी मिलकर प्रयास करने होंगे। इस दौरान महामंत्री शांति प्रसाद भटट ने अपनी रिपोर्ट रखी। उनका कहना है कि दल आपदा में मारे गये लोगों के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करा है और सरकार से प्रभावित लोगों की व्यापक स्तर पर सहायता करने के लिए दवाब बनायेगा। केन्द्र सरकार के आपदा से हुई क्षतिपूर्ति के मानक अत्यंत कम है और पूर्ण क्षतिग्रस्त मकान का मुआवजा 35 हजार तथा आंशिक क्षतिग्रस्त मकानों का मुआवजा पांच हजार से 15 हजार तक दिया जाता था लेकिन दल के दवाब में यह राशि एक लाख से दो लाख तक हो गई है और यह राशि भी पर्याप्त व न्याय संगत नहीं है। उनका कहना है कि जमीन का मूल्य बाजार मूल्य के अनुसार दिये जाने अथवा जमीन के बदले जमीन दिये जाने की पहल की, पूर्णतः क्षतिग्रसत गांवों को सुरक्षित, आरंक्षित वन भूमि पर बसाने एवं वन भूमि के बदले क्षतिग्रस्त गांवों की जमीनें वन विभाग को हस्तान्तरित करने का सुझाव दिये गये ताकि वन विभाग वृक्षारोपण व अन्य जरियों से क्षतिग्रसत जमीनों को संरक्षित कर सके। उनका कहना है कि वर्तमान में पूर्णतः क्षतिग्रसत हो चुके गांवों के ग्रामीणों को आईडीपीएल ऋषिकेश में स्थित लेबर कालोनी एवं उधम सिंह नगर में उपलब्ध सरकारी जमीनों पर तुरंत विस्थापित करना सुनिश्चित किया जाये, जिससे वहां पर यह लोग अपना आशियाना बना सके। आज सरकार को भी इस दिशा में ठोस नीति तैयार करने की आवश्यकता है जिससे इन प्रभावित लोग सही तरीके से अपना जीवन यापन कर सके। वक्ताओं ने कहा कि आज से ही सभी को कमर कस कर आगामी चुनाव के लिए तैयारी करनी होगी और संगठन को मजबूती प्रदान करने के लिए गांव-गांव तक जाना होगा। श्रीदेव सुमन के बलिदान को 25 जुलाई 1979 को दल की स्थापना की गई थी और इस दौरान उनके द्वारा दल के 34 साल के इतिहास पर प्रकाश डाला। दल ने किन परिस्थितियों से राज्य की लड़ाई को अपने अंजाम तक पहंुचाया। दल ने श्रीदेव सुमन के त्याग व बलिदान से प्रेरणा लेकर दल की मजबूती के लिए कार्य करना होगा ओर सभी को एकजुटता का परिचय देना होगा। उन्होंने कहा कि उव्रफांद द्वारा निकाले गये लोगों ने कई दल बना लिये है जिससे क्षेत्रीय दल को तोडने का प्रयास किया जा रहा है और ऐसे लोगों से सभी को सावधान होने की जरूरत है और इसके लिए ऐसे दलों के गठन करने वालों के खिलाफ कार्यवाही भी की जायेगी, उनका कहना है कि उक्रांद पी को राज्य में मजबूती प्रदान की जायेगी। इस अवसर पर ए पी जुयाल, लताफत हुसैन, गीता बिष्ट, मनमोहन लखेडा, मनमोहन सिंह नेगी, अतुल राणा, प्रमिला रावत, जय प्रकाश उत्तराखंडी, विरेन्द्र मोहन उत्तराखंडी, नारायण सिंह रावत, सविता आर्य, रेखा मियां, सुलोचना बहुगुणा, आदि मौजूद थे।
दल को मजबूत करने का संकल्प लिया
देहरादून, 24 जुलाई, । उत्तराखंड क्रांति दल (ऐरी गुट) की केन्द्रीय कार्यकारिणी की बैठक में दल को मजबूत करने का संकल्प लिया गया और इस दौरान राज्य भर में वृहद स्तर पर सदस्यता अभियान चलाये जाने का निर्णय लिया गया। बुधवार को यहां राजधानी दून में गांधी रोड स्थित एक होटल में दल की केन्द्रीय कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित करते हुए काशी सिंह ऐरी ने कहा कि आज प्रदेश में जिस प्रकार से व्यापक स्तर पर लोगों को आपदा का शिकार होना पड़ा है और इसमें सरकारी मशीनरी ने अभी तक किसी भी प्रकार की कोई कार्ययोजना तैयार नहीं की है केवल कागजी कार्यवाही की जा रही है और पीडि़त लोगों को राहत सामग्री नहीं मिल पा रही है और जिससे उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उनका कहना है कि आज के परिवेश में दल को व्यापक स्तर पर मजबूत करने की आवश्यकता है और इसके लिए सभी कार्यकर्ताओं को एकजुटता का परिचय देते हुए स्वयं ही जागरूक होकर आगे आना होगा। उनका कहना है कि आज प्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त राज्य बनाने के लिए सभी को मिलकर कार्य करना होगा। आपदा से निपटने के लिए सरकार पर ठोस नीति बनाये जाने के लिए दवाब बनाया जायेगा और जल्द से जल्द नीतियों को लागू कराने का प्रयास किया जायेगा। उनका कहना है कि दल के संविधान में भी व्यापक स्तर पर परिवर्तन किये जाने की जरूरत है जिससे की दल को और मजबूत किया जायेगा और इसके लिए सभी को कार्य करना होगा, जनहित के मुददों पर संघर्ष करने के लिए आंदोलन करने की रूपरेखा तैयार की जायेगी और संगठन को प्रदेश, जिला, ब्लॉक एवं पंचायत स्तर पर मजबूत करने के लिए कार्य किया जायेगा। कार्यकारिणी के पदाधिकारियों से सहयोग राशि ली जायेगी और उसे संगठन के कार्यों में लगाया जायेगा। उनका कहना है कि दल कल अपना स्थापना दिवस केन्द्रीय कार्यालय में मनायेगा। उनका कहना है कि आज जिस प्रकार से प्रदेश में आई आपदा पर राजनीति की जा रही है सभी को उससे बचने की आवश्यकता है और दल ऐसे लोगों की निंदा करता है जो इस पर राजनीति कर रहे है, ऐसे दलों के खिलापफ मुहिम छेडी जायेगी। इस दौरान अन्य वक्ताओं ने संबोधित किया। बैठक में बी डी रतूडी, नरेन्द्र सिंह रावत, वेद उनियाल, ओमी उनियाल, चन्द्रशेखर भटट, हरीश पाठक, चन्द्रा संुदरियाल, चन्द्रशेखर कापडी, बहादुर सिंह रावत, नत्थी लाल सेमवाल, आशा शर्मा, आदि मौजूद थे।
डिग्गी तोड़कर चोरी करने वाला शातिर चोर गिरफ्तार
देहरादून, 24 जुलाई, । बुधवार को डालनवाला पुलिस ने एक शाति चोर को दबोच लिया। इसके पास से एक पर्स, पांच सौ रूपए, मोबाईल सहित अन्य सामान बरामद किया गया है। पुलिस के अनुसार युवक से पूछताछ की जा रही है जिसके बाद कुछ पुरानी टप्पेबाजी की घटनाओं के संदर्भ मंे जानकारियां सामने आने की संभावनाएं जताई जा रही हैं। चोरी की एक घटना को बुधवार को अंजाम दे रहा टप्पेबाज पब्लिक की नजर मंे चढ गया जिसकी लोगों ने जमकर धुनाई कर डाली। डालनवाला पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार एक महिला बुधवार को दिन में चावला चैक मे आई थी। यहां उसने अपनी एक्टिवा को रास्ते में खड़ा किया और सामान खरीदने लगी। इसी दौरान महिला ने देखा कि एक युवक उसके वाहन की डिग्गी को खोल रहा है। महिला ने उससे पूछताछ करनी चाही तो वह डिग्गी से निकाला गया पर्स लेकर भागने की कोशिश करने लगा। महिला ने हल्ला मचाया तो वहां मौजूद लोगों ने उसे दबोच लिया और उसकी धुनाई कर दी। सूचना मिलने पर करनपुर पुलिस मौके पर पहुंची और टप्पेबाज को हिरासत में लेकर उसे थाने लाई। यहां टप्पेबाज ने अपना नाम नालापानी निवासी शक्ति उर्फ शक्तिमान बताया। पुलिस के अनुसार शक्तिमान डिग्गी तोड़ने में माहिर है। इसके पास से महिला का पर्स एवं अन्य सामान बरामद किया गया।
(मनोज इष्टवाल)

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