इंडियन मुजाहिदीन के सह-संस्थापक यासीन भटकल से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) सहित कई सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों ने पूछताछ की और उसके बाद उसे कड़ी सुरक्षा के बीच विशेष विमान से दिल्ली ले जाया गया। बिहार-नेपाल सीमा से गिरफ्तार भटकल ने कई विस्फोटों की बात कबूल की है तथा उसका कहना है कि उसे इसका कोई अफसोस नहीं है। इस बीच एनआईए प्रमुख शरद कुमार ने भी भटकल से पूछताछ की है। भटकल की गिरफ्तारी के बाद सुरक्षा और जांच एजेंसियों को कई आतंकवादी हमलों का खुलासा होने की उम्मीद है। एनआईए के सूत्रों के अनुसार भटकल और हड्डी को पटना स्थित बिहार सैन्य बल (बीएमपी) कार्यालय परिसर में रखा गया। गिरफ्तारी के बाद से ही भटकल से लगातार पूछताछ की गई। बीएमपी परिसर में शरद कुमार भी पहुंचे और उन्होंने भी भटकल से पूछताछ की।
सूत्रों का दावा है कि उसने देश के विभिन्न हिस्सों में हुए विस्फोटों में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है। पूछताछ के दौरान बिना किसी हिचकिचाहट के भटकल प्रश्नों का जवाब दे रहा था और उसे अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है। भटकल और उसके साथी को बुधवार देर रात बिहार-नेपाल सीमा के नजदीक स्थित रक्सौल से गिरफ्तार किया गया। बिहार पुलिस का कहना है कि गिरफ्तारी के वक्त भटकल ने अपनी पहचान छुपाने की हरसंभव कोशिश की थी, लेकिन पुलिस की सख्ती के आगे वह कामयाब नहीं हो पाया।
दोनों आतंकवादियों को गुरुवार शाम मोतिहारी न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें तीन दिनों के ट्रांजिट रिमांड पर एनआईए के हवाले कर दिया गया। एनआईए की टीम कड़ी सुरक्षा के बीच दोनों को लेकर पटना पहुंची। भटकल से पूछताछ एवं अन्य विषयों पर एनआईए की टीम तथा पुलिस मीडिया से दूरी बरत रही है। देश के 12 अति वांछित आतंकवादियों की सूची में शामिल भटकल और उसके अन्य साथियों की तलाश में एनआईए की टीम कई बार बिहार के दरभंगा और मधुबनी मंे छापा मार चुकी थी।

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