द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के अध्यक्ष एम. करुणानिधि ने शुक्रवार को कहा कि उनकी पार्टी खाद्य सुरक्षा विधेयक का समर्थन कर सकती है, बशर्ते कि राज्य के मौजूदा अधिकारों पर उसका कोई असर न पड़ता हो। करुणानिधि ने कहा कि तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता विधेयक का विरोध नहीं कर रही हैं, जैसाकि उन्होंने खुदरा में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के मामले में किया था। लेकिन वह खाद्य सुरक्षा विधेयक में कुछ संशोधन चाहती हैं।
करुणानिधि ने यहां जारी एक बयान में कहा है, "डीएमके विधेयक का समर्थन करेगी, बशर्ते कि राज्य के मौजूदा अधिकारों पर किसी भी तरह का असर न पड़ता हो।" उन्होंने कहा कि केंद्र को चाहिए कि राज्यों के इच्छानुरूप खाद्य सुरक्षा कानून के क्रियान्वयन की अनुमति दी जाए। जयललिता द्वारा दो अगस्त को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखे पत्र का जिक्र करते हुए करुणानिधि ने कहा कि जयललिता ने विधेयक में कुछ संशोधन सुझाए थे और उसे सिरे से खारिज नहीं किया था।
डीएमके नेता ने कहा कि खाद्य सुरक्षा विधेयक के तहत केंद्र सरकार गरीबी रेखा के नीचे के लोगों के लिए तीन रुपये प्रति किलोग्राम की दर से चावल की आपूर्ति करेगी, जबकि मौजूदा दर 5.65 रुपये प्रति किलोग्राम है।

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