बिहार : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने बाढ़-आकाल संहिता के अनुकूल सारी सुविधाएं प्रदान करने की मांग की - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 31 अगस्त 2013

बिहार : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने बाढ़-आकाल संहिता के अनुकूल सारी सुविधाएं प्रदान करने की मांग की

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भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने राज्य में बाढ़ की भयंकर विनाशलीला से प्रभावित जनजीवन को सरकार के द्वारा अब तक बाढ़ राहत प्रदान नहीं करने की प्रशासनिक उपेक्षा और लापरवाही की आलोचना की है। पार्टी ने राज्य सरकार से बाढ़ पीडि़तों को बाढ़-आकाल संहिता के अनुकूल सारी सुविधाएं प्रदान करने की मांग की है।

आज राज्य कार्यालय से जारी एक प्रेस बयान में पार्टी के राज्य सचिव राजेन्द्र प्रसाद सिंह ने कहा है कि राज्य में अबतक 20 जिलों के लगभग चार हजार गाँव बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं। अरबों रूपये की किसानों की खड़ी फसल और सरकारी, गैर सरकारी सम्पति का नुक्सान हो चुका है। लेकिन सरकार की ओर से बचाव और राहत कार्य का कोई प्रयास दिखायी नहीं दे रहा है। इधर बाढ़ से स्थिति बिगड़ती जा रही है।

राजेन्द्र प्रसाद सिंह के नेतृत्व में पार्टी का एक निरीक्षण दल ने, जिसमें बेगूसराय जिला के पार्टी के सचिव गणेश सिंह, बिहार प्रगतिशील लेखक संघ के महामंत्री राजेन्द्र राजन और अन्य स्थानीय नेता शामिल हैं, आज बेगूसराय जिला के अकबरपुर साम्हो सहित बाढ़ प्रभावित, इलाकों का दौरा करने के बाद बताया कि लाखों लोग बाढ़ के पानी में धिरे हुए हैं लेकिन प्रशासन की आरे से ठहरने के लिए पोलीथीन नहीं है। न भोजन है, न पीने का पानीं हैं, मरीजों की दवा नहीं है। नन्हें बच्चे, महिलाएं, खुले आसमान में पड़े तड़प रहे हैं। अन्य बाढ़-प्रभावित जिलों की स्थिति भी ऐसी ही है। लेकिन सरकार इनके राहत और बचाव की व्यवस्था नहीं कर पा रही है।

श्री राजेन्द्र प्रसाद सिंह ने कहा कि सरकार का यह दावा खोखला साबित हो गया कि बाढ़ से बचाव का प्रशासन ने पोख्ता इन्तजाम कर लिया है। प्रशासनिक लापरवाही की वजह से जगह-जगह बांध टूट रही है। बांधों की हालत जर्जर हैं। ऐसी हालत में गंगा, सरयू आदि नदियों में आयी बाढ़ के पानी ने बांधों को तोड़कर हजारों गाँवों को जलप्लावित कर दिया है।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव ने मांग की है कि बाढ़ में धिरे लोगों को बचाने के लिए पर्याप्त पोलिथीन, तैयार भोजन, पीने का पानी, बच्चों के लिए दूध, मरीजों के लिए दवा, मवेशियों के लिए चारा आदि की अविलम्ब व्यवस्था की जाय। श्री सिंह ने  आक्रोश व्यक्त किया है कि इतने बड़े पैमाने पर अचानक बाढ़ आने के बावजूद बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सरकार बाढ़-आकाल संहिता का खुल्लम खुल्ला उल्लंधन कर रही है। उसके कारण लाखों लोगों की जान खतरे में है।

राज्य सचिव राजेन्द्र प्रसाद सिंह ने सरकार से मांग की है कि पंचायत स्तर से लेकर राज्य स्तर तक राहत कार्य की निगरानी के लिए सर्वदलीय निगरानी समीतियां गठित की जाय।

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