तलाक होने की स्थिति में पति की संपत्ति में पत्नी और बच्चों को अधिकार सुनिश्चित करने के मकसद से एक महत्वपूर्ण विधेयक को राज्यसभा की मंजूरी मिल गयी.पति की अचल संपत्ति में पत्नी और बच्चों का अधिकार सुनिश्चित करने वाले विवाह विधि (संशोधन) विधेयक 2010 को सोमवार को चर्चा के बाद उच्च सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी प्रदान कर दी. विधेयक में तलाक की स्थिति में पत्नी को पति की अचल संपत्ति से मिलने वाले हिस्से की मात्रा को निर्धारित नहीं किया गया है और यह तय करने का काम अदालत पर छोड़ दिया गया है.
विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि पुरुष प्रधान समाज में महिलाओं को अधिकार दिलाने के लिए यह विधेयक काफी महत्वपूर्ण साबित होगा. इसके तहत पति की स्वअर्जित संपत्ति में से पत्नी को अधिकार मिलेगा. उन्होंने कहा कि यह प्रावधान चल संपत्ति पर भी लागू होगा.
उन्होंने कहा कि तलाक के दौरान सभी तथ्यों पर विचार कर न्यायाधीश फैसला करेंगे कि पत्नी को कितना गुजारा भत्ता दिया जाना चाहिए. अगर अदालत के फैसले से असहमति हो तो उच्च अदालतों में उसे चुनौती दी जा सकती है. सिब्बल ने कहा कि विधेयक में महिला और पुरुष दोनों का ही ध्यान रखा गया है. उन्होंने कहा कि कुल आबादी में महिलाओं की संख्या 50 फीसदी होने के बावजूद संपत्ति का 98 फीसदी हिस्सा पुरुषों के पास होता है. ऐसे में विधेयक के माध्यम से यह संदेश जाना चाहिए तलाक के बाद महिलाओं का भविष्य सुरक्षित होगा.

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