बेकसूर मुस्लिम युवाओं को गलत तरीके से हिरासत में न लिया जाए: गृह मंत्री - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 30 सितंबर 2013

बेकसूर मुस्लिम युवाओं को गलत तरीके से हिरासत में न लिया जाए: गृह मंत्री

गृह मंत्री सुशील कुमार शिन्दे ने सोमवार को सभी मुख्यमंत्रियों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि कोई भी बेकसूर मुस्लिम युवा आतंक के नाम पर गलत तरीके से हिरासत में न लिया जाए। मुख्यमंत्रियों को लिखे एक पत्र में शिन्दे ने कहा है कि कानून से जुड़ी एजेंसियों द्वारा बेकसूर मुस्लिम युवाओं को कथित तौर पर प्रताड़ित किए जाने के बारे में केंद्र सरकार को विभिन्न प्रतिनिधित्वों के जरिये बताया जा रहा है। उन्होंने लिखा है कुछ अल्पसंख्यक युवाओं को लग रहा है कि उन्हें जानबूझकर निशाना बनाया गया और उन्हें उनके मूलभूत अधिकारों से वंचित किया गया। गृह मंत्री ने जोर दिया कि सरकार हर तरह के आतंकवाद से मुकाबला करने के अपने मुख्य सिद्धांत के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने मुख्यमंत्रियों को लिखा है सरकार को यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी बेकसूर व्यक्ति बेवजह प्रताड़ित न हो। शिन्दे ने राज्य सरकारों से कहा कि वे आतंकवाद संबंधी मामलों की सुनवाई के लिए संबद्ध उच्च न्यायालयों के परामर्श से विशेष अदालतें स्थापित करें, विशेष सरकारी वकीलों की नियुक्ति करें और अन्य लंबित मामलों की तुलना में ऐसे मामलों को प्राथमिकता दें।

गृह मंत्री ने कहा कि कानून निर्माता एजेंसियां आतंकवाद के लिए पूर्ण असहिष्णुता वाली नीति सुनिश्चित करने के साथ ही सांप्रदायिक और सामाजिक सदभाव के संदर्भ में संतुष्ट हों। उन्होंने कहा कि जहां अल्पसंख्यक समुदाय के किसी सदस्य की गलत भावना से गिरफ्तारी हो, गलत तरीके से गिरफ्तारी हो वहां ऐसा करने वाले पुलिस अधिकारी के खिलाफ कड़ी एवं शीघ्र कार्रवाई की जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि गिरफ्तार व्यक्ति को न केवल तत्काल रिहा किया जाए, बल्कि उसे समुचित मुआवजा दिया जाना चाहिए और पुनर्वास किया जाना चाहिए ताकि वह मुख्यधारा से जुड़ सके। मई में केंद्र सरकार ने आतंकवाद संबंधी मामलों के लिए एनआईए कानून के तहत 39 विशेष अदालतें स्थापित कीं। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री के रहमान खान ने भी शिंदे को पत्र लिख कर देश के अलग-अलग भागों में मुस्लिम युवकों की आतंकवाद संबंधी मामलों में गलत तरीके से गिरफ्तारी को लेकर चिंता जताई थी।

गैरकानूनी गतिविधियां निरोधक कानून के प्रावधानों को लेकर मुस्लिम निकायों द्वारा जताई जा रही चिंता से गृह मंत्रालय को अवगत कराते हुए खान ने विशेष अदालतें स्थापित करने का प्रस्ताव रखा था ताकि आतंकवाद संबंधी सभी मामलों की शीघ्र सुनवाई हो सके। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री के सुझाव का समर्थन करते हुए शिन्दे ने उन्हें लिखा मैं आपको आश्वासन देता हूं कि ऐसा होगा।

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