भारत एशिया में आर्थिक संरचना के निर्माण में मदद करेगा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

गुरुवार, 10 अक्तूबर 2013

भारत एशिया में आर्थिक संरचना के निर्माण में मदद करेगा

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गुरुवार को एशिया में आर्थिक व सुरक्षा सहयोग की एक क्षेत्रीय संरचना के निर्माण की भारत की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि वैश्विक आर्थिक अस्थिरता व दुनिया के कुछ हिस्सों में राजनीतिक उथलपुथल के चलते अब इस तरह की सामूहिक कार्यवाही व सहयोग की तीव्र आवश्यकता है।

मनमोहन सिंह दक्षिणपूर्व एशिया की यात्रा के पहले चरण में 11वें भारत-आसियान शिखर सम्मेलन व आठवें पूर्व एशियाई शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए बुधवार को ब्रुनेई की राजधानी पहुंचे।

उन्होंने कहा कि भारत वित्त पोषण के बुनियादी ढांचे के नवीन साधनों पर समान विचारधारा वाले देशों के साथ बातचीत व सहयोग के लिए उत्सुक है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भौतिक बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए साथ ही साथ अन्य तरह के बुनियादी ढांचे का निर्माण भी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि भारत इस साल के अंत में आसियान कनेक्टिविटी कोऑर्डिनेटिंग कमेटी व पूर्व एशिया शिखर सम्मेलन के बीच होने वाली बैठक की ब्रुनेई की पहल का स्वागत करता है।

कोई टिप्पणी नहीं: