पटना धमाका मुज़फ्फरनगर दंगे का बदला लेने के लिए किये गए. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 28 अक्तूबर 2013

पटना धमाका मुज़फ्फरनगर दंगे का बदला लेने के लिए किये गए.

पटना सीरियल ब्लास्ट में बड़ा खुलासा हुआ है. पकड़े गए संदिग्ध शख्स ने खुलासा किया है कि मुजफ्फरनगर दंगे का बदला लेने के लिए ये धमाके किए गए थे. इन सात धमाकों में 6 लोगों की मौत हुई जबकि 80 घायल हुए. एसएसपी ने बताया है कि आतंकी तीन टीमों में आए थे. 

पटना में धमाकों के 2 संदिग्ध इम्तेयाज और तारीक को हिरासत में लिया गया है. इनकी निशानदेही पर कई जगहों पर छापेमारी की जा रही है. बिहार और झारखंड के कई इलाकों से धमाकों के सुराग तलाशने की कोशिश की जा रही है. इस बीच पटना में पकड़े इम्तेयाज के रांची स्थित घर पर भी छापा मारा गया. इस छापेमारी में एक प्रेशर कुकर बम और हथियार भी बरामद हुए हैं. इसके अलावा ओसामा बिन लादेन की एक तस्वीर, जिहादी साहित्य और ऐसी ही सीडी भी मिली है. 

धमाकों के पीछे कौन मास्टरमांइड था? सूत्रों के मुताबिक पटना धमाकों के पीछे इंडियन मुजाहिद्दीन के तहसीन नाम के एक आतंकी का दिमाग था. तहसीन इंडियन मुजाहिद्दीन के संस्थापक यासीन भटकल का करीबी है और उस पर 10 लाख रुपये का इनाम है. शक है कि इसी ने धमाका करने के लिए लड़कों को भेजा था.
ब्लास्ट की जांच के लिए केन्द्र सरकार की तीन टीमें पटना में मौजूद है. एनआईए बमों की साजिश के तार खंगालने में जुटा है. गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे खुद मामल पर नजर रखे हुए है. उनका कहना है कि वो राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के संपर्क में है.

बिहार के डीजीपी अभयानंद का कहना है कि पटना में 7 लो पावर आईडी बलास्ट हुए थे जबकि 4 जिंदा बम बरामद किए गए है. जिन्हें सुरक्षा बलों ने मौके पर ही डिफ्यूज किया. इन सब बमों में टाइमर लगाया मिला है. पटना में सीरियल ब्लास्ट को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रविवार देर शाम घर से निकले पहले वो गांधी मैदान में उस जगह पर गए जहां धमाके हुए. मौके का मुआयना करने के बाद नीतीश कुमार यहां के पीएमसीएच अस्पताल गए और यहां भर्ती घायलों से मुलाकात की. ब्लास्ट में 80 से ज्यादा लोग घायल हुए है.

धमाकों पर सियासत तेज हो गई है. बीजेपी नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने रैली में हुए धमाकों को लेकर नीतीश सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. दूसरी ओर गुजरात के मुख्यमंत्री कार्यालय ने भी रैली में लचर सुरक्षा व्यवस्था का आरोप लगाया है. पूर्व केन्द्रीय मंत्री और रांची से सांसद सुबोध कांत सहाय बीजेपी और मोदी पर आरोप लगा दिया है कि उन्होने हीरो बनने के लिए खुद धमाके कराए है.

 मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने धमाके के पीछे राजनीतिक साजिश की आशंका से इंकार किया है. उन्होंने रैली की सुरक्षा में किसी तरह की कोताही बरते जाने से इनकार किया है. और धमाकों में मारे गए लोगों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये की सहायता देने का ऐलान किया है.




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