सचिन तेंदुलकर की आखरी रणजी, मिली गार्ड ऑफ ऑनर. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

सोमवार, 28 अक्तूबर 2013

सचिन तेंदुलकर की आखरी रणजी, मिली गार्ड ऑफ ऑनर.

रणजी ट्राफी सत्र की ऐसी शुरूआत कभी नहीं हुई होगी जैसी कि आज हरियाणा के इस छोटे से कस्बे में हुई. सचिन तेंदुलकर आज यहां अपना आखिरी रणजी मैच खेलने के लिए उतरे और इस अवसर पर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया.

तेंदुलकर ने अगले महीने वेस्टइंडीज के खिलाफ होने वाले दो टेस्ट मैचों की श्रृंखला के बाद संन्यास लेने की घोषणा की है और इससे पहले उन्होंने मेजबान हरियाणा के खिलाफ आखिरी रणजी मैच खेलने का फैसला किया.

इस अवसर को यादगार बनाने के लिए मैच से पहले दोनों टीमों के खिलाड़ी पंक्तिबद्ध होकर खड़े हुए और इस स्टार बल्लेबाज ने 8000 दर्शकों की क्षमता वाले चौधरी बंसीलाल स्टेडियम में तालियों की गड़गड़ाहट के बीच स्टेडियम में कदम रखा. इस रणजी मैच से पहले तेंदुलकर ही चर्चा का विषय रहे जो वेस्टइंडीज के खिलाफ मुंबई में 14 से 18 नवंबर को अपना 200वां टेस्ट मैच खेलने के बाद संन्यास ले लेंगे. यह घरेलू स्तर पर उनका आखिरी मैच होगा.

मुंबई ने जब हरियाणा को 134 रन पर ढेर कर दिया तो लंच के समय राज्य के मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा ने उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट किया. इस अवसर पर बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष रणबीर सिंह महेंद्रा भी उपस्थित थे. मुंबई की पारी की शुरूआत भी अच्छी नहीं रही और उसने जब अपना दूसरा विकेट जल्दी गंवा दिया तो तेंदुलकर क्रीज पर उतरे. दर्शकों का उत्साह देखते ही बनता था. उन्होंने खड़े होकर इस दिग्गज बल्लेबाज का अभिवादन किया.

तेंदुलकर ने जोगिंदर शर्मा पर पसंदीदा स्ट्रेट ड्राइव से चौका जड़कर खाता खोला जिससे स्टेडियम में सचिन सचिन की गूंज सुनाई देने लगी. इसके तुरंत बाद चाय का विश्राम हो गया. दर्शकों का कौतुहल बढ़ गया. तेंदुलकर ने तीसरे सत्र के पहले ओवर में एक रन लिया लेकिन इसके बाद दर्शकों को निराशा का सामना करना पड़ा.

मध्यम गति के गेंदबाज मोहित शर्मा ने गेंद संभाली. उनकी पहली ही गुडलेंथ गेंद में अच्छी उछाल थी जिसे तेंदुलकर ने आगे बढ़कर रक्षात्मक रूप से खेलना चाहा लेकिन वह उनके ग्लब्स से लगकर विकेटों में समा गयी. स्टेडियम सन्न रह गया. इस अवसर पर 1991 में महान कपिल देव की अगुवाई में मुंबई को हराकर रणजी ट्राफी जीतने वाली हरियाणा की टीम के खिलाड़ी भी यहां एकत्रित हुए थे. कपिल की उपस्थिति से लगता है कि हरियाणा क्रिकेट संघ के साथ उनके संबंध अब सुधर गए हैं.

पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज चेतन शर्मा भी उपस्थित थे जबकि 1991 फाइनल के अन्य खिलाड़ी अजय जडेजा वर्तमान मैच में हरियाणा टीम की अगुवाई कर रहे हैं. उन्होंने लगभग सात साल बाद प्रतिस्पर्द्धी क्रिकेट में वापसी की है.

कोई टिप्पणी नहीं: