शीर्ष भारतीय महिला युगल टेनिस स्टार ज्वाला गुट्टा खुद को आजीवन प्रतिबंधित किए जाने की चेतावनी दिए जाने के लिए भारतीय बैडमिंटन संघ (बीएआई) के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटा सकती हैं। ज्वाला के कोच सैयद मोहम्मद आरिफ ने ज्वाला को प्रतिबंध की चेतावनी वाला नोटिस दिए जाने से पहले बीएआई के मीडिया में इसका खुलासा किए जाने के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराने का सुझाव दिया है। ज्वाला ने हालांकि अभी तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
इंडियन बैडमिंटन लीग (आईबीएल) के दौरान बांगा बीट्स से हो रहे मैच के दौरान अपनी टीम के खिलाड़ियों को खेलने से रोकने की कोशिश करने के लिए बीएआई की अनुशासन समिति ने ज्वाला पर आजीवन प्रतिबंध लगाए जाने की सिफारिश की है। कोच आरिफ की सलाह पर ज्वाला ने मामले पर चुप्पी साध रखी है।
राष्ट्रीय बैडमिंटन कोच रह चुके आरिफ ने बताया, "मैंने उनसे (ज्वाला) तब तक कोई प्रतिक्रिया न देने के लिए कहा है, जब तक बीएआई उन्हें नोटिस नहीं दे देता। उसके बाद वह अदालत जा सकती हैं। वास्तव में मैंने उन्हें मानहानि का मुकदमा दर्ज कराने का सुझाव दिया है।" आरिफ ने कहा कि यह बैडमिंटन और ज्वाला जैसी प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के साथ भद्दे मजाक जैसा है।
बीएआई के अध्यक्ष अखिलेश दासगुप्ता ने कहा है कि यदि वह (ज्वाला) बिना शर्त माफी मांग लेती हैं तो उनके मामले पर पुनर्विचार किया जा सकता है। आरिफ ने कहा कि देश के लिए विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक और राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण जीतने वाली खिलाड़ी का बीएआई ने दोबारा अपमान किया है।
आरिफ ने कहा कि आईबीएल के दौरान बांगा बीट्स द्वारा मैच के आखिरी पल में किए गए खिलड़ियों के फेरबदल के खिलाफ खेलने के लिए न उतरने का निर्णय ज्वाला का नहीं था, बल्कि उन्होंने अपनी टीम के प्रायोजकों के निर्देश का पालन ही किया था। आरिफ ने बताया कि ज्वाला ने इस पर मिले कारण बताओ नोटिस का स्पष्टीकरण विस्तार से अपने चार पेज के जवाब में दे दिया था।
आरिफ ने कहा, "ज्वाला के खिलाफ कार्रवाई संबंधी नोटिस जारी करने की बजाय बीएआई ने मीडिया को इसकी जानकारी दे दी। यह तो एक भद्दा मजाक है।" आरिफ के अनुसार ज्वाला पर अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने के कारण निशाना साधा जा रहा है।
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