दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को वह याचिका खारिज कर दी जिसमें बॉलीवुड फिल्म 'राम-लीला' के प्रदर्शन पर रोक लगाए जाने की मांग की गई थी। फिल्म में रणवीर सिंह व दीपिका पादुकोण ने मुख्य भूमिकाएं निभाई हैं। मुख्य न्यायमूर्ति एन.वी. रमना व न्यायमूर्ति मनमोहन की खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया। साथ ही याचिकाकर्ता स्वयंसेवी संगठन (एनजीओ) राष्ट्रवादी शिवसेना पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया है। राष्ट्रवादी शिवसेना ने याचिका में कहा था कि फिल्म का शीर्षक बदला जाना चाहिए क्योंकि यह लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत करता है। आगामी 15 नवंबर को प्रदर्शित होने जा रही 'राम-लीला' का निर्देशन संजयलीला भंसाली ने किया है।
एनजीओ के अध्यक्ष जय भगवान गोयल द्वारा याचिका में कहा गया है, "'राम-लीला' शीर्षक को हिंदू लोग इस तरह से समझते हैं कि यह भगवान राम के जीवन की कहानी होगी। लेकिन फिल्म में ऐसा कुछ नहीं है बल्कि यह यौन संबंधों, हिंसा और अश्लीलता की कहानी है, जो हिंदूओं की भावनाओं को आहत करती है।" याचिका में कहा गया, "फिल्म की व्यवस्थापना, इसका निर्माण व प्रदर्शन हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं का अपमान है।" इसमें कहा गया है कि इस तरह की फिल्म का 'राम-लीला' नाम होने पर उन्हें आपत्ति है।
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