राजगढ़ (मध्यप्रदेश) की खबर (31 दिसंबर) - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 31 दिसंबर 2013

राजगढ़ (मध्यप्रदेश) की खबर (31 दिसंबर)

शीत कालीन वर्षा से फसलों पर प्रभाव, और किसान भाईयों को कृषि विभाग की सलाह

राजगढ़ 31 दिसम्बर/ शीत कालीन वर्षा को मावठा कहा जाता है। प्रायः शीत कालीन वर्षा रबी फसलों के लिये अमृत तुल्य लाभकारी होता है। जिले में 30 दिसम्बर 2013 के मध्य रात्रि से जिला राजगढ़ के सभी विकास खण्डों में हल्की वर्षा हुई है। मावठा के लाभकारी प्रभावो के सबंध में उप संचालक कृषि ने बताया कि वर्तमान में गेहूॅ की फसल कंसे एवं गभोट की अवस्था मे है। इसी तरह चने की फसल पुष्पन अवस्था में है। सरसों एवं धनिया की फसलें भी पुष्पन अवस्था में है। फसलों की इस अवस्था में एक सिंचाई की नितांत आवश्यकता होती है। जो इस शीतकालीन वर्षा से पूर्ति हो जाएगी। वातावरण में  आर्द्रता एवं खेतों में नमी उपलब्ध होने से पौधों के स्वस्थ्य विकास के लिए उपयुक्त स्थिति निर्मित होगी। जिससे पौधो की शाखायें एवं कंसे विकसित होंगे एवं फल-फूल अधिक लगने से उत्पादन में बढ़ोतरी होगी। उन्होने बताया कि उपयुक्त समय में वर्षा होने के कारण एक सिंचाई की पूर्ति हुई है तथा लागत व्यय में कमी आई है जिससे कृषकों को सीधा आर्थिक श्रम लागत का लाभ मिलेगा। खेतों में नमी होने से तथा आसमान में बादल छाये रहने के कारण वर्तमान में पाला पड़ने की सम्भावना बिल्कुल नहीं हैं। सम्भावित नुकसान के संबंध में उप संचालक द्वारा बताया गया कि आसमान से बादल छटने के तत्काल बाद तापमान में तीव्र गिरावट आने की सम्भावना है जिससे पाला की स्थिति निर्मित होगी। इसी तरह लगातार बादल छाये रहने एवं आर्द्र वातावरण के कारण कीट एवं व्याधि का प्रकोप बढ़ सकता है।

किसान भाईयों को सलाह
बादल छटने के तत्काल बाद तापमान में गिरावट आयेगी । वातावरण में तापमान में 4 डिग्री सेल्सियस से नीचे गिरावट आने पर पाला पड़ने की सम्भावना होगी । ऐसी स्थिति में किसान भाई खेतों में खड़ी फसलों पर स्प्रिंकलर (फव्वारा) से हल्की सिंचाई अवश्य करें। खेत की मेड़ों पर मध्य रात्रि से घास-फूस जला कर धंॅुआ करें। तनु सल्फ्यूरिक एसिड  का 0.1 प्रतिशत का घोल तैयार कर फसलों पर छिड़काव किया जावे। प्रातःकाल फसलों की पत्तियों पर जमी बर्फ को रस्सी चलाकर गिराने का प्रयास किया जावे। आर्द्र वातावरण एवं बादल छाये रहने के कारण चने में इल्ली एवं सरसों में माहो का प्रकोप हो सकता है। चने की इल्ली के लिए प्रोफेनोफाॅस 50 ईसी 2 एम एल प्रति लीटर पानी में या इन्डेक्सोकार्ब 14.5-एलसी 1 एमएल प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर किसान भाई छिड़काव करें। इसी तरह सरसों के माहो के लिए किसान भाई मिथाईल डेमेटाॅन 25 ईसी 2 एम एल प्रति लीटर घोल तैयार कर छिड़काव तत्काल किया जाए या इमिडाक्लोप्रिड 5 मि.ली. प्रति 15 लीटर पानी में घोल तैयार कर छिड़काव करें। धनिया, मटर एवं मसूर में पावडरी मिल्ड्यू का उपचार हेतु सल्फेक्स 80 प्रतिशत डब्लुपी का 3 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोल तैयार कर  अथवा डायइथेन एम-45,  2 ग्राम प्रति लीटर अथवा कार्बेन्डाजिम 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोल तैयार कर छिड़काव करें।

सबला योजनान्तर्गत जिला स्तरीय प्रशिक्षण संपन्न

rajgarh news
राजगढ़ 31 दिसम्बर/ ‘‘सबला‘‘ योजना अन्तर्गत जिला स्तरीय प्रषिक्षको का चार दिवसीय प्रषिक्षण सत्र आर.सी.एच. हाल राजगढ़ में आयोजित किया गया। इसमें समस्त परियोजना अधिकारीयों एवं पर्यवेक्षकों को 27 दिसंबर से 30 दिसंबर 2013 तक जिला स्तरीय मास्टर ट्रेनर के रूप प्रषिक्षित किया गया। यह प्रषिक्षण आवासीय था। प्रतिभागियों को होटल संस्कृति में रूकवाया गया। चार दिवसीय आवासीय प्रषिक्षण में समस्त प्रतिभागियों को जिले में सबला योजना के उद्देश्य, दिशा निर्देष , योजना का क्रियान्वयन, बाल सुरक्षा व बाल अधिकार संरक्षण, किशोरवस्था, किशोरी बालिकाओं का प्रजनन एवं यौन स्वास्थ्य, विवाह की आयु, परिवार नियोजन, सुरक्षित मातृत्व, आहार पोषण, किशोरियों का एनीमिया से बचाव, सबला योजना के क्रियान्वयन में सखी, सहेली, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व पर्यवेक्षक की भूमिका आदि विषयों पर प्रशिक्षित किया गया। प्रशिक्षण अन्तर्गत संचालनालय एकीकृत बाल विकास सेवा भोपाल श्रीमती बीना मेढेके द्वारा सबला योजना के विस्तृत स्वरूप, क्रियान्वयन तथा विभिन्न प्रशिक्षण जो दिये जाने है, उन पर प्रशिक्षण दिया गया। श्रीमती अर्चना सहाय द्वारा बालिकाओं को संरक्षण देने हेतु बाल संरक्षण तथा डाॅक्टर रेणु दुबे द्वारा किशोरी प्रजनन पर प्रशिक्षण दिया गया। साथ ही भोपाल से टेªनिंग लेकर आयीं मास्टर टेªनर श्रीमती जयंती ठाकुर, कुमारी लता गढ़वाल द्वारा भी प्रशिक्षण दिया गया। जिला कार्यक्रम अधिकारी, श्री योगेन्द्र सिंह यादव द्वारा प्रशिक्षण अन्तर्गत समस्त प्रतिभागीयों को जिले में सबला योजना के सुचारू क्रियान्वयन हेतु दिशा निर्देश दिये गये। उन्होने बताया कि समस्त प्रतिभागियों द्वारा मास्टर टेªनर के रूप में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, सखी, सहेलियों को प्रशिक्षित किया जाना है।

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