दिल्ली की नई विधानसभा का पहला सत्र बुधवार से शुरू हो रहा है, जो 7 जनवरी तक चलेगा. इसी दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी की सरकार सदन में विश्वास मत हासिल करने का प्रयास करेगी. नए विधायकों को बुधवार को पद की शपथ दिलाई जायेगी जबकि केजरीवाल को तीन जनवरी तक सदन में बहुमत साबित करना है.
आम आदमी पार्टी की ओर से विधायक एमएस धीर को विधानसभा अध्यक्ष का उम्मीदवार घोषित किया गया है. गुरुवार को विधान सभा में आम आदमी सरकार को बहुमत सिद्ध करना है. लोक सभा के 65 वर्ष के इतिहास में और दिल्ली विधान सभा के इतिहास में यह पहली बार हो रहा है कि विधान सभा अध्यक्ष के चुनाव के पहले ही अस्थायी अध्यक्ष द्वारा बहुमत साबित करने की प्रक्रिया पूरी की जा रही है. सत्र के तीसरे दिन शुक्रवार को विधान सभा अध्यक्ष का चुनाव होना है. यहां आप की स्थिति ज्यादा नाजुक है. कांग्रेस ने उन्हें अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए समर्थन देने की हामी नहीं भरी है. उधर भाजपा इस पद के लिए अपना उम्मीदवार खड़ा करेगी.
दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा में आप के 28 विधायक हैं जो बहुमत की संख्या से आठ कम है. आप को कांग्रेस के आठ विधायकों का समर्थन है जिसके बदौलत वह बहुमत पा सकती है. कांग्रेस के एक भी विधायक अनुपस्थित न हों, इसके लिए पार्टी को व्हिप जारी करना होगा. चूंकि आप को कांग्रेस आलाकमान से समर्थन का पत्र प्राप्त है इसलिए बहुमत सिद्ध होने में उन्हें कोई परेशानी नहीं है. सदन में भाजपा के 31 और सहयोगी अकाली दल का एक विधायक है. आप ने पहली बार विधायक बने एमएस धीर को अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बनाया है.
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