15वीं लोकसभा के साथ ही खत्म हो गए 68 विधेयक - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 22 फ़रवरी 2014

15वीं लोकसभा के साथ ही खत्म हो गए 68 विधेयक


parliament of india
सबसे कम विधेयक पारित करने वाली के रूप में 15वीं लोकसभा इतिहास के पन्नों में समा चुका है। इस लोकसभा का कार्यकाल समाप्त होने के साथ ही 68 विधेयक भी समाप्त हो गए। जो विधेयक समाप्त हो गए उनमें महिलाओं के लिए संसद और विधायिका में 30 प्रतिशत सीटें आरक्षित किया जाना और पंचायतों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने का प्रावधान वाला विधेयक भी शामिल है। पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च द्वारा तैयार किए गए आंकड़े के मुताबिक, पांच वर्ष के कार्यकाल में विचार और पारित करने के लिए सूचीबद्ध 326 विधेयकों में से इस लोकसभा ने 177 विधेयक पारित किए।

यह पांच वर्ष के पूर्ण कार्यकाल में पारित किए गए विधेयकों की सबसे कम संख्या है। इसके मुकाबले 13वीं लोकसभा ने 297 और 14वीं ने 248 विधेयक पारित किए थे। संसद में अभी कुल 128 विधेयक लंबित हैं। इनमें से 60 राज्यसभा में और 68 लोकसभा में हैं। लोकसभा में समाप्त हुए विधेयकों की यह अबतक की सबसे बड़ी संख्या है।

समाप्त होने वाले विधेयकों में वित्त मंत्रालय के 12, मानव संसाधन विकास मंत्रालय के 10, प्रधानमंत्री के अधीनस्थ कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन विभाग के 8, कानून मंत्रालय के सात और गृह मंत्रालय के पांच विधेयक हैं।

समाप्त होने वाले कुछ महत्वपूर्ण विधेयक इस प्रकार हैं।

  • महिलाओं को संसद और विधायिका में आरक्षण देने संबंधी संविधान (108वां संशोधन) विधेयक।
  • महिलाओं को पंचायत में आरक्षण देने के लिए संविधान (110वां संशोधन) विधेयक।
  • नगरपालिकाओं में निर्वाचित सीटों में से एक तिहाई महिलाओं के लिए आरक्षण से संबंधित संविधान (112वां संशोधन) विधेयक।

न्यायिक मानदंड एवं जवाबदेही विधेयक 2010 : यह विधेयक न्यायाधीशों के व्यवहार के लिए लागू किए जाने वाले मानक तैयार करने के लिए लाया गया था। इसमें न्यायाधीशों के लिए अपने और अपने परिवार के सदस्यों की संपत्ति और देनदारियों का खुलासा करने की व्यवस्था की गई थी।

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