आईपीएल में सट्टेबाजी को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई जस्टिस मुकुल मुदगल कमिटी की रिपोर्ट से चेन्नै सुपरकिंग्स के मालिक एन. श्रीनिवासन के दामाद मयप्पन पर शिकंजा कस गया है। कमिटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि गुरुनाथ मयप्पन के खिलाफ सट्टा लगाने और सूचना मुहैया कराने का आरोप साबित होते हैं। इसके साथ ही रिपोर्ट में कहा गया है कि मयप्पन के खिलाफ मैच फिक्सिंग के आरोप पर अभी और जांच करने की जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट को सौंपी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि राजस्थान रॉयल्स के राज कुंद्रा के खिलाफ स्पॉट फिक्सिंग के आरोपों की भी और जांच की आवश्यकता है।
कमिटी ने सुप्रीम कोर्ट को बंद लिफाफे में जांच के दौरान सामने आए नाम दिए। इसमें एन. श्रीनिवासन के इस तर्क को खारिज किया गया है कि मयप्पन चेन्नै सुपरकिंग्स फ्रैंचाइजी से जुड़े नहीं थे और केवल एक क्रिकेट समर्थक थे। इसमें कहा गया है कि मयप्पन चेन्नै सुपर किंग्स का चेहरा थे। कमिटी ने माना है कि बीसीसीआई प्रमुख के पद पर श्रीनिवासन के रहने और आईपीएल फ्रैंचाइजी के मालिकाना हक पर हितों का टकराव एक गंभीर मुद्दा है, अदालत द्वारा इस पर विचार किए जाने की जरूरत है।
मुदगल कमिटी ने क्रिकेट को 'साफ सुथरा' खेल बनाने और इसमें स्पॉट व मैच फिक्सिंग जैसी बुराइयों को रोकने के लिए 10 सुझाव भी दिए हैं। इनमें रिटायर्ड सशस्त्र बल कर्मियों और पुलिस अधिकारियों की भर्ती के साथ-साथ इस बात की पैरवी की गई है कि जाने-माने खिलाड़ी - सचिन तेंडुलकर, राहुल द्रविड़, सौरभ गांगुली, लक्ष्मण, वी प्रसाद, अनिल कुंबले- नए क्रिकेटरों को मैच फिक्सिंग की बुराई के बारे में बताएं।

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