बिहार : यू.के.सरकार के अन्तरराष्ट्रीय विकास विभाग से संचालित पैक्स कार्यक्रम के बढ़ते कदम - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।


शुक्रवार, 21 फ़रवरी 2014

बिहार : यू.के.सरकार के अन्तरराष्ट्रीय विकास विभाग से संचालित पैक्स कार्यक्रम के बढ़ते कदम

bihar in UK
गया। यू.के.सरकार के अन्तरराष्ट्रीय विकास विभाग से संचालित पैक्स कार्यक्रम है। इसके तहत भारत में नागर समाज के संगठनों के माध्यम से सामाजिक बहिष्करण व भेदभाव के मुद्दों को सामाने लाना और उसे दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। 

पूअरेस्ट एरियाज सिविल सोसाइटी (पैक्स) के निदेशक राजन खोसला ने कहा कि पैक्स कार्यक्रम के अन्तर्गत आजीविका के अधिकार व  मूलभूत सेवाओं के अधिकार पर क्रेन्दित होकर देश के सात राज्यों के 90 निर्धनतम जिलों में कुल 225 स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ मिलकर काम किया जा रहा है। आजीविका के अधिकार में मनरेगा सबसे महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में से एक है। मनरेगा सिर्फ 100 दिन के रोजगार की गारंटी नहीं देता बल्कि उपयोगी परिसंपतियों के सृजन के माध्यम से स्थाई विकास की राह बनाता है जिससे वंचित समुदायों को लाभ मिल सके।

बिहार व झारखंड में 2012 में पैक्स मनरेगा अभियान की शुरूआत हुई जिसके तहत ‘काम मांगो’ अभियान और सामाजिक अंकेक्षण पर एक साक्षा पहल की गई। अभियान में राज्य व जिलों के स्तर पर प्रशासन का भी सहयोग प्राप्त हुआ। एक निश्चित अवधि में 70,000 से अधिक काम के आवेदन और 170 ग्राम पंचायतों में सामाजिक अंकक्षेण किए गए। अभियान के प्रभाव के रूप में कुछ जिलों में पैक्स कार्यक्रम और जिला प्रशासन के द्वारा संयुक्त रूप से नई पहल की गई। मनरेगा मेट तैयार करना भी उन्हीं पहलकदमियों का हिस्सा है।

पैक्स कार्यक्रम व जहानाबाद जिला प्रशासन के मध्य एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किया है और संयुक्त प्रयास से जहानाबाद में मनरेगा अन्तर्गत 1,000 महिला मेट तैयार की जा रही हैं। जिला स्तर पर पैक्स की सहयोगी संस्था प्रगति ग्रामीण विकास समिति के द्वारा परियोजना का संचालन किया जा रहा है। मनरेगा में महिलाओं की भागीदारी काफी अहम है। मेट के रूप में महिला होना,महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चत करने में सहायक होगा। 

महिला मजदूर और काम का अधिकार को लेकर महिला मेट प्रशिक्षकों के लिए प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार किया गया है। इसमें महिला मेटों के प्रशिक्षण के उद्ेश्य से प्रस्तुत दो दिवसीय मॉड्यूल तैयार किया गया है। ‘ काम के अधिकार’ के व्यापक संदर्भ तथा मनरेगा की अहमियत पर चर्चा,मेट की भूमिका की अहमियत,खासकर जेंडर के मुद्दों से निपटने में, मनरेगा की मुख्य प्रक्रियाएं तथा मेट की भूमिका, अलग अलग प्रकार के कार्यों की नापी तथा विवरणों की प्रविविष्ट, मेट द्वारा विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर मजदूरों का शिक्षण और शिकायतों के निपटारे तथा जनतांत्रिक जांच पड़ताल की व्यवस्थाएं को प्रथम दिन विस्तार से बताया जाएगा। द्वितीय दिन जॉब कार्ड आवेदन के लिए संयुक्त पारिवारिक फोटों का, मनरेगा कार्यक्रम में उपयोग होने वाले मस्टर रोल का, मनरेगा कार्यक्रम में उपयोग होने वाली दैनिक गणना प्रपत्र, मनरेगा कार्यक्रम में उपयोग होने वाली उपस्थिति का और मनरेगा कार्यक्रम में उपयोग होने वाले सामग्री पंजी का प्रारूप पर चर्चा होगी। इसके अलावे प्रशिक्षण को रूचिकर बनाने के लिए खेल भी प्रस्तुत की जाएगी। विशेष तौर पर खुदाई के लिए निर्धारित मिट्टी की मात्रा,परिवार नियोजन एवं स्वास्थ्य मातृत्व से संबंधित,मनरेगा कार्यस्थलों पर आवश्यक सुविधाएं व सामग्रियां आदि पर चर्चा की जाएगी।



आलोक कुमार
बिहार 

कोई टिप्पणी नहीं: