कांग्रेस ने एक कड़ा फैसला लेते हुए अपनी ही पार्टी के छह सांसदों को बर्खास्त कर दिया है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की अनुशासन समिति के फैसले पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मुहर लगा दी। ये सभी सांसद आंध्र प्रदेश के हैं और अलग तेलंगाना के विरोध में इन दिनों संसद को ठप किए हुए हैं। गौरतलब है कि अलग तेलंगाना राज्य बनाने के विरोध में आंध्र प्रदेश के सीमांध्र इलाके के सांसद संसद में हंगामा कर रहे हैं। लोकसभा हो या राज्यसभा, इस मुद्दे पर हुए हंगामे की भेंट की वजह से सदन की कार्यवाही ठप है।
दूसरी ओर सरकार और कांग्रेस किसी भी कीमत पर तेलंगाना बिल पास कराने पर अड़ी हैं। सरकार की सदन में फजीहत इसलिए हो रही है क्योंकि खुद कांग्रेस के सांसद ही सदन की कार्यवाही नहीं चलने दे रहे और विपक्ष को ताना मारने का मौका मिल रहा है। अब पार्टी ने जिन सांसदों को बाहर का रास्ता दिखाया है उनमें सब्बाम हरी, जी वी हर्ष कुमार, वी अरुण कुमार, एल राजगोपाल, आर संबासिवा राव और ए साई प्रताप शामिल हैं।
निष्कासित सांसद एल राजगोपाल ने कहा कि हम लोग एक मकसद के लिए लड़ रहे हैं। लोग वहां पर जिस दुख में रह रहे हैं और जो कुछ भी यूपीए सरकार और कांग्रेस पार्टी कर रही है वो स्वीकार्य नहीं है। पांच साल से हम इसके खिलाफ लड़ रहे हैं। कांग्रेस के कारण लोग वहां पर परेशान हो रहे हैं। वहां पर लोगों की आवाज को ना दबाया जाए बल्कि उनकी आवाज सुनी जाए। निष्कासित सांसद वी अरुण कुमार ने कहा कि हमें बर्खास्त किया गया है। हम किसी से लड़ाई नहीं कर रहे हैं। हम न्याय मांग रहे हैं। सवाल पूछा गया तो पार्टी से निकाल दिया गया।
सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि सरकार को बताना होगा कि कैसे तेलंगाना बिल लाएगी क्योंकि जब तक ये तय नहीं हो जाता, संसद नहीं चल सकती है। उनके खुद के नेता संसद को बाधित कर रहे हैं। सरकार की लचर नीति का ही कारण है कि संसद नहीं चल पा रही है। इसके लिए सरकार ही जिम्मेदार है।
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