राज्यनामाः (झारखण्ड) 25 फरवरी 2014 को विधायक सीता सोरेन ने हाॅर्स ट्रेडिंग मामले में आत्मसमर्पण किया - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 28 फ़रवरी 2014

राज्यनामाः (झारखण्ड) 25 फरवरी 2014 को विधायक सीता सोरेन ने हाॅर्स ट्रेडिंग मामले में आत्मसमर्पण किया

राज्यसभा चुनाव (2012) में हाॅर्स ट्रेडिंग मामले में बुरी तरह फंसी जेएमएम विधायक सीता सोरेन ने अंततः कोर्ट के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया

अविभाजित बिहार से 15 नवम्बर 2000 को अलग हुआ देश का 28 वाँ राज्य झारखण्ड के 13 वर्ष 4 माह के इतिहास में वर्तमान सांसद (निर्दलिय) व पूर्व मुख्यमंत्री मधुकोड़ा से लेकर मंत्री एनोस एक्का, हरिनारायण राय, कमलेश सिंह व अन्य ने जहाँ एक ओर हजारों करोड़ रुपये का घोटाला कर देश के मानचित्र पर झारखण्ड को शर्मसार करने का काम किया वहीं, यह सिलसिला एक मर्तबा जो चल निकला, इसने परंपरा का ही रुप ले लिया। इस राज्य में बाबूलाल मराण्डी से लेकर हेमन्त सोरेन तक कुल 5 नेताओं ने बारी-बारी से राज्य की बागडोर संभाली। किसी ने बड़े-बड़े एमओयू पर हस्ताक्षर कर औने-पौने दाम पर लौह अयस्क, कोयला, अभ्रक, बाॅक्साईड व अन्य मूल्यवान खनिज के अनगिनत खदानों को बेचा तो किसी ने आदिवासी-मूलवासी, स्थानीयता नीति व 1932 का खतियान लागू कर राज्य की मूल भावनाओं से खिलवाड़ कर अवाम को दो भागों में बाँटने का काम किया। औद्योगिकरण के नाम पर पूँजीपतियों के हाथों राज्य को किसी ने गिरवी किया तो जल-जंगल, जमीन की दुहाई देकर किसी और ने अवाम को विकास के रास्ते से भटकाने का प्रयास किया। इस राज्य के रहनुमाईयों ने स्वार्थ की राजनीति में यह भी नहीं सोंचा कि अवाम की वास्तविक समस्याएँ क्या हैं ? राज्य की वास्तविक चिन्ता क्या होनी चाहिए ? किसी का कोई सरोकार नहंी रहा राज्य की मूलभूत समस्याओं से, और न ही किसी ने भविष्य में इसकी तरक्की के कोई सपने देखे। इस राज्य की राजनीति आदिवासी-गैर आदिवासी, अगड़ी-पिछड़ी, बाहरी-भीतरी की चक्की में पिसती रही और राज्य का भविष्य तय करने वाले नेताओं द्वारा अपना उल्लू साधा जाता रहा। 

झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक व सूबे के कद्दावर नेता तथा पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के ज्येष्ठ पुत्र स्व0 दुर्गा सोरेन की मृत्यु के बाद हाशिये पर आ चुकी उनकी पत्नी सीता सोरेन ने लम्बी पारिवारिक लड़ाई के बाद पिछले विधान सभा चुनाव में जामा विस क्षेत्र से जीत दर्ज कर पार्टी में अपनी मुकम्मल पहचान तो बनाई किन्तु पारिवारिक स्नेह से दूर रहने की वजह से दूसरे रास्ते की ओर उनका झुकाव बढ़ता चला गया। राज्य में झामुमों-काँग्रेस गठबंधन सरकार में मंत्री पद प्राप्ति के अपने अधिकार पाने की लगातार कोशिशों के बाद भी जब विधायक सीता सोरेन को संज्ञान में नहीं लिया गया तो परिवार के बीच शीतयुद्ध सी स्थिति में विद्रोह की चिंगारी  पनपने लगी जो धीरे-धीरे ज्वाला का रुप लेने लगा। यह दिगर बात है कि दबाव में यह ज्वाला कुछ समय तक के शांत हो गया। किन्तु यह भी सच है कि लाख चाहने के बाद भी झामुमों आलाकमान व उनके पुत्र तथा पार्टी के युवा नेता हेमन्त सोरेन ने मुख्य धारा से विधायक सीता सोरेन को अलग-थलग रखा। 02 फरवरी 2014 को गाँधी मैदान दुमका में झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के 35 वें स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर जामा विधायक सीता सोरेन सहित विधायक मथुरा महतों, जय प्रकाश भाई पटेल, अकिल अख्तर व एक अन्य की अनुपस्थिति से प्रतीत होने लगा कि सबकुछ ठीक-ठाक नहंी चल रहा। पार्टी की अंदरुनी व्यवस्था में कहीं न कहीं एक बड़ी खाई मौजूद है, आनन-फानन में  जिसे नहीं सुलझाया जा सकता। 

समग्र रुप से पार्टी में मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने की ललक का ही परिणाम रहा कि अति महात्वाकांक्षी सीता सोरेन अर्थशास्त्र की मृग-तृष्णा में बुरी तरह फंसती चली गई, और राज्य सभा चुनाव-2012 में हुई हाॅर्स ट्रेडिंग मामले में 25 फरवरी को राजधानी राँची स्थित सीबीआई के विशेष न्यायाधीश आर0 के0 चैधरी की अदालत में आत्मसमर्पण कर खुद को कोर्ट के हवाले उन्हें करना पड़ा। न्यायिक हिरासत में बाद में जिन्हें विरसा मुण्डा केन्द्रीय कारागार भेज दिया गया। हाॅर्स ट्रेडिंग मामले में सीता सोरेन देश की एकमात्र महिला विधायक हैं जिनकी गिरफतारी हुई तथा जिन्हें विरसा मुण्डा केन्द्रीय कारागार के अपर डिवीजन महिला सेल में रखा गया। राज्यसभा चुनाव-2012 में झारखण्ड में हाॅर्स ट्रेडिंग मामले में 6 आरोपियों के विरुद्ध आरोप पत्र दायर किया गया था, इनमें निर्दलिय प्रत्याशी आर0 के0 अग्रवाल (इन दिनों जेल में) निर्दलिय प्रत्याशी पवन धूत व सुनील माहेश्वरी के खिलाफ आरोप गठन की कार्रवाई पूरी की जा चुकी है। अदालत के आदेश पर 19 फरवरी को सीता सोरेन के सरकारी आवास व 21 फरवरी 2014 को भुवनेश्वर में उनके उनके पिता बी0 एन0 माझी के घर की कुर्की-जब्ती की गई। विदित हो 30 मार्च 2012 को झारखण्ड में राज्यसभा चुनाव के दिन आयकर आयुक्त ने राजधानी राँची में नामकुम स्थित एक इनोवा कार से सवा दो करोड़ रुपये की जब्ती की थी। चुनाव आयोग ने 01 अप्रेल 2012 को राज्य सभा चुनाव के वोटो की गिनती पर रोक लगा दिया तथा भारत के राष्ट्रपति से चुनाव रद्द करने की अपील की। 05 अप्रैल 2012 को हाईकोर्ट राँची ने मामले में सीबीआई जाँच का आदेश दिया था। 19 अप्रैल 2012 को सीबीआई ने राज्यसभा चुनाव-2012 में हाॅर्स ट्रेडिंग के मामले में प्राथमिकी दर्ज की थी। 04 जून 2013 को सीबीआई ने कोर्ट में आरोप पत्र दायर किया था। 13 जून 2013 को अदालत ने अभियुक्तो के विरुद्ध सम्मन जारी किया। अदालत द्वारा सम्मन जारी किये जाने के बाद से लगातार फरार चल रही सीता सोरेन उनके पिता बी0 एन0 माझी व निजी आप्त सचिव राजेन्द्र मंडल के खिलाफ 22 जून 2013 को गिरफतारी वारंट जारी किया गया। गिरफतारी वारंट जारी होने के बाद भी कोर्ट को धूल झोंक रही जामा की विधायक सीता सोरेन के विरुद्ध 13 नवम्बर 2013 को कुर्की-जब्ती का इश्तेहार चिपकाया गया। 05 फरवरी 2014 को कोर्ट द्वारा कुर्की-जब्ती का आदेश जारी किया गया। 14 फरवरी को तीन अभियुक्तों के खिलाफ आरोप गठन हुआ। 19 फरवरी 2014 को विधायक सीता सोरेन के आवास की कुर्की-जब्ती हुई। 21 फरवरी को भुवनेश्वर स्थित उनके पिता के आवास की कुकी-जब्ती हुई। लगातार दबाब से पूरी तरह टूट चुकी सीता सोरेन ने 25 फरवरी को अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। 

दारु-बालू तो बेचा ही जा रहा, पोषाहार के सामान भी दिल्ली-मुम्बई की कम्पनियों के हाथों बेची जा रही-बाबूलाल मराण्डी

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झामुमों-काँग्रेस व बीजेपी ने राज्य को लूटने का काम किया। हरियाणा के पूँजीपति व रिलायंस के एजेण्ड को राज्यसभा भेजकर मोटी रकम की उगाही की गईं। राज्य में दारु-बालू व पोषाहार की सामग्रियाँ तक दिल्ली-मुम्बई की कम्पनियों के हाथों बेची जा रही। वर्तमान सरकार लूली-लंगड़ी बन चुकी है। 

पिछले तीन दशकों से देश व राज्य की राजनीति का महत्वपूर्ण केन्द्र रहा संताल परगना का प्रमण्डलीय मुख्यालय जिला दुमका अपनी दागदार छवि के लिये भी काफी मशहूर रहा। काँग्रेस, बीजेपी, झामुमों, राजद जैसी पार्टियाँ देश की राजधानी दिल्ली में झारखण्ड की आवाज बुलंद कर ही नहीं सकती। क्षेत्रीय पार्टी झामुमों ने काँग्रेस, बीजेपी व राजद की दलाली कर अपना उल्लू सीधा करने का काम किया। बीजेपी-काँग्रेस व झामुमों ने बारी-बारी से राज्य को लूटा-खसोटा। अर्जुन मुण्डा, शिबू सोरेन, मधुकोड़ा व हेमन्त सोरेन ने राज्य की खनिज सम्पदा यथा- कोयला, लोहा, बाॅक्साईड, अभ्रक खदानों को औने-पौने दाम पर बेच डाला। 25 फरवरी को गाँधी मैदान, दुमका में ’’मिशन 2014-14 लोकसभा में जीत’’, कार्यक्रम के तहत हजारों की संख्या में पहुँचे कार्यकर्ताओं की विशाल रैली को संबोधित करते हुए झाविमों सुप्रिमों व सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मराण्डी ने उपरोक्त बातें कही। श्री मराण्डी ने कहा वर्तमान सरकार के मुखिया व उनके सगे-संबंधियों ने बालूघाट तक को नहीं छोड़ा। दिल्ली व मुम्बई के हाथों इसे भी बेच डाला। मीड डे मील में टेण्डर की प्रक्रिया प्रारंभ कर यहाँ की महिलाओं के हिस्से प्राप्त काम पर बाहरी कम्पनियों का हस्तक्षेप यह साबित करता है कि झामुमों को राज्य की जनता से कोई लेना-देना नहीं रह गया है। राज्य में दारु तक की दूकानें बाहरी कम्पनियों के हाथों बेची जा रही। राज्य सभा चुनाव-2012 में हाॅर्स ट्रेडिंग में सीबीआई की गिरफत में फंसी सीता सोरेन पर अप्रत्यक्ष बार करते हुए श्री मराण्डी ने कहा यह इस मामले में झामुमों विधायकों का शामिल होना इस बात का द्योतक रहा है कि झामुमों सिर्फ लूट की राजनीति में ही विश्वास करती है। बाप-बेटा, उनके रिश्तेदार सभी लूटने में लगे हैं। मिशन-2014 में कार्यकर्ताओं का आहवान करते हुए श्री मराण्डी ने कहा लोकसभा चुनाव-2014 में जेवीएम को 14 सीटों पर बहुमत के साथ जीत दिलाने से ही राज्य की बदहाली पर अंकुश लगाया जा सकता है। उन्होनें कहा सीबीआई की जाँच सही तरीके से हो तो झामुमों के सभी विधायक होटवार की जेल में होगें। राज्यसभा चुनाव में काँग्रेस-झामुमों ने हरियाणा के पूँजीपति को लाकर खड़ा कर दिया। भाजपा-आजसू ने रिलायंस के एजेण्ड को राज्यसभा भेज दिया। इन सभी पार्टियों से सावधान रहने की जरुरत है। श्री मराण्डी ने कहा वर्ष 2013 में इस राज्य में 5 हजार से अधिक आपराधिक घटनाएँ घटी। पुलिस अपराधियों की बजाय पैसे वालों को गिरफत में लेती है ताकि सरकार तक पैसे पहुँचाएँ जा सकें। 28 महीनें के अपने मुख्यमंत्रित्व काल की चर्चा करते हुए श्री मराण्डी ने कहा उनके शासन काल में सूबे से अपराधियों का पलायन हो चुका था। अपराध करने से अपराधी खौफ खाते थे, आज दर्जनों उग्रवादी संगठन फल-फूल रहे हैं। झामुमों-काँग्रेस गठबंधन की वर्तमान सरकार लूली-लंगड़ी हो चुकी है। इस राज्य में बाप-बेटा दोनों कमाने पर लगे हैं।

babu lal marandi
विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त होः- विशेष राज्य की चर्चा करते हुए श्री मराण्डी ने कहा उद्योग-धंधे लगाने की जरुरत जहाँ एक ओर इस राज्य में है वहीं इस मुद्दे पर शिबू सोरेन का विरोध यह दर्शाता है कि सूबे की अवाम से इन्हें कोई लेना-देना नहीं रह गया। परिवारवाद के शिकार शिबू सोरेन को मात्र अपने परिवार की चिन्ता रह गई है। यहाँ कोई बालू बेच रहा है तो कोई दारु। कोई पोषाहार का अनाज बेचकर ही अपनी झोली भर रहा है। विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त होने से झारखण्डी माँ-बहनें दूसरे राज्यों की ओर पलायन नहीं करेगीं। रोजगार का सृजन होगा। युवाओं को काम प्राप्त होगा। शिक्षा की बद्तर हालात में सुधार की गंुजाईश नजर आऐगी। उन्होनें कहा जिस जिले से बड़े-बड़े राजनीतिज्ञ हैं उसी जिले के विश्वविद्यालय में नियमित कुलपति नहीं है। आदिवासी छात्रावास की बच्चियाँ जिन स्थितियों में रह रही हैं उसे देखकर दुःख होता है। गाँव के विद्यालय में शिक्षक नहीं हैं। विश्वविद्यालय में कुलपति नहीं है। शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी इत्यादि तमाम तरह की व्यवस्थाओं को लकवा मार गया है। कार्यकर्ताओं व अवाम का आहवान करते श्री मराण्डी ने कहा एक अच्छे राज्य की परिकल्पना तभी सार्थक होगी जब जेवीएम को बहुमत के साथ जीत प्राप्त होगी। श्री मराण्डी ने आने वाले लोकसभा चुनाव के लिये कार्यकर्ताओं को तैयार रहने को कहा। झाविमों केन्द्रीय उपाध्यक्ष सबा अहमद, केन्द्रीय समिति के प्रधान महासचिव  व पोड़ेयाहाट के विधायक प्रदीप यादव, अबु तालिब अंसारी, अल्पसंख्यक मोर्चा के केन्द्रीय अध्यक्ष खालिद खलील, महेशपुर विस क्षेत्र के विधायक मिस्त्री सोरेन, दुमका लोक सभा क्षेत्र प्रभारी पारितोष सोरेन ने भी वर्तमान सरकार पर कटाक्ष करते हुए जनता को भरमाने वाली सरकार कहा। उपरोक्त नेताओं ने एक स्वर में कार्यकर्ताओं से अपील करते हुए कहा आने वाले समय में झाविमों बहुमत से जीत हासिल करे इसके लिये गाँव-गाँव तक लोगों से संपर्क स्थापित कर झाविमों के विजन से उन्हें अवगत कराने का काम किया जाय। इस अवसर पर दुमका लोकसभा क्षेत्र सह प्रभारी रणधीर सिंह, माधव महतों व सूर्या हाँसदा, आदिवासी मोर्चा के महासचिव कृष्णा सोरेन, केन्द्रीय कार्यसमिति के छोटू मुर्मू, पिण्टु अग्रवाल, अनूप कुमार सिन्हा, भोली गुप्ता, मनोज कुमार जायसवाल, रविकांत मिश्र, जिलाध्यक्ष रमेश मुर्मू, जिला महामंत्री धर्मेन्द्र सिंह, जिला उपाध्यक्ष विवेकानन्द राय, पीडी झा, विनोद यादव, श्याम राणा, रविन्द्र वास्की, सचिव मार्था हाँसदा, आशीष मुर्मू, मो0 कबीर, विभीषण पुजहर, प्रखण्ड अध्यक्ष सुबोध यादव (सरैयाहाट) बलराम राणा (मसलिया) कालू बनर्जी (रानेश्वर) रमेश मुर्मू (शिकारीपाड़ा) जीतलाल राय (रामगढ़) रामफल लायक (जामा) पंकज मुुर्मू (दुमका) अब्दुल सलीम (काठीकुण्ड) बाबूराम मुर्मू (जरमुण्डी) राजेश ंिसह (युवा दुमका नगर अध्यक्ष) शैलेन्द्र हेम्ब्रम (आदिवासी मोर्चा) टिंकु गण (महिला मोर्चा) युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष अशोक यादव, चन्द्रमोहन हाँसदा, गोड्डा जिलाध्यक्ष धनंजय यादव व मनोज यादव, केन्द्रीय कार्यसमिति सदसय प्रमोद विद्यार्थी व  रुसीलाल टुडू व अन्य मौजूद थे।  






अमरेन्द्र सुमन
रांची

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