रायबरेली में सोनिया गांधी को कौन देगा टक्कर, ये सवाल बना हुआ है. समाजवादी पार्टी ने अमेठी और रायबरेली में राहुल-सोनिया के खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया है. अब आप को नया उम्मीदवार खोजना पड़ सकता है. अरसे से चर्चा चल रही थी कि आप की नेता शाजिया इल्मी सोनिया गांधी को रायबरेली सीट पर टक्कर देने वाली हैं लेकिन शाजिया ने रायबरेली सीट से लड़ने से इनकार कर दिया है. शाजिया दिल्ली विधानसभा में आरके पुरम सीट से खड़ी हुई थीं, लेकिन वह बेहद कम अंतर से हार गई थीं.
शाजिया ने कहा है कि उन्होंने कभी रायबरेली से लड़ने की रजामंदी नहीं दी थी. दो महीने से इससे इनकार करने की बात शाजिया ने कही है. शाजिया इल्मी ने ट्वीटर पर लिखा कि वह रायबरेली से चुनाव नहीं लड़ेंगी. वह सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ने से पिछले दो महीने से इनकार कर रही हैं. वह रायबरेली से चुनाव लड़ने पर कभी भी सहमत नहीं थीं. राजनीतिक गलियारे में ये चर्चा चल रही थी कि अमेठी में राहुल गांधी के खिलाफ कुमार विश्वास को और रायबरेली में सोनिया गांधी के खिलाफ शाजिया इल्मी को उतारा जाएगा.
कुमार ने तो अमेठी में मोर्चा संभाल रखा है लेकिन शाजिया ने लड़ने से पहले ही हथियार डाल दिए. सूत्र बता रहे हैं कि शाजिया फर्रुखाबाद में सलमान खुर्शीद के खिलाफ लड़ना चाहती थी लेकिन वहां से आप ने उन्हें नहीं बल्कि मुकुल त्रिपाठी को टिकट दिया. आप की फिलॉसफी रही है कि वो हर काम जनता से पूछकर करते हैं लेकिन टिकट को लेकर नए विवाद में कुमार विश्वास ने शाजिया का ही समर्थन किया है. लेकिन टिकट बंटवारे को लेकर सवाल भी उठाये हैं.
कुमार विश्वास भी नाराज बताए जा रहे हैं. अमेठी में कुमार विश्वास चुनाव लड़ने की पूरी तैयारी कर रहे हैं लेकिन केजरीवाल ने एक दिन भी अमेठी का दौरा नहीं किया. वो यूपी गए. गुजरात गए, महाराष्ट्र जा रहे हैं लेकिन अमेठी कब जाएंगे, पता नहीं. कुमार विश्वास ने हाल में कुछ टवीट किए हैं जिससे लगता है कि उनका कवि मन आजकल काफी द्रवित है.
- चढ़ती नदी में नाले गिरेंगें तो आस्थावान स्नान से भी डरेगा,आचमन तो भूल ही जाओ
-"प्रतिकूल पथ पर प्राणप्रण से चल रहा लथपथ अकेला, ढह गये सम्बन्ध पिछले हट गया निज स्वार्थ मेला...!"

1 टिप्पणी:
लो आ गए न बेचारे सड़क पर... कल के भर्ती हुए लोग अगर पार्टी में टिकट पा जाएंगे और शुरु से साथ खड़े लोगों को आत्महत्या के लिए उकसाकर किनारे कर दिया जाएगा तो नाराजगी होगी ही.. विश्वास बेचारे राहुल गांधी के सामने असहाय खड़ें हैं.. खुद को हाथी के सामने कुत्ते या लोमडी की हालत में..वहीं हाल सोनिया गांधी के सामने इल्मी भौजी का है.. वो बेचारी पहले दिल्ली में हराई गई फिर रायबरेली में फेंक दी गई असमय राजनीतिक कैरियर की हत्या के लिए.. क्या कहें अब? वैसे अमेठी या रायबरेली में ये दोंनो तो क्या लंबा-लंबा फेंकने वाले बाबू फेंकू भी बुरी तरह हारेंगे..
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