छतरपुर (मध्यप्रदेश) की खबर (12 मार्च ) - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 13 मार्च 2014

छतरपुर (मध्यप्रदेश) की खबर (12 मार्च )

मारपीट के चार आरोपियों को दो दो साल की कठोर कैद, 20 हजार का जुर्माना

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छतरपुर। सत्र न्यायाधीश विमल कुमार जैन की अदालत ने कुल्हाड़ी एवं लाठियों से मारपीट करने वाले चार आरोपियों को दोषी ठहराते हुए दो दो साल की कठोर कैद के साथ 20 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई। एडवोकेट लखन राजपूत ने बताया कि दिनांक 8 फरवरी 2013 की सुबह 9 बजे थाना लवकुशनगर क्षेत्रान्तर्गत स्थित ग्राम खुर्रा का पुरवा भैंरा निवासी अमर सिंह यादव जब अपने खेत से घर लौट रहा था तो घर के पास पहुंचने पर गांव के ही आरोपी कपूर सिंह यादव और नेपाल सिंह यादव ने अमर सिंह से उधारी के रुपयों की मांग की। रुपए देने से मना करने पर दोनों आरोपियों ने अमर सिंह को अश£ील गालियां देकर चले गए और करीब आधे  घंटे बाद दोनों आरोपी कपूर और नेपाल कुल्हाड़ी लेकर आए और अमर सिंह पर प्रहार कर दिया। हल्ला सुनकर अमर सिंह का भाई अजब सिंह और रमेश यादव बचाने आए तो आरोपी जयपाल तथा प्रताप यादव लाठी लेकर अमर सिंह को मारने दौड़े। आरोपियों ने अमर सिंह के साथ अजब सिंह और रमेश की भी मारपीट की और जान से मारने की धमकी देकर चलेे गए। घटना की शिकायत थाना लवकुशनगर में की गई। चारों आरोपियों के खिलाफ मारपीट का मामला दर्ज कर एएसआई जीडी अहिरवार ने विवेचना करने के बाद मामले को अदालत के सुपुर्द कर दिया। सत्र न्यायाधीश विमल कुमार जैन की अदालत ने करीब एक वर्ष के विचारण के बाद अंतिम फैसला सुनाते हुए चारों आरोपी कपूर सिंह, नेपाल सिंह, जयपाल सिंह और प्रताप सिंह यादव को उक्त वारदात का दोषी करार देकर आईपीसी की धारा 326/34 में दो- दो वर्ष की कठोर कैद के साथ दो दो हजार रुपए जुर्माना, 324/34 में एक एक वर्ष की कठोर कैद के साथ दो दो हजार रुपए जुर्माना तथा धारा 323/34 में एक एक हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई।

वन मण्डाधिकारी को अदालत ने दिया कारण बताओं नोटिस
  • रेंजर बड़ामलहरा ने किया था अदातल के आदेश का उल्लंघन

छतरपुर। मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी संजय कश्तवार की अदालत ने रेंजर एमएल गुप्ता बड़ामलहरा के द्वारा अदालत के आदेश का उल्लंघन करने पर वन मंडलाधिकारी को नोटिस भेजकर आदेश का तत्काल पालन कराकर तीन दिवस के अंदर रेंजर श्रीगुप्ता का स्पष्टीकरण अदालत में पेश करने के लिये निर्देशित किया। एडवोकेट लखन राजपूत ने बताया कि वन विभाग बड़ामलहरा द्वारा राईपुरा निवासी गोरेलाल पुत्र प्रेमा यादव की बुलेरो क्रमांक एमपी 16 सी 6501 को वन्य प्राणी अधिनियम के अपराध के तहत करीब पांच माह पूर्व जप्त की थी। उक्त वाहन के स्वामी गोरेलाल यादव ने वाहन को सुपुर्दगी में प्राप्त करने के लिये उच्च न्यायालय जबलपुर से आदेश कराया था हाई कोर्ट के आदेश के पालन में मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी संजय कश्तवार की अदालत ने दिनांक 11 मार्च 14 को वन परिक्षेत्र अधिकारी बड़ामलहरा से उक्त जब्त बोलेरो वाहन स्वामी गोरेलाल को देने के लिये आदेश दिया था। बीते रोज गोरेलाल ने श्री कश्तवार की अदालत में उपस्थित होकर इस आशय का आवेदन पेश किया कि जब अदालत के उक्त आदेश की प्रति बड़ामलहरा रेंजर एमएल गुप्ता को दी तो श्री गुप्ता ने वाहन देने से मना कर दिया और कहा जब गोरेलाल उसे बीस हजार रूपए देगा तभी वाहन मिलेगा मैं ऐसे आदेशों को नही मानता हूॅ साथ ही श्रीगुप्ता ने कहा वह सुप्रीम कोर्ट जाकर आदेश निरस्त करा देगा और गोरेलाल को झूठे मुकदमे में जेल भिजवा देगा। इसलिये उक्त वाहन उसे दिलाया जाकर रेंजर श्रीगुप्ता के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने का निवेदन किया। सीजेएम श्री कश्तवार की अदालत ने उक्त परिस्थिति पर तत्काल कार्यवाही करते हुये राघवेन्द्र श्रीवास्तव वन मण्डाधिकारी छतरपुर को कारण बताओं नोटिस भेजकर निर्देशित किया कि वे रेंजर श्री गुप्ता से तीन दिवस के अंदर स्पष्टीकरण लेकर अदालत में पेश करें और वाहन देने के आदेश का तत्काल पालन करें जिससे उचित कानूनी कार्यवाही की जा सके। इस पर नोटिस प्राप्त होते ही श्री श्रीवास्तव ने तत्काल रेंजर श्री गुप्ता को आदेश का पालन कर स्पष्टीकरण अदालत में पेश करने के लिये पत्र जारी कर दिया।

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