दिल्ली वैट विभाग द्वारा लागू विवादस्पद फॉर्म टी -2 31 मार्च, 2014 तक टला - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 17 मार्च 2014

दिल्ली वैट विभाग द्वारा लागू विवादस्पद फॉर्म टी -2 31 मार्च, 2014 तक टला


 
Vat Rules delhi
दिल्ली ( विजयेन्दर  शर्मा) । दिल्ली वैट विभाग द्वारा दिल्ली में 15 मार्च से लागू होने वाले फॉर्म टी-2 को 31 मार्च, 2014 तक के लिए स्थगित कर दिया गया है ! यह घोषणा दिल्ली के वैट आयुक्त श्री प्रशांत गोयल ने आज वैट मुख्यालय में  बुलायी दिल्ली के प्रमुख व्यापारियों की एक बैठक में किया ! ज्ञातव्य है की दिल्ली के व्यापारियों ने इस फॉर्म का जबर्दस्त विरोध किया था जिसके चलते दो दिन पहले घंटाघर,चांदनी चौक पर कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के बैनर तले दिल्ली के व्यापारियों ने विराट विरोध धरना भी आयोजित किया था और दिल्ली के व्यापार को बंद करने की चेतावनी भी दे डाली थी !

आज हुई बैठक में श्री गोयल ने व्यापारियों को यह भी आशवसन दिया की फॉर्म टी-2 के कारण दिल्ली के बॉर्डर पर विभाग द्वारा कोई ट्रक नहीं रोका जायेगा ! उन्होंने ने यह भी स्पष्ट किया की अपनी व्यापारिक स्थानों पर सात साल के किताबें रखने का आदेश भी दिल्ली के व्यापारियों पर लागू नहीं होगा ! उन्होंने बताया की यह आदेश मुख्यत उन बड़ी कम्पनियों के लिए है जिनके व्यापार विभिन्न राज्यों के साथ साथ दिल्ली में भी हैं लेकिन उनकी किताबें अक्सर बाहर के राज्यों में रहती हैं ! उन्होंने व्यापारियों से कहा की वैट विभाग दिल्ली के व्यापारियों के साथ सहयोग करके ही दिल्ली के व्यापार को बढ़ाना चाहता है! उन्होंने व्यापारियों से यह भी आग्रह किया की वर्त्तमान वित्तीय वर्ष के लिए विभाग के राजस्व लक्ष्य को पूरा करने में व्यापारी विभाग की मदद करें !
 
कैट के दिल्ली प्रदेश के चेयरमैन श्री नरेंद्र मदान और दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष श्री रमेश खन्ना ने वैट आयुक्त की घोषणा का स्वागत करते हुए इसी व्यापारियों के लिए एक फौरी राहत बताया और आग्रह किया की इस फॉर्म को दिल्ली से समाप्त ही किया जाए ! उन्होंने वैट आयुक्त के सकारात्मक दृष्टिकोण की सराहना करते हुए कहा की दिल्ली के व्यापारियों ने सदैव ही विभाग को पूरा सहयोग दिया है और इसी लिए प्रति वर्ष विभाग के राजस्व में वृद्धि होती आ रही है ! उन्होंने यह भी कहा की विभाग को अपनी कार्यप्रणाली में बड़े बदलाव लाते हुए व्यापारियों पर लागू अनेक प्रकार के फॉर्म एवं अन्य कानूनी उलझनों को दूर करने की ओर प्रयास शुरू करने चाहिए जिस से व्यापारी चैन से दिल्ली में व्यापार कर सकें !

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