उत्तराखंड की विस्तृत खबर (31 मई) - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 31 मई 2014

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (31 मई)

केदारधाम के पुर्नस्थापन व पुर्ननिर्माण कार्य शुरू, केदारधाम में रोप-वे बनाने की योजना 
  • डेढ़ लाख तीर्थ यात्री कर चुके हैं केदारबाबा के दर्शन 

harish rawat kedarnath
देहरादून, 31 मई(राजेन्द्र जोशी)। सरकारी प्रयासों का इससे अच्छा उदाहरण और क्या हो सकता है, कि जहां बीती साल जून माह में ऐन चार धाम यात्रा के दौरान आए जलप्रलय ने पूरी केदारघाटी तबाह कर दी थी। वहीं हरीश सरकार के अथक प्रयासों और मेहनत का नतीजा है कि आज चारधाम यात्रा सकुशल चल रही है। तीर्थ यात्रियों का हूजुम चारधाम यात्रा पर पहुंच रहा है। जैसा कि बहुगुणा सरकार के कार्यकाल में अंदेशा जताया जा रहा था कि बाहरी राज्यों के श्रद्धालु विरले ही राज्य के तीर्थधमों पर पहुंचे। यह अंदेशा धरा का धरा रह गया है। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बताया कि कल वे केदारनाथ घाटी के दौरे पर रहे और उन्होने भगवान केदारबाबा के दर्शन भी किए। इस दौरान उन्हें वहां आंध्र, कर्नाटक, गोवा, उड़ीसा सहित अन्य कुछ और राज्यों के तीर्थ यात्री मिले। मुख्यमंत्री से बात करते हुए उन तीर्थ यात्रियांे ने चारधाम यात्रा को लेकर की गई तैयारियों पर सरकारी मशीनरी के प्रयासों की प्रशंसा की है। एक वृद्ध तीर्थ यात्री ने तो मुख्यमंत्री को यह तक कहा कि बीती साल जलप्रलय आने के बाद उन्हें लगा था कि अब उत्तराखण्ड में अगले पांच सालों तक चार धाम यात्रा शुरू नहीं हो सकेगी। मगर इस साल चारधाम यात्रा की शुरूआत की बात सुनकर उन्हें अचरज भी हुआ। यहां आकर उनके सभी अगर मगर पर विराम लगा।   मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आज नई केदारपुरी बसाने को लेकर बनाई गई रणनीति का खुलासा किया। उन्हेांने बताया कि अभी तक डेढ़ लाख यात्री चारधाम में पहुंच चुके हैं। अकेले कल ही 1478 यात्री केदारनाथ धाम पहुंचे। बकौल हरीश रावत कि उनका लक्ष्य था कि यात्रा की शुरूआत समय पर कर दी जाए और यात्रियों ने भी दिलचस्पी भी दिखाई। हालांकि श्री रावत ने माना कि सड़क मार्गाें पर अब भी कुछ सुस्ती पसरी हैं और उन्हें दूर करने का प्रयत्न किया जा रहा है। कहा कि अगले साल चारधाम यात्रा, कैलाशमानसरोवर यात्रा और हेेमकुण्ड यात्रा अपने यौवन पर होगी और प्राकृतिक सामान्य भी। उन्होने कहा कि केदारघाटी पर पुनर्निर्माण को लगाए गए कामगारों से उन्होने साफ कहा है कि यहां किये गये कार्यों को कदापि कामचलाउ न समझा जाए। मुख्यमंत्री ने राज्य के पर्यटन की भी नब्ज पकड़ ली है और इसके लिए वैष्णों देवी, गंगा सरोवर की सालभर चलने वाली यात्रा की तर्ज पर राज्य की चारधाम यात्रा को भी सालभर तक चलाए रखने पर  वहीं के तीर्थ पुरोहितों सहित हकहकूक धारियों से विचार-विमर्श किया जाएगा। हालांकि सीएम ने यह भी कहा कि वे राज्य की पौराणिकता को किसी भी सूरत पर खण्डित नहीं करना चाहते। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सबसे अहम बात यह कही कि केदारनाथ धाम के दर्शन को अधिक से अधिक श्रद्धालु आएं, इसके लिए हर संभव कोशिश की जा रही है। 

लिंचैली से केदारधाम तक रोप-वे बनाने की भी योजना 
harish rawat kedarnath
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि खड़ी चढ़ाई को और कम करने का जहां प्रयास किया जा रहा है वहीं लिंचैली से केदारधाम देव दर्शनी तक रोप-वे बनाये जाने के लिए भी लोकनिर्माण विभाग को निर्देश दे दिये गये हैं। उन्होने कहा देव-दर्शनी से केदारपुरी तक बैट्री चलित गोल्फ कार चलायी जायेगी और इस मार्ग को विश्वस्तरीय बनाया जाएगा।

रामबाड़ा को बसाना अभी दूर की कौड़ी
मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना कि जलप्रलय में तबाह हुए रामबाड़ा को बसाना अभी दूर की कौड़ी है। इसलिए अभी पूरा ध्यान वैकल्पिक यात्रा मार्गाें की जीर्णाेद्धार पर है। हालांकि नई केदारपुरी बसाने की साथ ही केदारघाटी के पुराने अस्तित्व को भी राज्य सरकार बचाए रखेगी। केदार मंदिर की सुरक्षा को लेकर भी भगीरथ प्रयास किए जा रहे हैं। 

दो-दो सुरक्षा दीवार से बचाया जाएगा केदार धाम 
मुख्यमंत्री ने बताया जिस शिलापट्ट ने केदार मंदिर को जलप्रलय से बचाया था। उसके और उपर चैराबाड़ी की ओर द्वी स्तरीय सुरक्षा दीवार बनाई जा रही है। उन्होने कहा कि केदारमंदिर की सुरक्षा के लिए दो सुरक्षा दीवार बनाई जा रही है। एक बाहरी क्षेत्र और दूसरी मंदिर को घेरे हुए होगी। बकौल सीएम  एक सप्ताह के भीतर इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मंदिर के पीछे की तरफ भी सुरक्षा दीवार बनाई जाएगी जहां बड़ी शिला बहकर आयी था और जिसने मंदिर की तरफ आ रहे जलप्रवाह का रूख दूसरी तरफ कर दिया था। 

वैज्ञानिक तत्थ्यों पर किया जा रहा है कार्य
मुख्यमंत्री का कहना कि केदार पुरी के विकास के लिए वैज्ञानिक तथ्यों के आधार पर काम आगे बढ़ाया जा रहा है। जलप्रलय में आधे अधूरे ढहे और बचे खुचे मकानों व ऐसे भवनों जो कि खतरनाक हालत में हैं, ऐसे भवनों के मालिकों से बात कर उन्हें उचित मुआवजा देकर गिरा दिया जाएगा। उन्होने कहा भूगर्भ विभाग से पुरानी केदारघाटी का आंकलन कराया जाएगा कि जलप्रलय से जमीन की कितनी गहराई और कितनी दूरी तक नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा कि पुरानी केदारघाटी को भी नहीं बिसराया जाएगा। प्रारंभिक काम संतोषजनक स्तर पर आ चुका है। 

मंदाकिनी और सरस्वती नदियों का होगा रिचैनलाइजेशन
उन्हेांने कहा कि मंदाकिनी और सरस्वती नदियों को रिचैनलाइज करने का काम पांच दिनों में शुरू कर दिया जाएगा। उस जगह की पहचान कराई गई है जहां पर कि सरस्वती का रास्ता है और मंदाकिनी नदी मिल रही है। सिंचाई विभाग और पीडब्ल्यूडी को रिचैनलाइजैशन के काम में लगाया गया है। जबकि रामबाड़ा के तबाह होने पर अलग-थलग पड़ चुकी गरूड़चट्टी पर भी सड़क बनाई जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरी केदारघाटी का तीन बार भूगर्भीय जांच करायी जाएगी। इससे यह पता चलेगा कि सैलाब से कहां तक नुकसान पहुंचा है। 

रामबाड़ा और गरूड़चट्टी का विकल्प होगा तैयार
मुख्यमंत्री ने बताया कि नई केदारपुरी बसाने के लिए स्थाई तौर पर तल्ली लिंचैली और मल्ली लिंचैली में बाजार बनाए जाएंगे जिनको रामबाड़ा व गरूड़ चट्टी का विकल्प बनाया जायेगा। यात्रा के प्रथम पड़ाव से केदारनाथ धाम तक पहुंचने के लिए करीब 26 किमी की सड़क बनाई जा रही है। 

लाइफलाइन मार्ग को किया गया दुरूस्त
पीडब्ल्यूडी की ओर से गुप्तकाशी से मयाली मार्ग को हाट मिक्स बना दिया गया है उन्होने बताया जब गुप्तकाशी कुंड चन्द्रपुरी व अगस्त्यमुनि मार्ग आपदा के दौरान बन्द हो गया था इसी मार्ग ने यात्रियों की जीवन रक्षा की यही कारण है इस वैकल्पिक मार्ग को पूर्णतः तैयार किया जा चुका है। जबकि सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक छह किमी की सड़क को भी अच्छा बना लिया गया है। सोनप्रयाग से गौरीकुण्ड तक 150 मीटर पहाड़ी काटकर सड़क बनाई जा रही है। हालांकि पहाडि़यों का कटान कम हो, इस पर अधिक जोर दिया जा रहा है। राज्य सरकार जीएसआई की रिपोर्ट का अध्ययन करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार से केदारघाटी के पुनर्निर्माण के लिए चार हजार करोड़ का पैकेज मांगा जाएगा। 

नेता प्रतिपक्ष नाम बताएं उसे प्रोसेस से बाहर कर दिया जाएगाः सीएम 

देहरादून, 31 मई (निस)। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने नेता प्रतिपक्ष के इस आरोप कि एफएलटू में राज्य सरकार ने बड़ी डीलिंग की है, के जवाब में कहा कि नेता प्रतिपक्ष यदि डीलिंग का नाम बता दें तो वे उसे प्रोसेस से बाहर कर देंगे। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट बेकार में हो-हल्ला मचा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि भट्ट को नाम पता है तो बताएं, मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में बागवान और किसानों के हितों का भी समावेश किया जा रहा है। इसे राज्य के उत्पाद (फलों) को खपाने के लिए राज्य की आबकारी नीति का समावेश होगा। एफएलटू पर मुख्यमंत्री का कहना कि दो कंपनी हांेगी। जबकि अन्य कंपनियों को इनके साथ काम करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि कंपनियों से राज्य में डिस्टलरी प्लांट लगाने के लिए गारंटी बांड भराए जाएंगे। मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना कि राज्य की निरंतर गिरती बागवानी के क्षेत्र को उठाना उनका मकसद है। उन्होंने हालांकि इसे बड़ी चुनौती माना है मगर कहा कि वे चुनौती स्वीकार करते हैं। राज्य गठन से पहले राज्य मंें बागवानी का प्रतिशत 1.7 था जो कि आज तेरह सालों बाद मात्र दशमलव आठ प्रतिशत तक आ पहंुचा है। उन्होंने हिमाचल, सिक्किम की बागवानी का उदाहरण देते हुए कहा कि गोवा मंे भी ऐसा ही हुआ है। 

मंत्रियों संग जमेगी जनता की महपिफल 

देहरादून, 31 मई(निस)। मुख्यमंत्राी हरीश रावत ने मीडिया से बातचीत में कहा कि गैरसैंण में विधानसभा सत्र में भाग लेने के लिए विपक्ष को शुक्रिया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री श्री रावत का कहना कि राज्य के सभी जिलों की समस्याओं को देखने के लिए ओपन मंत्रिमण्डल की बैठक होगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए पांच मई को मंत्रिमण्डल की बैठक अल्मोड़ा में होगी। उन्होंने कहा कि दो माह के भीतर पांच से छह ऐसी बैठक दून जिले के बाहर की जाएगी। जिले के बाहर कैबिनेट बैठक करने के साथ ही हरीश सरकार अब सरकारी कार्याें में पारदर्शिता लाने की पक्षधर भी है। इसके लिए मुख्यमंत्री की ओर से ब्लाॅक लेवल माॅनिटरिंग किए जाने के आदेश दिए हैं। इसके लिए सचिव स्तर तक के अधिकारियों को काम पर लगा दिया गया है। मुख्य सचिव जल्द ही मुख्यमंत्री के यह आदेश जारी कर देंगे। सीएम हरीश रावत का कहना कि मंत्रिमण्डल राज्य के दो हिस्सों में लोगों से मिलेगा और उनकी शिकायतों, समस्याओं को मौके पर जाकर सुनेगा। तुरंत हल करने के साथ ही निवारण का पूरा पूरा प्रयास किया जाएगा। 

पहाड़ की जनता की हमदर्दी बटोरने का ढोंग है गैरसैण में विधानसभा सत्र:यूकेडी

देहरादून, 31 मई(निस)। उत्तराखण्ड क्रांति दल ने गैरसैंण में विधानसभा सत्र चलाये जाने की ड्रामेबाजी  को उत्तराखण्ड राज्य निवासियों की भावनाओं से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है। दल ने कहा है कि हरीश रावत सरकार सरकारी धन की बर्बादी कर  नेताओं व अफसरों को पहाड़ों मंे सैरसपाटा कराने जा रही है। लोकसभा चुनाव मंे हार के बाद हरीश सरकार का गैरसैंण प्रेम पूरी तरह से एक राजनीतिक स्टंट है। उत्तराखण्ड क्रांति दल के मीडिया प्रभारी मनमोहन लखेड़ा ने कहा कि  शिलान्यास के एक साल बाद भी गैरसैंण मंे विधानसभा भवन का निर्माण न होना कांग्रेस सरकार की कार्यप्रणाली को जगजाहिर करता है। दृढ़ इच्छाशक्ति की कमी के कारण और दोहरे मापदण्ड अपनाये जाने की वजह से आज तक गैरसैंण प्रदेश की स्थायी राजधानी नहीं बनायी जा सकी। पहाड़ी जनता को बरगलाने के लिए कांग्रेस सरकार एक ओर गैरसैंण में विधानसभा भवन का शिलान्यास करती है तो दूसरी ओर रायपुर में विधानसभा, सचिवालय भवन के स्थायी निर्माण के लिए वन विभाग की सैकड़ों एकड़ जमीन का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेज चुकी है इससे साफ जाहिर होता है कि सरकार गैरसैंण को राज्य की स्थायी राजधानी बनाने के पक्ष में नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार पहाड़ी जनता की हमदर्दी बटोरने के लिए टैंट मंे विधानसभा सत्र चलाने की ड्रामेबाजी कर रही है। इस ड्रामेबाजी में करोड़ांे रूपये के सरकारी धन की बर्बादी होना लाजिमी है। पिछले वर्ष  पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के द्वारा भी गैरसैंण में  कैबिनेट बैठक और शिलान्यास के नाम पर करोड़़ों रूपये बर्बाद किये जा चुके हैं।

सबसे बड़ा खतरा तंबाकू से होने वाली महामारी

देहरादून 31 मई(निस)। विश्व तंबाकू रहित दिवस के अवसर पर हिमालय इंस्ट्टियूट मेडिकल सांइस अस्पताल जौलीग्रांट में कार्यक्रम आयोजित कर तंबाकू से हाने वाले दुष्प्रभाव के बारे संस्थान की हेड प्रो0 डाॅ अनिता शर्मा द्वारा जानकारी दी गई।  इस अवसर पर उन्होने बताया कि विश्व की जनता के समक्ष आज तक का सबसे बड़ा खतरा तंबाकू से होने वाली महामारी है विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लू.एच.ओ) के अनुसार हर वर्ष लगभग 60 लाख लोग की तंबाकू की वजह से अकाल मृत्यु हो जाती है। जिसमें 50 लाख लोग सीधे तंबाकू का सेवन करते है तथा तथा बाकी किसी और द्वारा किये गये धुम्रपान के सम्पर्क में आते है। उन्होने बताया यदि इसके रोकथाम के उचित कदम न उठाये गये तो 2030 तक धूम्रपान से हाने वाली मृत्यु का  आंकड़ा 80 लाख हो जायेगा। जिस घर में  धूम्रपान किया जाता है वहां के बच्चों,युवाओं, महिलाओं को धूम्रपान से होने वाला अप्रत्यक्ष खतरा बढ जाता है। लगभग 40 प्रतिशत युवाओं ओर बच्चों को अप्रत्यक्ष धूम्रपान का सामना करना पड़ता है। उन्होने बताया कि माता-पिता या घर के अन्य व्यक्ति द्वारा धूम्रपान किये जाने की वजह से तंबाकू वाली चीजों की उपलब्धता और घरेलू स्वीकृति की वजह से धूम्रपान के कुछ अन्य कारण है जिसकी वजह से बच्चों को धूम्रपान करने की लत लग सकती है, आज भारत में 9-10 वर्ष के बच्चें धूम्रपान करना आरंभ कर देते।   उन्होने कार्यक्रम में धूम्रपान छोड़ने के तरीके बताये जिसमें डाक्टर की सलाह पर निकोटीन रिप्लेसमेन्ट थैरपी की सहायता से धूम्रपान छोडा जा सकता है, कुछ अन्य तरीकों में मचिस, लाइटर, और ऐशट्रे  को फेंक दे या छिपा दे, धूम्रपान करने वाले व्यक्त्यिों से दूर रहें, मद्यपान तथा कैफीन वाले पेयों का सेवन नही करना चाहिए इससे धूम्रपान करने की इच्छा जागृत होती है। धूम्रपान करने की इच्छा होने पर व्यायाम,योग या टहलना शुरू  कर दें जिससे तनाव कम रहेगा। उन्होने बल देते हुए कहा कि यह देखा गया है कि तंबाकू के खतरे को जानने वाले जो लोग धूम्रपान  करतें है वे इसे अवश्य छोड़ना चाहते है, धूम्रपान छोड़ने के लिए निकोटीन रिप्लेसमेन्ट थिरेपी (एनआरटी) धूम्रपान छोड़ने हेतु एक असरदार उपचार के रूप में देने  के लिए कहा जाता है अध्ययनों से पता चला है कि एनआरटी से धूम्रपान छोड़ने की सम्भावनाएं करीब दोगनी हो जाती है। उन्होने कहा कि यह इच्छाशक्ति पर निर्भर करता है कि आप हमेशा  के लिए धूम्रपान छोड़ दें एनआरटी थिरेपी के अलावा बिना दवा वाले तरीके जैसे परिवार के सदस्यों, मित्रों, डाक्टरों की कांउसलिंग आदि के सहयोग से भी फायदा हो सकता है कि व्यक्ति धूम्रपान करना छोड़ दे।  

आपदा प्रभावितों को राहत पहुंचाने के नाम पर कोरी बयानबाजी

देहरादून/भतरौजखान,31 मई(निस)। भाकपा (माले) की राज्य कमेटी की दो दिवसीय बैठक शनिवार दूसरे दिन भी भतरौजखान में जारी रही। बैठक में उत्तराखंड के राजनीतिक हालात पर चर्चा करते हुए पार्टी के केंद्रीय कमेटी सदस्य कामरेड राजा बहुगुणा ने कहा कि राज्य की सरकार आपदा प्रभावितों को राहत पहुंचाने के नाम पर कोरी बयानबाजी और हवाई घोषणाएं कर रही है। आपदा से निपटने के कोई प्रभावी उपाय अभी भी जमीन पर नजर नहीं आ रहे हैं। जौनसार क्षेत्र में तो आपदा राहत के नाम पर दिए गए सरकारी चेक बाउंस हो रहे हैं, जो कि शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि बिना यात्रा मार्गों को दुरुस्त किये ही यात्रा शुरू करवा कर सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए हरीश रावत की सरकार लोगों का जीवन जोखिम में डाल रही है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को कांग्रेस-भाजपा की सरकारों ने भ्रष्टाचार के दलदल में धकेल दिया है। आपदा के लिए मिलने वाली धनराशी के नाम पर एक और घोटाले को अंजाम देने की तैयारी है। धरातल पर आपदा से जुड़े निर्माण कार्य कहीं दिखाई नहीं दे रहे हैं, लेकिन हरीश रावत केंद्र से चार हज़ार करोड़ रुपये की मांग कर रहे हैं। राज्य सरकार को पूर्व में केंद्र से मिले सात हज़ार करोड़ रुपये का ब्यौरा सार्वजानिक करना चाहिए। गैरसैण में विधानसभा सत्र पर टिपण्णी करते हुए माले नेता ने कहा कि गैरसैण को सत्ताधारियों ने अपने संकट को हल करने का जरिया बना दिया है। पलायन, बेरोजगारी, जल-जंगल-जमीन जैसे संसाधनों पर जनता का अधिकार बहाल किये बगैर गैरसैण में विधानसभा का सत्र सिर्फ एक राजनीतिक स्टंट है। उन्होंने कहा कि जनता की आकांक्षा गैरसैण को स्थायी राजधानी बनाने की है और कांग्रेस-भाजपा की कोशिश तमाम तरह के छल प्रपंच के जरिये इस मांग को पीछे धकेलने की है। स्थायी राजधानी के बजाय विधानसभा सत्र और राज्य में दो-दो विधानसभाओं के निर्माण की कोशिश जनता के साथ छल नहीं तो क्या है। कामरेड राजा बहुगुणा ने कहा कि सरकारी भूमि कब्जाने के आरोपी बीएस सिद्धू का राज्य के पुलिस महानिदेशक पद पर बने रहना बेहद शर्मनाक है। बीएस सिद्धू को तत्काल पद से हटाया जाना चाहिए और इस प्रकरण की सी.बी.आई.जैसी राज्य से बाहर की एजेंसी से जांच करवाई जानी चाहिए और इस प्रकरण की ईमानदारी से जांच करने वाले उपनिरीक्षक निर्विकार सिंह को तत्काल बहाल किया जाना चाहिए। अखिल भारतीय किसान महासभा के प्रदेश अध्यक्ष और माले के राज्य कमिटी सदस्य कामरेड पुरुषोत्तम शर्मा ने कहा कि उत्तराखंड सरकार पंचायत चुनाव करवाने और पंचायतों को अधिकार देने के प्रति कतई गंभीर नहीं है। पंचायतें अफसरशाही के चंगुल में हैं। अपने दैनिक कार्यों के लिए भी पंचायतें सरकार पर निर्भर हैं। इसलिए गांवों की बेहतरी के लिए कोई कदम उठा पाने में पंचायतें सक्षम नहीं हैं। पंचायतों को सुदृढ़ करने के लिए तत्काल कदम उठाये जाने की जरुरत है। बैठक का संचालन भाकपा (माले) के राज्य सचिव कामरेड राजेंद्र प्रथोली ने किया। बैठक में कामरेड बहादुर सिंह जंगी, कामरेड कैलाश पाण्डेय (नैनीताल), कामरेड जगत मर्ताेलिया, कामरेड सुरेन्द्र बृजवाल (पिथौरागढ़), कामरेड आनंद सिंह नेगी (अल्मोड़ा), कामरेड केके बोरा (उधमसिंह नगर), कामरेड इन्द्रेश मैखुरी (गढ़वाल) आदि ने भी विचार प्रकट किये। समाचार लिखे जाने तक बैठक जारी थी। 

हेमकुण्ड साहिब यात्रा सुचारू तरीके से शुरू करने पर बधाई

देहरादून 31 मई(निस)। शनिवार को गुरूद्वारा श्री गुरू सिंह सभा के प्रतिनिधिमण्डल ने बीजापुर हाउस में मुख्यमंत्री हरीश रावत से भेंट कर हेमकुण्ड साहिब यात्रा सुचारू तरीके से शुरू करने पर बधाई दी। प्रतिनिधिमण्डल ने एक स्वर से संत केसरी योजना को राज्य के सभी जिलों में लागू करने व इसके लिए आवंटित धनराशि को बढ़ाए जाने पर आभार व्यक्त किया। उन्होंने मुख्यमंत्री से सुभाष रोड़, देहरादून में 20 वर्षों से भी अधिक समय से चल रहे श्री गुरू सिह सभा गुरूद्वारा नानक निवास को एमडीडीए द्वारा सील किए जाने की कार्यवाही को रोकने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वस्त करते हुए कहा कि प्रकरण की पूरी जानकारी संबंधित अधिकारियों से लेकर आवश्यक कार्यवाही की जाएगी। प्रतिनिधिमंडल में अध्यक्ष सरदार राजेन्द्र सिंह राजन, महासचिव सरदार गुलजार ंिसह, उपाध्यक्ष सरदार दलीप सिंह, सचिव सरदार जगमिन्दर सिंह छाबडा व सरदार सेवा सिंह मठारू उपस्थित थे।

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