झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (23 अगस्त) - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 24 अगस्त 2014

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (23 अगस्त)

उचित मूल्य की दुकानों से नही मिल रहा गरीबों को अनाज, कलावती भूरिया ने दी आन्दोलन की चेतावनी

झाबुआ--- एक तरफ भाजपा की सरकार आम लोगों को राहत देने की बात करती है । सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत गा्रमीण अंचलों मे गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को तथा आम गरीबों को प्रति माह प्रति व्यक्ति 5 किलो अनाज देने की थोथी घोषणायें करके अपनी वाहवाही करने मे तुली हुई है वही झाबुआ जिले के गा्रमीण अंचलों में गरीब आदिवासियों के नाम से आरहा अनाज कालाबाजारियों के लिये कमाई का साधन बना हुआ है और गरीबों को उनके हक्क का अनाज भी नही मिल पारहा है । शासन प्रषासन को गरीबों की कोई चिंता नही है और वे दाने दाने के लिये उचित मूल्य की दुकानों पर चक्कर लगाने को विवष है । उक्त आरोप जिला पंचायत अध्यक्षा कलावती भूरियाने लगाते हुए  कहा है कि उनके गा्रमीण क्षेत्रों के भ्रमण के दौरा  पंचो, सरपंचों एवं आम गरीबों ने भेंट कर बताया है कि सरकारी उचित मूल्य की दुकानों पर उन्हे न तो पूरा अनाज दिया जारहा है और ना ही प्रषासन स्तर से जारी की जाने वाली पर्चिया मिल पारही है । खेती बाडी का समय होने के बाद भी गरीब आदिवासी परिवारों को उचित मूल्य की दुकानों पर अनाज के लिये चक्कर लगाने पड रहे है । उन्होने कहा कि  जिले को भरपूर अनाज गेहू,चांवल,षक्कर,केरोसिन का कोटा दिये जाने की बात प्रषासन स्तर से की जाती है किन्तु वास्तविकता इससे बिलुकुल उलट ही दिखाई दे रही है । गरीबों को लम्बे समय से उचित मूल्य की दुकानों से खाद्य सामग्री का वितरण नही हो रहा है और मिली भगत के चलते अनाजएवं अन्य सामग्री का कालाबाजरी होने से इससे बिचैलियों को लाभ मिल रहा है । जिला पंचायत अध्यक्षा ने चेतावनी देते हुए कहा कि उनके भ्रमण के दौरान यह बात भी सामने आई है कि कई स्थानों पर उचित मूल्य की दुकाने खुलती ही नही है, और यदि खुलती भी है तो धण्टे आधे घंटे मे बंद कर दी जाती है और आदिवासी खाली हाथ घर जाने को मजबुर हो जाते है । उन्होने कहा उचित मूल्य की दुकाने निर्धारितसमय पर खोली जावे तथा गरीब आदिवासियोंको उनकी पात्रता के अनुसार खाद्यान्न सामग्री का वितरण किया जावे अन्यथा इसे लेकर जिला कंाग्रेस पूरे जिले मे आन्दोलन करनेको बाध्य होगा ।

सीसीबी बैंक संचालक स्व. श्री राठौर को भावभीनी श्रंद्धाजलि

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झाबूआ---जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित झाबुआ की संचालक मण्डल की बैठक मे बैक संचालक स्व.ठाकुर विजेन्द्रसिंहजी राठौर की विगत दिनों सडक दुर्घटना में हुई असामायिक मृत्यु पर गहरा दुःख व्यक्त कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई।  श्री राठौर के निधन से सहकारिता क्षैत्र को बहुत क्षति हुई है । चुंकि श्री राठौर सहकारिता क्षैत्र से कई वर्षो से जुडे हुवे थे ।  श्रद्धांजलि सभा मे बैंक अध्यक्ष गौरसिंह वसुनिया, उपाध्यक्ष भूपेन्द्रसिंह राठौर, संचालकगण मनोहरलाल सेठिया, मानंिसह मेडा, विरसिंह वसुनिया, भारचन्द्र भुरिया, संजय श्रीवास, शांतिलाल बाबेल, दिनेष वैरागी, राकेष गिरी, उपायुक्त सहकारिता जिला-झाबुआ बबलू सातनकर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी विजयसिंह कुर्मी एवं बैंक के स्थापना प्रभारी एम.एस.नायक, बैंक मीडिया प्रभारी मनोज कोठारी उपस्थित थे।

श्रवण करने वाला श्रावक होता है : - आचार्य रवीन्द्रसूरि

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झाबूआ---राजगढ़ मोहनखेडा प.पू. अर्हत ध्यानयोगी गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्री रवीन्द्रसूरीश्वर जी म.सा. ने पर्युषण पर्व एवं चातुर्मास आराधकों को ध्यान - साधना कराने के पश्चात् कहा कि केवलज्ञान के पश्चात् प्रभु महावीर ने चतुर्विध संघ की स्थापना की और समोशरण में जब प्रभु देशना देते है तब उनकी आत्मा दूसरे प्राणीयों की संवेदनाओं को समझ लेती है । केवली सभी जिज्ञासाओं के तुरन्त उत्तर दे देते है । प्रभु ने श्रावक शब्द का उपयोग किया है । श्रावक सुनता है । पर श्रावक क्या और किस स्तर पर सुनता है ? प्रभु कहते है कि जो श्रावक एकाग्रचित्त होकर प्रभु वाणी का श्रवण कर अपने जीवन में उसे उतार ले वही श्रावक की परिभाषा में आता है । हम अपने मन के विचारों को स्वयं ही सुन सकते है समझ सकते है अन्य व्यक्ति मन के विचारों को नहीं सुन सकता है । शरीर जड़ है शरीर के अन्दर चेतन मन की खोज करना हमारा मुख्य लक्ष्य होना चाहिये और अपनी आत्मा की आवाज को पहचानने का प्रयास करें । हम जाने की हमारे विचार और शब्द अन्दर से कहा से आ रहे है । अन्र्तमन को पकड़ने का प्रयास करें । जागृत व्यक्ति ही शब्द को पकड़ पायेगा । जागृति का नाम ही धर्म है । सोया हुआ व्यक्ति उठकर धर्म क्रिया में लिप्त हो जाये यही धर्म जागरण है । व्यक्ति बिना जुबान के भी चैबीस घण्टे बोलता है हमारा मन क्रिया में लगा रहता है सोया हुआ व्यक्ति नींद में भी कर्म करते हुऐ अपनी अधूरी ईच्छाओं को स्वप्न के माध्यम से पूर्ण कर लेता है । जब हम मंत्र का ध्यान करते हुऐ एकाग्रता में रहते है तब हमारी आंखों में निद्रा की छोटी सी परत आ जाती है । उस समय सोने का प्रयास नहीं करें क्योंकि उस समय हम सत्य के बिल्कुल निकट होते है । ध्यान साधना में समाधि दो प्रकार से होती है । संकल्प समाधि, निर्विकल्प समाधि । समाधि में हमें अद्भूत दृश्य दिखते है हमें उन दृश्यों में रुकना नहीं है वहा से सीधे निकलकर निर्विकल्प समाधि में प्रवेश करना है । इस समाधि में व्यक्ति सिर्फ स्वयं के दर्शन करता है उसे दूसरा देवताओं के समान अनन्य प्रकाशमय प्रकाश पुंज के रुप में दिव्य ज्योति रुप में आत्मा के आत्म दर्शन होते है और साधक उस ज्योति में विलीन होकर केवलज्ञान को प्राप्त कर लेता है इस दिव्य ज्योति को अनुभव कर लेना मनुष्य का मुख्य लक्ष्य होना चाहिये । हमने इतने तीर्थों की यात्राऐं की फिर भी हमने हमारी आत्मा का विकास नहीं किया । त्याग और दान, धर्म को नहीं अपनाया मुस्लिम धर्म में मक्का मदीना का हज करके नमाज अदा करने वाले ब्याज नहीं लेने का संकल्प लेते है पर हम लोग स्वयं में सुधार नहीं कर पाते है । तीर्थ यात्रा करने के बाद हमने क्या त्याग किया । संसार के इस कलाकार मनुष्य के डर से अब तो देवता भी धरती पर आने में घबराते है क्योंकि धरती का मानव लोभ - लालच में ग्रसित है और देव भी उसकी इच्छाओं की पूर्ति नहीं कर सकते । जीवन में संतोष धर्म जरुरी है । हमें आत्म ज्ञान नहीं मिला हमारे जप और तप से हमारे परिजन भी प्रभावित न हुऐं तो हमारा जप - तप धर्म आराधना करना बेकार है । मुनिराज श्री रजतचन्द्रविजयजी म.सा. ने कहा कि तप के क्षेत्र में आराधक को भदैया बनकर नियमित आराधना करना चाहिये । गुरु भगवन्तों के सानिध्यता में हम जप - तप धर्म आराधना सफलता के साथ पूर्ण कर सकते है । क्रोध, कलह, ईष्र्या, हमारी तपस्या को भंग कर सकते है इस लिये हमें भावों को शुद्ध रखकर स्वयं को भाव हिंसा से भी बचाना है और आत्मा की मलिनता को दूर करना है पौषध में चार व्रत बताये गये है आहार त्याग, शरीर श्रृंगार त्याग, ब्रह्मचर्य व्रत, अव्यवहार पौषध इन चारों नियमों के धारक ही पौषध व्रत धारी होते है । मुनिश्री ने बताया कि सिद्धमभवसूरि जी म.सा. ने अपने सांसारिक पूत्र मनकमुनि की कम आयुष्य ज्ञान योग से जानकर उनके आत्मा के कल्याणार्थ दशवैकालिक सूत्र की रचना की और उन्हें सूत्र कंठस्थ करवाकर उनकी आत्मा का कल्याण किया । रात्रि भक्तिभावना में बेंगलोर के विपीन पोरवाल, प्रेरणा भटनागर ने समस्त आराधकों को भक्ति रस में भाव विभोर किया एवं नृत्य कलाकार भाई मोहनलाल ने आकर्षक मन भावन नृत्य की प्रस्तुति दी । भक्ति भावना में लक्की ड्रा का आयोजन भी किया गया । श्री मोहनखेड़ा तीर्थ पर दादा गुरूदेव श्रीमद्विजय राजेन्द्रसूरीश्वरजी म. सा. की पाट परम्परा के शासनप्रभावक सप्तम पटधर वर्तमान प.पू. गच्छााधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय रवीन्द्रसूरीश्वरजी म.सा., ज्योतिषम्राट मुनिप्रवर श्री ऋषभचन्द्रविजयजी म. सा., मुनिराज श्री पीयूषचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री रजतचन्द्रविजयजी म. सा. शासन ज्योति साध्वी श्री महेन्द्रश्रीजी म. सा., सेवाभावी साध्वी श्री संघवणश्रीजी म.सा. आदि ठाणा की पावनतप निश्रा में श्री मोहनखेडा तीर्थ पर यशस्वी चातुर्मास के दौरान 45 दिन की सिद्वितप आराधना में 20 आराधक आराधना कर रहे है । पर्युषण पर्व में आराधकों द्वारा 51 उपवास, 41 उपवास, 36 उपवास, 31 उपवास, 21 उपवास, 16 उपवास एवं सामुहिक अट्ठाई तपस्या की जा रही है । तपस्या की झड़ी लगी हुई है । पर्युषण पर्व के तीसरे दिन जय तलेटी की यात्रा के संघपति बन कर हाथी पर बैठने का लाभ श्री प्रेमलाबेन ममता बेन धनसुख जी संघवी झाबुआ, बग्गी का लाभ श्री फुलचंद जी पावावाले परिवार, गहुंली का लाभ श्री भंवरलाल जी जोगाणी परिवार भीनमाल को प्राप्त हुआ।

स्वीप योजनान्तर्गत विशेष मतदाता केम्प आयोजित होगे

झाबुआ ---स्वीप योजनान्तर्गत माह अगस्त,सितम्बर तथा अक्टूबर में मतदाता जागरूकता शिविर लगाने का निर्णय लिया गया है। शिविर जिला स्तर एवं विकासखण्ड स्तर पर आयोजित होगे। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार अनुभाग झाबुआ के विकासखण्ड रानापुर में 26 अगस्त 2014 को, विकासखण्ड झाबुआ में 5 सितम्बर 2014 को, हेड पोस्ट आॅफिस रानापुर में 9 सितम्बर 2014 को, शा.काॅलेज झाबुआ में 8 सितम्बर 2014 को, हेड पोस्ट आॅफिस झाबुआ में 9 सितम्बर 2014 को, जिला अस्पताल झाबुआ में 1 अक्टूबर 2014 को, शा. अस्पताल रानापुर में 7 अक्टूबर 2014 को, अनुभाग थांदला के विकासखण्ड मेघनगर में 26 अगस्त 2014 को, विकासखण्ड थांदला में 28 अगस्त 2014 को, शा.अस्पताल मेघनगर में 9 सितम्बर 2014 को, शा. अस्पताल थांदला में 10 अक्टूबर 2014 को, मुख्य नगर पालिका केम्पस थांदला में 11 सितम्बर 2014 को, लीड बैंक मेघनगर में 7 अक्टूबर 2014 को, अनुभाग पेटलावद के विकासखण्ड पेटलावद में 27 अगस्त 2014 को, शा. काॅलेज पेटलावद में 10 सितम्बर 2014 को, लीड बैंक पेटलावद में 9 अक्टूबर 2014 को मतदाता जागरूकता शिविर आयोजित किये जायेगे।

आगामी त्यौहारो को सौहाद्रपूर्ण तरीके से मनाने के लिए शांति समिति की बैठक संपन्न

झाबुआ ----आगामी त्यौहार गणेश उत्सव, दुर्गा उत्सव, दशहरा, दीपावली, ईद-उल-अदहा को शांतिपूर्ण तरीके से मनाने के लिए आज 23 अगस्त को शांति समिति की बैठक पुलिस कंट्रोल रूम सभा कक्ष में संपन्न हुई। बैठक में प्रभारी कलेक्टर श्री धनराजू एस. पुलिस अधीक्षक श्री एस.पी सिंह एवं उप पुलिस अधिक्षक श्री सुदंरसिंह कनेश सहित समिति के शासकीय एवं अशासकीय सदस्य उपस्थित थे। बैठक में निर्णय लिया गया कि चल समारोह में व्यक्ति धारदार हतियार एवं आग्नेय अस्त्र लेकर ने चले। गणेश एवं दुर्गा आयोजन मण्डल के सदस्य आयोजन स्थल पर विद्युत मण्डल से आस्थाई कनेक्शन ले एवं आयोजन स्थल की अनुमति संबंधित एसडीएम से प्राप्त करने के बाद ही आयोजन करे। आयोजन स्थल पर आवश्यक व्यवस्थाएॅ साफ-सफाई, पानी इत्यादि व्यवस्थाएॅ नगरपालिका परिषद करवाये। गणेश उत्सव, एवं दुर्गा उत्सव के दौरान गणेश एवं दुर्गा प्रतिमाएं अनास नदी पर रंगपुरा में विर्सजित की जाये। विर्सजन स्थल पर सीसी टीवी केमैरे नगरपालिका द्वारा लगवाये जाये। प्रतिमा विर्सजन स्थल पर प्रकाश व्यवस्था एवं तैरने के लिए टूयूब रखे जाये। दशहरा पर्व पर आवश्यक पुलिस बल तैनात किया जाये। उक्त व्यवस्थाएॅ सुनिश्चित करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया। आम जन से अपील है कि सोशन साइड पर यदि कोई धार्मिक भावना केो आहत करने वाले एसएमएस आते है तो तत्काल पुलिस को सुश्चित करे।

पशु कु्ररता मे आरोपी गिरफ्तार,  गायों/बछड़ों को गौशाला भेजा गया 

झाबूआ---फरियादी कैलाश पिता बाला चारेल, उम्र 30 वर्ष निवासी लालपुरा ने बताया कि बोलेरो पिकअप का चालक अपने वाहन में गाय व बछडे अवैध रूप से ठुस-ठुस कर कु्ररता पूर्वक भरकर गुजरात तरफ ले जा रहा था। प्रकरण में थाना पेटलावद में अपराध क्रमांक 351/14, धारा 4,6,9 गोवंश अधिनियम तथा 11 पशु क्रुरता अधिनियम-2011 का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

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