समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रदेश प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने केंद्र सरकार को सूबे मंे बिजली संकट का जिम्मेदार बताते हुए कहा कि बिजली आवंटन के मामले में प्रदेश को कोटे की तुलना में एक तिहाई बिजली कम दी जा रही है। प्रदेश में ताप बिजलीघर कोयले की कमी से जूझ रहे हैं। इसी वजह से बिजली संकट पैदा हुआ है। उन्होंने कहा कि केंद्र का रवैया उप्र के प्रति सौतेला ही दिखाई दे रहा है। केंद्र की सत्ता पाकर भाजपा को ऐसा घंमड हो गया है कि वह उत्तर प्रदेश की समाजवादी सरकार के राह में रोड़ा अटकाने लगी है। यह प्रवृत्ति संविधान के संघीय ढांचे की भावना के प्रतिकूल है।
सूखे को लेकर चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार से सूखा राहत पैकेज मिलने में देरी हो रही है। प्रदेश में सूखे से 44 जिले प्रभावित हुए। इन इलाकों में किसानों की मदद के लिए ही 6138.42 करोड़ रुपये की राशि केंद्र से मिलनी चाहिए। विभिन्न जनपदों में किसानों को फसल के नुकसान की भरपाई के लिए राहत के तौर पर 685,41 करोड़ रुपये की राज्य सरकार की मांग पर भी केंद्र सरकार चुप्पी साधे है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने हालात की नजाकत समझते हुए अपने स्तर से मार्च, 2015 तक राजस्व वसूली स्थगित करने और तत्काल अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।

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