नई दिल्ली. रूम पार्टनर द्वारा लगाए गए बलात्कार के आरोप झेल रहीं एशियाई खेलों में गोल्ड मेडलिस्ट पिंकी प्रमाणिक सभी आरोपों से बरी हो गई हैं। मालूम हो, मेडिकल रिपोर्ट में पिंकी पुरूष नहीं, बल्कि एक महिला है और कानूनन महिला पुरूष के खिलाफ रेप का आरोप लगा सकती है। कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले से राहत मिलने के बाद पिंकी राहत महसूस कर रही है, लेकिन पूर्वी रेलवे की कर्मचारी पिंकी ने उनकी छवि खराब करने के लिए शिकायतकर्ता को सजा देने की गुहार की है।
उल्लेखनीय है कि पिंकी प्रमाणिक पर उनकी ही लिव-इन-पार्टनर आनामिका आचार्य ने पिंकी को एक पुरूष बताकर बलात्कार का आरोप लगाया था। आचार्य के आरोपों के बिना पर 14 जून 2012 को पिंकी को गिरफ्तार कर लिया गया था और लिंग निर्धारण करने के लिए मेडिकल टेस्ट भी कराया गया था।यही नहीं, अनामिका की शिकायत पर बारासात अदालत सत्र न्यायाधीश ने पिंकी के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 (बलात्कार) और 418 (धोखाधड़ी) के तहत आरोप तय कर दिए थे, जिसे चुनौती देते हुए पिंकी ने 2013 में हाईकोर्ट की शरण ली और अपने खिलाफ आरोपों को खारिज करने की मांग की।
बुधवार को मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस तालुकदार ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद पिंकी के खिलाफ बलात्कार और धोखाधड़ी के आरोपों को खारिज कर दिया है।पिंकी के वकील कौशिक गुप्ता ने जस्टिस तालुकदार के सामने कहा था कि पिंकी की मेडिकल रिपोर्ट से साबित हो गया है कि वह एक महिला हैं। जबकि भारतीय कानून के तहत पुरूष पर ही बलात्कार का आरोप लगाया जा सकता है। इससे पिंकी के खिलाफ बलात्कार और धोखाधड़ी का मामला ही नहीं बनता।

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