- जगह-जगह खुलेगा इ-लर्निंग स्कूल, बुनकरों के कल्याण के लिए स्किल डेवलपमेंट
- विश्वस्तरीय होगा टांसपोर्ट सिस्टम
किसी के अच्छे दिन आएं न आएं लेकिन काशी के अच्छे दिन तो आ ही गए है। आएं भी क्यों नहीं इलका प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जो है। शायद यही वजह है कि क्योटों समझौते के बाद अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र काशी के कायाकल्प के लिए ब्लू प्रिंट तैयार करा दी है। अब सिर्फ योजनाओं को अमली-जामा पहनाया जाना है। योजना के तहत तैयार ब्लू प्रिंट में 100 घाटों का सौंदर्यीकरण, जगह-जगह नेगा इ-लर्निंग स्कूलों की स्थापना, बुनकरों के कल्याण के लिए स्किल डेवलपमेंट, विश्वस्तरीय पब्लिक टांसपोर्ट सिस्टम, फिल्म सीटी, बाॅटेनिकल गार्डेन, शास्त्रीय संग्रह केन्द्र, वाॅटर टीटमेंट प्लांट आदि शामिल है। यह सब होगा काशी के विरासत, संस्कृति को बगैर छेड़छाड़ किए का ढांचागत विकास करने की तैयारी है। हालांकि इस ब्लू प्रिंट को वास्तविकता के धरातल पर आने में अभी वक्त लगेगा। लेकिन तैयार ब्लू प्रिंट पर प्रधानमंत्री का मुहर लगने के बाद काम शुरु हो जायेगा। इसके अंतर्गत कौशल विकास केन्द्र होगा। जिसमें शहर के विभिन्न इलाकों में बढ़ती जाम के संकट को उबारने के लिए टैफिक प्लान तैयार किया गया है।
जगह-जगह सड़कों पर फैले कूड़े-कचरे के निस्तारण किया जायेगा। घाटों पर व्याप्त गंदगी को दूर करने के 100 घाटों का संवारा व सजाया जायेगा। दूषित पानी के लिए वाॅटर टीटमेंट प्लांट लगाएं जायेगे। कहा जा रहा है कि ये सुविधाएं मुहैया होने के बाद काशीवासियों को समस्याओं से कुछ हद तक मुक्ती मिल जायेगी। उम्मीद की जा रही है कि वर्ष 2019 लोकसभा चुनाव से पहले काशी को एक आर्दश संसदीय क्षेत्र के रुप में पूरे भारत में पेश किया जा सके। निर्मल गंगा के लिए फाइलें पूरी तरह तैयार हो गई है। प्रधानमंत्री ने क्योटो की तर्ज पर भगवान शिव की नगरी काशी को स्मार्ट सिटी बनाने व बुलेट टेªन चलाने के लिए जापानी प्रधानमंत्री से पहले ही करार कर चुके है। हालांकि बाबा विश्वनाथ के त्रिशुल पर टिकी काशी वैसे भी पूरी दुनिया में जाना जाता रहा है, परन्तु यहां की बदहाल इंफ्रास्टक्चर इसकी साख पर पलीता लगा रहा था। पर अब ऐसा नहीं होगा। बाबा विश्वनाथ की महिमा में आड़े आ रही उबड़-खाबड़ सड़के, जाम नालिया-सीवर, अतिक्रमण, बेइंतहा बिजली कटौती जैसे समस्याओं से निजात दिलाकर एकबार फिर से काशी को हर तरह की सुविधाओं से सुसज्जित करने की तैयारी है।
(सुरेश गांधी)



कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें