बिहार : अपराधियों के बीच में मनमुटाव होने से हत्या, त्योहार मातम में तब्दील - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 3 अक्टूबर 2014

बिहार : अपराधियों के बीच में मनमुटाव होने से हत्या, त्योहार मातम में तब्दील

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पटना। इन दिनों दीघा में देशी और विदेशी शराब बेचने का धंधा जोरों पर है। इस क्षेत्र में स्मैक और हेरोइन तक की बिक्री की जाती है। जाहिर-सी बात है। इसका उपयोग करने वालों की संख्या अधिक होगी। इसका सेवन करके अपराधी मस्त हो जाते हैं और पुलिस पस्त पड़ जाती है। जब पुलिस अपराधियों को लगाम लगाने में अक्षम है। तो अपराधी गिरोह के सदस्य ही विरोध करने पर उतारू हो जाए। तो विरोध करने वाले वंदे की ही मौत कर दी जाती है। नवरात्र के नौवीं के दिन हादसा हुआ। इसको लेकर त्योहार मातम में तब्दील हो गया। 

दीघा थानान्तर्गत मखदुमपुर गांव के गेट नम्बर-82 में रहने वाले मुरत सिंह के पुत्र रंजीत कुमार ने बालूपर मोहल्ला में मकान खरीदा। यह मकान विजय कुमार के मकान से सटे है। इनके चार बच्चे हैं। विजय कुमार के अविवाहित पुत्र कुणाल कुमार (19 साल) चप्पल बनाने वाली दुकान में कार्यरत था। उसकी दोस्ती पड़ोसी रंजीत कुमार के साथ हो गयी।दर्जनों की संख्या में अपराधी किस्म के दोस्त मिलकर शराब और स्मैक का सेवन किया करते थे। ये लोग किसी एकांत जगह में शराब पीते और नशीली स्मैक और हेरोइन का सेवन कर मस्त से मस्ती में आनंदमय हो जाते। किसी तरह से जब मदहोश होने में विध्न न पड़े। तब विचार आया कि क्यों नहीं रंजीत कुमार के मकान को रंगालय में तब्दील कर दिया जाए। रात्रि पहर ही अंजाम दिया गया। अपने मकान में रहने वाले किरायादार को गाली देने लगा और रात्रि में ही रंजीत कुमार ने किरायादार को घर से बाहर कर दिया। इसके बाद घर में ही यारों के संग पीओ और जीओ पर चलकर मस्ती मारने लगे। अब यारों ने शराब के साथ लड़की की अभिलाषा करने लगे। इनकी अभिलाषा पूरी होने लगी। प्रत्येक दिन अलग-अलग लड़किया आने लगी। शराब के साथ लड़की की लत से कुणाल कुमार परेशान होने लगा। कुणाल कुमार की एक बहन थीं। ऐसा न हो कि रंजीत और उनके साथी भी बहन पर धांवा न बोल दें। 

इसको लेकर विजय कुमार के एक अन्य पुत्र ने पुलिस के समक्ष बयान में कहा कि कुणाल भइया के साथ रंजीत और उनके साथियों के साथ चार दिन पहले जमकर विवाद हुआ था। इसका परिणाम रंजीत कुमार और उनके साथियों ने कुणाल भइया की हत्या करके दिया है। नवरात्र के आठवीं के दिन कुणाल भइया को जमकर पिटायी की गयी। संभवतः दारू के साथ जहर भी पिला दिया गया। बेहोशी की हालत में मखदुमपुर गांव के गंगा किनारे से कुणाल भइया को उठाकर नौवीं के दिन अस्पताल लिया गया। जहां चिकित्सा के दौरान मौत हो गयी। 

इसके पहले दीघा थाना की पुलिस को मोबाइल से संदेहास्पद मौत की सूचना दी गयी। मौके पर पुलिस पहुंच कर छानबीन करने लगी। इस बीच दीघा थानाध्यक्ष भी मौके पर आ गए। पुछताछ के क्रम में मृतक के परिवार के सदस्यों के द्वारा लगातार विवादस्पद बयान सामने आने पर दीघा थानाध्यक्ष ने मृतक कुणाल कुमार के शव को पीएमसीएच पोस्टमार्टम कराने के लिए भेज दिया। 


आलोक कुमार
बिहार 

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