- राज्य आंदोलनकारियों के पक्ष को मजबूती से रखने के लिए अपर महाधिवक्ता की अध्यक्षता में कमेटी गठित
देहरादून, 1 अक्टूवर (राजेन्द्र जोशी )। केदारनाथधाम और आसपास के इलाके के पुनर्निर्माण के तौर-तरीकों पर उत्तराखंड सरकार ने अपनी मुहर लगा दी है। मंगलवार को देर रात तक चली मुख्यमंत्री हरीश रावत की अगुवाई कैबिनेट ने धाम के पुनर्निर्माण के ब्ल्यूप्रिंट को मंजूरी दे दी। 25 अक्तूबर तक हर हाल में निर्माण कार्य शुरू करा दिया जाएगा। फैसला किया गया कि केदारनाथ मंदिर के पीछे और बाएं-दाएं कोई निर्माण नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही केदारनाथ धाम में पट्टाधारकों को भी जगह देने को मंजूरी दी गई। सचिवालय में देर शाम कैबिनेट के फैसलों की जानकारी मुख्य सचिव सुभाष कुमार ने दी। कैबिनेट ने तय किया कि जो भी निर्माण होगा उसमें जीएसआई की रिपोर्ट का पूरा ध्यान रखा जाएगा। केदारनाथ के पुनर्निर्माण में सबसे बड़ी समस्या पट्टाधारकों को लेकर थी। तय किया गया कि कुल 333 पट्टाधारकों को केदारनाथ में ही जमीन दी जाएगी। भवन अधिकतम दो मंजिला होंगे। पट्टाधारकों के अलावा करीब 200 अन्य लोगों, संस्थाओं, सरकारी विभागों की भी केदारनाथ में जमीन थी। इनको भी केदारनाथ में ही जमीन दी जाएगी।
मंदिर के तीन तरफ नहीं होगा कोई निर्माण
कैबिनेट ने यह भी साफ कर दिया कि केदारनाथ मंदिर के पीछे तीन लेयर की सुरक्षा दीवार बनेगी। मंदिर के पीछे, दाएं और बाएं कोई निर्माण कार्य नहीं होगा। मंदिर से लेकर नीचे पुल तक बीच में बीस मीटर का पूरा रास्ता छोड़ा जाएगा। केदारधाम में निर्माण भी इस तरह से होगा कि देवदर्शनी से मंदिर साफ दिखाई दे। आपदा से ठीक पहले मंदिर के चारों ओर निर्माण की वजह से मंदिर देवदर्शनी से दिखाई नहीं देता था। यह भी तय किया गया कि दस दिन के अंदर-अंदर केदारधाम के ब्लूप्रिंट पर सरकार हक-हकूक धारियों, साधु-संतों, तीर्थ-पुरोहितों और अन्य संबंधित वर्गों से बात करेगी और उनसे सहमति ली जाएगी।
केदारनाथ जाने को बनेंगे दो मार्ग
कैबिनेट ने 25 अक्तूबर तक केदारनाथ में बेस कैंप के पास हैलीपैड तैयार करने को भी मंजूरी दी। तय किया गया कि हेलीपैड बन जाने के बाद एमआई 26 से भारी मशीनरी को केदारनाथ में उतार लिया जाएगा जिससे तुरंत ही निर्माण कार्य शुरू कराया जा सके। केदारनाथ में मंदिर के बांयी तरफ पहले से बने हेलीपैड का उपयोग सिर्फ इमरजेंसी में ही किया जाएगा। जून 2013 की आपदा से सबक लेते हुए कैबिनेट ने केदारनाथ धाम के लिए दो वैकल्पिक मार्गों के निर्माण को मंजूरी दे दी है। तय किया गया है कि इन मार्गों का निर्माण एस्केप रूट के तौर पर होगा और निर्माण कार्य भी हर हाल में एक साल के अंदर हो जाएगा। इसके तहत केदारनाथ-त्रिजुगीनारायण-गरुड़चट्टी होगा पहला एस्केप रूट होगा और कालीमठ-चोमासी-भैरवमंदिर होगा दूसरा वैकल्पिक मार्ग होगा। इन दोनों रूटों को बनाने और एलाइनमेंट का सारा काम वन विभाग करेगा। पहला मार्ग करीब 14 किलोमीटर का है और दूसरा करीब 23 किलोमीटर का है। विस्थापन के सवाल पर कैबिनेट ने यह साफ कर दिया है कि हर हालत में केदारनाथ रूट पर ही प्रभावित लोगों को भूमि आवंटित की जाएगी। घोड़ा पड़ाव और गरुड़चट्टी में भू स्खलन वाली जमीन का ट्रीटमेंट किया जाएगा। छोटी लिंचोली, बड़ी लिंचोली आदि स्थानों पर बसावट होगी। केदारनाथ के लिए लिंचोली से लेकर केदारनाथ तक रोपवे, गोल्फ कोर्ट आदि की व्यवस्था को भी कैबिनेट ने मंजूरी दी।
छूट गए लोगों को मिलेगा मुआवजा
कैबिनेट ने मुआवजा पाने से वंचित रह गए लोगों को भी मुआवजा देने का फैसला किया। इसके लिए जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग को अधिकार दिए गए। जिलाधिकारी इस मामले की जांच करेंगे। छूट गए पालकी, घोड़े-खच्चर सहित अन्य लोगों को मुआवजा बांटेंगे।
जीएमवीएन की होगी भरपाई
इस बार की यात्रा में लोगों को खाना खिलाने से लेकर फेब्रीकेटिड हट बनाने तक का जिम्मा उठाने वाली जीएमवीएन को दस करोड़ रुपये देने की मंजूरी दी गई। जीएमवीएन ने बीस करोड़ रुपये की मांग की थी। इसी तरह जिला प्रशासन रुद्रप्रयाग को 19 करोड़ रुपये, निम और एसडीएफ को साढ़े नौ करोड़ रुपये देने को मंजूरी दी गई।
नौ हेक्टेयर जमीन पर कोई निर्माण नहीं
केदारनाथ मंदिर से लेकर भीमबली तक करीब नौ हेक्टेयर जमीन ऐसी है जिस पर कोई निर्माण नहीं होगा। जीएसआई ने इस जमीन को भू धंसाव के हिसाब से खतरनाक माना है। कैबिनेट ने स्पष्ट कर दिया कि इस जमीन को खाली ही रखा जाएगा।
नर्सिंग प्रवेश पर अतिरिक्त लगेगी फीस
राज्य के नर्सिंग कालेजों में प्रवेश लेने पर अब 50 फीसदी अधिक फीस लगेगी। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने फीस को दोगुना करने का प्रस्ताव रखा था। मगर इस पर मंत्रिमंडल में सहमति नहीं बनी लेकिन विभिन्न कोर्सों की फीस में अधिकतम पचास फीसदी वृद्धि पर मुहर लग गई। फीस वृद्धि में नर्सिंग स्नातक और स्नातकोतर कोर्स सहित अन्य सभी प्रकार के कोर्स शामिल हैं। मंत्रिमंडल के फैसले के बाद विभिन्न कोर्सों की फीस की विस्तृत प्रारुप तैयार होगा। एमएससी नर्सिंग की फीस बढ़ोतरी इसी सत्र से लागू होगी जबकि
अन्य कोर्सों की फीस अगले सत्र से बढे़गी।
उत्तराखंड में बीएससी नर्सिंग के तीन राजकीय कॉलेज हैं जबकि एएनएम के पांच कालेजों में कोर्स करवाए जाते हैं। इन्हीं आठ कालेजों में जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफी (जीएनएम) का कोर्स भी करवाया जाता है। बीएससी नर्सिंग की 60 सीटें, पीजी की 30 सीटें, जीएनएम की 80 सीटें और एएनएम की 150 सीटें हैं। वहीं अब विभाग एमएससी नर्सिंग के अलावा अन्य कोर्सों को नए सिरे से फीस का ढांचा तैयार करेगा। एमएससी नर्सिंग की फीस अब 49 हजार रुपये वार्षिक कर दी है, जबकि पहले फीस 32500 रुपये थी। एमएससी नर्सिंग की फीस इसी सत्र से बढ़ेगी जबकि अन्य कोर्सों की फीस अगले सत्र से बढ़ेगी। मंत्रिमंडल की बैठक में उपनल के माध्यम से आउटसोर्सिंग पर विभिन्न विभागों में तैनात कर्मियों को नहीं हटाया जाएगा। जिन कर्मचारियों को हटाया गया है उन्हें अन्यत्र तैनात करने का भी फैसला लिया गया। उपनल कर्मियों ने उनकी सेवाएं समाप्त करने पर व्यापक आंदोलन किया था, जिसके बाद मंत्रिमंडल ने यह फैसला लिया।
शिक्षकों के हित में किये कई फैसले
शिक्षकों को एसीपी का लाभ दिया जायेगा जो कर्मचारियों के एसीपी से अलग होगा , ये हिमाचल की तरह 4 ,9 और 14 साल पर मिलेगा ! मुख्यमंत्री हरीश रावत ने हरक सिंह रावत को सीटी अध्यापकों को कृषि विभाग में डाएरेक्टर के पद पर समायोजित करने के निर्देश दिये हैं । दुर्गम शिक्षकों को 15000 रुपये दुर्गम भत्ता तथा दोहरा माकन भत्ता देने की भी घोषणा की है ।
साल में 50 ईएल भी दिये जायेंगे ।
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शिक्षकों तथा शिक्षक नेताओं से समझोता वार्ता में अपने मिलने का समय देने का वादा.
माननीयों की पेंशन-भत्ता नियमावली में संशोधन
पूर्व विधायकों को मिलने वाली विधानसभा सदस्य पेंशन भत्ता नियमावली में संशोधन कर कुछ सुविधाएं बढ़ाने का मंत्रिमंडल ने फैसला लिया है। जबकि विधायकों को मिलने वाले कूपन को 6 हजार मासिक को 12 हजार रुपये मासिक कर दिया है। पूर्व विधायकों की सुविधाएं बढ़ाए जाने को मंजूरी के बाद अब उनके विभिन्न भत्तों को रिवाइज किया जाएगा।
वैकल्पिक ऊर्जा हुई महंगी
कैबिनेट ने वैकल्पिक ऊर्जा के उत्पादन पर दस पैसे प्रति यूनिट का अधिभार लगाने का भी फैसला किया। इसमें ग्रिड में शामिल होने वाली बिजली के अलावा अन्य उत्पादित बिजली भी शामिल है। इसे उत्तराखंड हरित ऊर्जा उपकर का नाम दिया गया। इसके साथ ही कैबिनेट ने जर्जर हो चुके बिजली के ट्रांसफार्मर, बिजली के तार, खंभे आदि को बदलने के निर्देश दिए। इसके लिए पावर फाइनेंस कारपोरेशन आफ इंडिया से कर्जा लिया जाएगा। कैबिनेट ने भी उत्तराखंड विद्युत निरीक्षण सुरक्षा संबंधित उपाय आदेश को भी मंजूरी दी गई।
आर्य और सुरेंद्र राकेश गैरहाजिर
कैबिनेट में राजस्व मंत्री यशपाल आर्य और समाज कल्याण मंत्री सुरेंद्र राकेश मौजूद नहीं रहे। बताया गया कि आर्य किसी कार्यक्रम में व्यस्त रहने के कारण नहीं आ पाए जबकि सुरेंद्र राकेश स्वास्थ्य सही न होने की वजह से नहीं पहुंचे ।
अन्य महत्वपूर्ण फैसले
- तीर्थ पुरोहितों को आठ सौ रुपये पेंशन देने की घोषणा को मिली कैबिनेट की मंजूरी।
- उत्तराखंड के पौराणिक मेलों को पर्यटन से जोड़ा जाएगा, इसके लिए मेला निधि बनेगी।
- तीलू रौतेली विशेष पेंशन योजना में 60 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुष भी शामिल।
- जौनसार बाबर सेवानिवृत्त कर्मचारी मंडल को सुद्दोवाला में दी गई भूमि पर नजराना माफ।
- राज्य आंदोलनकारियों को नौकरियां देने के मसले पर मुख्यसचिव की अध्यक्षता में कमेटी गठित, यह
कमेटी उत्तरप्रदेश में संबंधित व्यवस्था का अध्ययन कर सुझाव सरकार को सौंपेगी।
- गैरसैंण विकास प्राधिकरण के लिए जल्द ही आर्डिनेंस लाने को कैबिनेट की मंजूरी।
- राज्य आंदोलनकारियों के पक्ष को मजबूती से रखने के लिए अपर महाधिवक्ता की अध्यक्षता में कमेटी
गठित, कमेटी में न्याय विभाग का अधिकारी और एक अधिवक्ता शामिल होगा।
- कृषि भूमि के भू उपयोग परिवर्तन के मामले में भी कमेटी का गठन।
- बिंदु खत्ता, बापू ग्राम और कालागढ़ को वन ग्राम से राजस्व ग्राम घोषित किये जाने के पुराने फैसले पर
कैबिनेट कायम, कुछ कानूनी दिक्कतों को हवाला देते हुए फैसले को वापस लेने की बात की गई थी।

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें