राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने आज कटाक्ष करते हुए कहा कि देश की उच्च शिक्षा प्रणाली विश्वस्तरीय विद्वानों को पैदा करती है लेकिन ये विद्वान इसके बाद विदेशी विश्वविद्यालयों का रूख कर लेते हैं। श्री मुखर्जी ने कलकत्ता विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में आज कहा ऊंचे पदों पर बैठे उच्च शिक्षाप्राप्त लोगों की यह जिम्मेदारी बनती है कि वे आगे की पीढी में देशभक्ति.ईमानदारी जिम्मेदारी अनुशासन. महिलाों के प्रति सम्मान और सौहार्द आदि की भावनायें भरें।
उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा के बाद विदेशों की ओर जाने केचलन के बारे में अच्छी तरह पडताल करनी जरूरी है।उन्होंने कहा..ऐसा नहीं है कि हमारे यहां कुशाग्र छात्रों या अच्छे शिक्षकों की कोई कमी है। इस बात का सबूत यह है कि यहां के विश्वविद्यालय के पढे छात्र नोबेल पुरस्कार विजेता बने हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि इस विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र होने के कारण उनका इससे जुडाव है और वह उनके द्वारा कानून विषय में दी गयी डी लिट की उपाधि स्वीकार करते हैं।

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