- स्वास्थ्य के अधिकार को संविधान के मौलिक अधिकार में शामिल करने की मांग
- सरकारी हाॅस्पिटलों में दवा की उपलब्धता की गांरटी दो
पटना। आज राजधानी लाल झंडा से पटा गया। विभिन्न जिलों से आए स्वास्थ्य कर्मियों, संविदा पर कार्यरत कर्मियों, आशा, ममता, कुरियर, 102, 108, 109 एम्बुलेंस चालकों एवं टेकनिशियनों ने अपने-अपने हाथों में लाल बैंनर और लाल झंडा लेकर चल रहे थे। प्रदर्शनकारियों ने लाल झंडा का केन्द्र सरकार पर अधिक और राज्य सरकार पर कम वार किया।
विभिन्न जिलों से आकर स्वास्थ्यकर्मी गांधी मैदान में जमा हुए। इसके बाद बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संद्य के बैनर तले जुलूस मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के समक्ष प्रदर्शन करने के लिए निकला। गांधी मैदान से आगे बढ़ने पर आर.ब्लाॅक चैराह के पास प्रशासन ने रोक दिया। तब जुलूस आम सभा में तब्दील हो गया। आम सभा की अध्यक्षता राज्याध्यक्ष विजय कुमार यादव,उपाध्यक्ष बिन्दु कुमारी सिंह एवं रामाशंकर सिंह ने की।
बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संद्य के महामंत्री विश्वनाथ सिंह, सीटू के राज्य मंत्री गणेश सिंह, उपाध्यक्ष योगेन्द्र प्रसाद सिंह, बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंद्य के अरूण कुमार सिंह, अनुप राम, महिला उप समिति की संयोजिका अवलेश कुमारी, मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता (आशा), संद्यर्ष समिति की मंत्री मंजुला कुमारी, प्रशिक्षिका प्रसव सेविका सह ममता, संद्यर्ष समिति की मंत्री रेखा कुमारी, कुरियर संद्यर्ष समिति के संयोजक मधुरेश कुमार, बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संद्य के संयुक्त मंत्री सुबेश कुमार सिंह, महेश्वरी प्रसाद राम, सत्येन्द्र प्रसाद, पेंशनर्स एसोसिएशन के महामंत्री भोला शर्मा सहित संद्य के महासंद्य एवं विभिन्न जन संगठनों के कई नेतागण ने संबोधित किए।
बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संद्य के महामंत्री विश्वनाथ सिंह ने भारत सरकार एवं बिहार सरकार के मजदूर, कर्मचारी,किसान विरोधी नीतियों की आलोचना किया। उन्होंने विस्तार से मांगों की चर्चा किए। स्वास्थ्य कर्मी, संविदा पर कार्यरत कर्मी, आशा, ममता, कुरियर, 102, 108, 109 एम्बुलेंस चालकों एवं टेकनिशियनों सहित डी.डी.टी.छिड़काव कर्मी, पी.पी.पी. मोड पर कार्यरत मजदूरों से किसान, खेतिहर मजदूर एवं असंगठित मजदूरों के साथ व्यापक एकजुटता कायम करते हुए मजदूरपक्षी वैकल्पिक नीति लागू करवाने के लिए संद्यर्ष करने की अपील करते हुए माननीय मुख्यमंत्री से स्वास्थ्य के अधिकार को संविधान के मौलिक अधिकार में शामिल कराने,आई.पी.एच.एस. के अनुरूप मेडिकल काॅलेज से लेकर स्वास्थ्य उप केन्द्रों का सृजन करते हुए चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ, पारा मेडिकल स्टाफ सहित दवा की उपलब्धता की गांरटी करने, मंत्री परिषद के निर्णयानुसार 05 सदर अस्पतालों को 500 शय्या वाले अस्पतालों,11 सदर अस्पतालों को 300 शय्या वाले अस्पतालों,09 सदर अस्पतालों को 100 शय्या वाले अस्पतालों में उत्क्रमित करने, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के द्वारा निर्धारित लक्ष्य के अनुसार सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को 30 शय्या वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में उत्क्रमित करते हुए स्वीकृत पदों पर स्थायी नियुक्ति करने, बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग के ज्ञापांक - 808 (1) दिनांक 07-12-2011 के द्वारा मंत्री परिषद द्वारा अनुमादित ए.एन.एम. क अतिरिक्त नव सृजित 28447, महिला स्वास्थ्य परिदर्शिका के 5488 पदों सहित परिचारिका, ए.एन.एन. एवं पारा मेडिकल स्टाफ के स्वीकृत रिक्त पदों पर स्वीकृत रिक्त पदों पर स्वीकृत रिक्त पदो ंके विरूद्ध आरक्षण का कोटिवार पालन करते हुए नियोजित संविदा कर्मियों की सेवा भूतलक्षी प्रभाव से नियमित करने, आशा, ममता, कुरियर को सरकारी सेवक घोषित करने, सरकारी सेवक घोषित नहीं तक 43 वें,44 वें एवं 45 वे श्रम सम्मेलन की अनुशंसा के आलोक में 10 हजार रूपए न्यूनतम वैधानिक मजदूरी भुगतान को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से जोड़कर करने, सभी संवर्ग के संवर्ग सेवा नियमावली का गठन करने, जिन संवर्ग की संवर्ग सेवा नियमावली प्रकाशित हो चुकी है उनके प्रोन्नति के पदों को सृजित करते हुए वरीयता के आधार पर पदस्थापन करते हुए वेतनमान निर्धारण करने, महिला कर्मियों एवं तकनीकी कर्मचारियों को स्थापना मद से पोशाक भत्ता का भुगतान करने, तकनीकी कर्मचारियों को कम्प्यूटर दक्षता परीक्षा पास करने संबंधी अनिवार्यता समाप्त करने,एच.एन.डी.में वित्तीय संबंधी कार्य से ए.एन.एम.को मुक्त करते हुए केवल भौतिक कार्य संपादन कराने, फार्मासिस्टों एवं परिधापकों के मानदेय में सुधार करने, 101,108,109 एम्बुलेंस का परिचालन सरकारी स्तर पर कराते हुए पूर्व के चालकों एवं टेकनिशियनों को उन एम्बुलेंसों पर पदस्थापित करने, माननीय पटना उच्च न्यायालय के फैसले के आलोक में डी.डी.टी.छिड़काव कर्मियों को पैनल बनाकर सेवा नियमित करने की मांग करते हुए विगत 6 माह से ए.एन.एम.आर.आर.एन.भी.टी.सी.पी. के कर्मी , आशा, ममता, कुरियर के मानदेय एवं नियमित कर्मिंयों के वेतन भुगतान नहीं होने के कारण उत्पन्न भुखमरी पर रोष व्यक्त करते हुए संविदा पर कार्यरत परिचारिकाओं के नियमितीकरण करने में किए गए धांधली पर विरोध प्रकट करते हुए उनके हड़ताल का समर्थन करते हुए अविलम्ब उनकी मांगों को मानकर हड़ताल समाप्त कराने की अपील सरकार से की है। आर.ब्लाॅक चैहारे पर 30 नवम्बर से 3 दिसम्बर तक धरना दिया जाएगा। 3 दिसम्बर को आशा और ममता धरना देंगे।
आलोक कुमार
बिहार
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