विशेष : वास्तु, फेंग्सुई, ज्योतिष के नाम पर जारी है लूट - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 21 दिसंबर 2014

विशेष : वास्तु, फेंग्सुई, ज्योतिष के नाम पर जारी है लूट

गुवाहाटी के व्यवयासी भास्कर सरकार ने मुझे अपने ऑफिस, घर और बार कम रेस्टोरेंट का वास्तु देखने के लिए बुलाया था। मैंने उन्हें बार का वास्तु देखने से मना कर दिया क्योंकि मैं बार, शराब की दुकान, मांस-मछली की दुकानों आदि का वास्तु नहीं देखता। वे मुझे अपने ऑफिस और घर का वास्तु देखने के लिए ले गये। बातचीत के दौरान उन्होंने मुझे बताया कि उनके एक दोस्त को अपने व्यवसाय में काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा था। आखिर उन्होंने मुंबई से एक नामी फेंग्सुई-वास्तु विशेषज्ञ को अपने घर व व्यावसायिक प्रतिष्ठान का वास्तु देखने के लिए बुलाया। उसने उन्हें मुंबई से गुवाहाटी तक का विमान का आने-जाने का किराया, फाईव स्टार होटल में ठहरने का खर्च देने के साथ ही फेंग्सुई की वस्तुएं लगाने व उनकी फीस के रूप में लगभग 5 लाख रुपये खर्च किये। मुंबई के तथाकथित फेंग्सुई-वास्तु विशेषज्ञ को बुलाने से पूर्व उनके दोस्त का कारोबार घिस-पिटकर ही सही कुछ-कुछ चल रहा था। लेकिन तथाकथित फेंग्सुई-वास्तु विशेषज्ञ को बुलाकर उनके बताये उपाय करने के सिर्फ 3 महीनों बाद ही उनका न सिर्फ पूरा कारोबार चौपट हो गया, अपितु उन्हें अपना मकान भी बेचना पड़ा।

उनकी बात सुनकर मुझे अरुणालच के पूर्व मुख्यमंत्री दोरजी खांडू की याद आ गयी। दिवंगत दोरजी खांडू जब अरुणाचल के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने मुख्यमंत्री का नया बंगला बनवाया था। उक्त बंगले में प्रविष्ट होने के बाद से ही दिन ब दिन उनकी मुश्किलें बढ़ने लगी। आखिर उन्होंने मुंबई से एक भारी-भरकम वास्तु-फेंग्सुई विशेषज्ञ को बुलवाया। उक्त विशेषज्ञ ने उनके बंगले में कई फेंग्शुई की वस्तुएं लगाने के साथ ही 40 पिरामिड भी लगा दिये। दो दिनों तक राजसी ठाटबाट से मुख्यमंत्री के बंगले का वास्तु देखने के बाद वे 15 लाख रुपयों की मोटी फीस लेकर मुंबई लौट गये। लेकिन मुख्यमंत्री की मुश्किलें कम होने के बजाय दिन ब दिन बढ़ती ही चली गयी और आखिर उनका हेलीकॉप्टर दुर्घटना में देहांत हो गया। उनके बाद गामलिन मुख्यमंत्री बने, लेकिन 5 महीनों बाद ही उनकी भी सरकार गिर गयी। गामलिन के बाद नवाम टुकी मुख्यमंत्री बने। उन्हें भी नित नई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। आखिर उन्होंने अपने ही मंत्रीमंडल के एक सहयोगी के जरिये मुझे मुख्यमंत्री आवास का वास्तु देखने के लिए बुलवाया। मैं जब वहाँ गया तो मुझे मुख्यमंत्री के सरकारी बंगले में भयंकर वास्तु दोष होने की जानकारी मिली और मैंने उसमें संशोधन हेतु नक्शा बनाकर दे दिया। मेरे बताये अनुसार बंगले का वास्तु संशोधन करने के बाद मुख्यमंत्री टुकी की सरकार पर छाया संकट दूर हो गया और उन्हें सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री का सम्मान भी मिला। इस बार विधानसभा के चुनावों में वे बिना प्रतिद्वंद्विता के ही चुनाव जीत चुके हैं। मैंने अब तक 14 हजार से ज्यादा लोगों को नि:शुल्क वास्तु सलाह दी है और वास्तु को व्यवसाय के बजाय अपना धर्म मानकर आजीवन काम करने के अपने संकल्प के अनुसार मैंने वास्तु देखने की एक पैसा भी फीस नहीं ली। मुझे खुशी है कि मुख्यमंत्री आवास का वास्तु संशोधन करवाने के बाद अरुणाचल की सरकार पर छाया अस्थिरता का खतरा दूर हो चुका है।

मुख्यमंत्री के बंगले का वास्तु देखने के दौरान ही मुझे बंगले के प्रभारी ने मुंबई के तथाकथित वास्तु-फेंग्सुई विशेषज्ञ की गाथा सुनाई थी। संयोग से मैं सिद्धार्थ सरकार को जब यह वाकया बता रहा था तो उनके ड्राईवर ने मुझे बताया कि मुंबई से आये फेंग्सुई विशेषज्ञ को वे ही गुवाहाटी से अपनी गाड़ी में ईटानगर लेकर गये थे। वे उनके ठाटबाट देखकर दंग रह गये थे। उनके कहने पर साधारण ड्राईवर होते हुए भी उन्हें दो दिनों तक उस आलीशान होटल के सबसे महंगे कमरे में ठहराया गया था।

आज समूचे देश में मुंबईया वास्तु-फेंग्सुई विशेषज्ञ की तर्ज पर कुकुरमुत्तों की तरह हजारों तथाकथित वास्तु-फेंग्सुई विशेषज्ञ और तथाकथित ज्योतिषी पैदा हो गये हैं, जो देश की जनता को लूट रहे हैं। दरअसल प्रकृृति को केंद्र कर रचित वास्तु ही मनुष्य को सर्वसुख प्रदान करने वाली विद्या है और यह बिल्कुल सहज-सरल विद्या है, लेकिन तथाकथित वास्तु-फेंग्सुई व्यापारियों ने इसे प्रचार के दम पर इतना क्लिष्ट बना दिया है कि लोग काफी दिग्भ्रमित हो गये हैं। फेंग्सुई तो पूरी तरह ठग विद्या है और इसका मनुष्य के जीवन पर कोई प्रभाव नहीं होता। एकमात्र फेंग्सुई के सामान लगाकर लोगों से अनाप-शनाप पैसा लूटने की नियत से ही देश में फेंग्सुई का प्रचार किया जा रहा है। ज्योतिष के नाम पर भी लोगों को खुलकर लूटा जा रहा है, जबकि पत्थरों और तंत्र-मंत्र से किसी का भी भाग्य नहीं बदला जा सकता। प्रकृृति को केंद्र कर ही वास्तु शास्त्र रचा गया था और आप अगर प्रकृृति के अनुसार चलते हैं तो यह प्रकृृति आपको हर सुख प्रदान करती है, फिर आपको किसी फेंग्सुई और तंत्र-मंत्र की जरूरत नहीं पड़ती। प्रचार के दम पर वास्तु, फेंग्सुई और ज्योतिष के नाम पर चल रही लूट के कारण ही जब सिद्धार्थ सरकार के दोस्त की तरह लोगों की मुश्किलें कम होने के बजाय दिन ब दिन बढ़ती जाती है तो उनका इन विद्याओं पर से विश्वास उठ जाना ही स्वाभाविक है और यही देश की जनता की मुश्किलें और देश की समस्याओं में बढोत्तरी का प्रमुख कारण है। नि:स्वार्थ रूप से वास्तु का प्रचार कर देश की जनता को वास्तु के अनुसार घर बनाने के लिए प्रेरित करने से ही हम एक सुख, शांति, समृद्धिपूर्ण भारत का निर्माण कर सकते हैं।




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- राजकुमार झाँझरी
पत्रकार व नि:शुल्क वास्तु सलाहकार
संपादक, आगमन
संपादक, सम्मेलन समाचार
गुवाहाटी
मो.: 94350 10055



(लेखक विगत 20 सालों से वास्तु के जरिये पूर्वोत्तर के लोगों की नि:स्वार्थ रूप से सेवा कर रहे हैं तथा अब तक किसी से भी बिना किसी प्रकार का शुल्क लिये 15000 परिवारों को वास्तु सलाह दे चुके हैं। उनका मानना है कि चूंकि पूर्वोत्तर के राज्यों के लोग पूरी तरह वास्तु नियमों के विपरीत घरों का निर्माण करते हैं, इसी वजह से देश का समूचा पूर्वोत्तर भयंकर उग्रवाद तथा अशांति व पिछड़ेपन से ग्रस्त है। जब तक पूर्वोत्तर के लोग वास्तु के नियमानुसार गृह निर्माण नहीं करेंगे, तब तक यहाँ उग्रवाद का खात्मा तथा स्थाई सुख-शांति-समृद्धि असंभव है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए वे विगत दो दशकों से लोगों को नि:शुल्क वास्तु सलाह देकर उन्हें प्रकृृति (वास्तु) के नियमानुसार गृह निर्माण करने के लिए प्रेरित करने के महान मिशन में जुटे हैं।)

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