कांग्रेस संगठन में कर रही है 50 फीसद आरक्षण की तैयारी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 29 दिसंबर 2014

कांग्रेस संगठन में कर रही है 50 फीसद आरक्षण की तैयारी

चुनावी पराजयों से सबक लेते हुए कांग्रेस अपने बुनियादी वोट आधार की तरफ लौटने की तैयारी में है। राज्यों में सक्षम नेताओं व समर्पित कार्यकर्ताओं की कमी का सामना कर रही कांग्रेस संगठन में आमूल-चूल परिवर्तन की दिशा में आगे बढ़ चुकी है। सबको साथ लेकर चलने के लिए पार्टी संगठन में आरक्षण के जरिये सबकी भागीदारी सुनिश्चित करना चाह रही है। कभी बसपा के 'जिसकी जितनी हिस्सेदारी, उसकी उतनी भागीदारी' फार्मूले के तहत कांग्रेस संगठन में 50 फीसद आरक्षण की व्यवस्था करने की तैयारी में है। वही, चार सूत्री एजेंडे के जरिये कांग्रेस खोई ताकत वापस पाने का प्रयास करती नजर आएगी।

विचारधारा, संगठन, संपर्क और इनके आधार पर राजनीतिक रणनीति। ये वे चार मुद्दे है जिन्हें 'टीम राहुल' ने पार्टी को फिर से खड़ा करने के लिए चुना है। इसके अलावा कुछ समय पहले तक पार्टी के सबसे मजबूत वोट बैंक माने जाने वाले अल्पसंख्यक समाज, पिछड़े व अनुसूचित जाति, जनजाति को पार्टी से फिर से जोडऩे के लिए पार्टी संगठन में बड़े परिवर्तन का खाका तैयार है। सूत्रों से मिली जानकारी के हिसाब से संगठन में विशेष कर ब्लॉक, जिला व प्रदेश स्तर की कार्यसमिति में पार्टी इन तबकों से आने वाले कार्यकर्ताओं को 50 फीसद आरक्षण देने की तैयारी में है। हालांकि, पार्टी के मौजूदा संविधान में इन वर्गों के लिए 20 फीसद आरक्षण की व्यवस्था है।

वर्तमान प्रणाली में इस मानक में विभिन्न वर्गों की भागीदारी कितनी हो व पदाधिकारियों के स्तर पर इसके बंटवारे को लेकर भी स्पष्ट निर्देशों के अभाव में समाज के इन तबकों का पार्टी में प्रतिनिधित्व लगातार घटता जा रहा है। ऐसे में बढ़ा हुआ आरक्षण व नई प्रणाली के जरिये पार्टी की मंशा दूर जा रहे इन वर्गों को पार्टी से जोड़े रखने की है। नई प्रणाली के आने के बाद हर राज्य में इन वर्गों के लिए न सिर्फ 50 फीसद आरक्षण की व्यवस्था होगी बल्कि उस आरक्षण में पदों व विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधित्व को लेकर भी स्पष्टता होगी।

जयपुर अधिवेशन में पार्टी को कैडर आधारित संगठन के रूप में खड़ा करने पर जोर दे रहे राहुल अब पार्टी को बदलने के एजेंडे पर आगे बढ़ रहे हैं। भविष्य में पार्टी को खड़ा करने के लिए राहुल ने भले ही पार्टी महासचिवों को कार्यकर्ताओं के बीच भेजने की बात कही हो, लेकिन 'टीम राहुल' ने पार्टी को आगे लेकर जाने के लिए बुनियादी कार्यक्रमों को अंतिम रूप दे दिया है।

संकेत हैं कि दो माह बाद जब पार्टी महासचिवों की रिपोर्ट के बाद संगठन उस पर चिंतन के लिए बैठेगा उस समय तक कांग्रेस भी नेतृत्व के स्तर पर बड़े निर्णय के लिए तैयार होगी। चिंतन बैठक के बाद ही कांग्रेस मौजूदा सरकार के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन छेड़ेगी। जिसमें राहुल की चौपाल, उनका देश भ्रमण, कार्यकर्ता सम्मेलन जैसे कई अभियान शामिल होंगे।

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