भूमि अधिग्रहण अध्यादेश पर घमासान जारी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 31 दिसंबर 2014

भूमि अधिग्रहण अध्यादेश पर घमासान जारी

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भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन के लिए अध्यादेश लाने के मोदी सरकार के फैसले पर राजनीतिक घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। भारतीय जनता पार्टी .भाजपा. जहां इसे विकासोन्मुखी कदम बता रही है वहीं विपक्षी दलों का आरोप है कि यह किसानों के खिलाफ है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में सोमवार को हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में भूमि अधिग्रहण कानून 2013 में संशोधन करने के लिए अध्यादेश लाने का फैसला किया गया। संसद के शीतकालीन सत्र में भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक लाए जाने की चर्चा थी पर सरकार ने विधेयक पेश नहीं किया। पर्यावरण. वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावडेकर ने अध्यादेश का स्वागत करते हुए आज कहा कि यह किसानों के हित में है। इस बात का पूरा ध्यान रखा जाएगा कि किसानों के साथ न्याय हो। 

कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि सरकार ने भूमि अधिग्रहण पर अध्यादेश लाकर यह संकेत दिया है कि यह उद्योगपतियों की सरकार है. उद्योगपतियों द्वारा चलायी जा रही है और उनके लिए ही काम कर रही है। कांग्रेस पहले ही यह कह चुकी है कि पार्टी बजट सत्र में इसका विरोध करेगी। अध्यादेश का विरोध करते हुए आम आदमी पार्टी के नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि भूमि अधिग्रहण कानून सभी दलों की सहमति से तैयार किया गया था और इसमें अध्यादेश के जरिए संशोधन करना संसदीय लोकतंत्र के सिद्धांतों के खिलाफ है। 

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी सरकार के इस फैसले का विरोध करते हुए कल कहा था कि उनकी सरकार भूमि अधिग्रहण कानून में प्रस्तावित संशोधनों का लागू नहीं करेगी। अध्यादेश को .काला अध्यादेश. और .अन्यायपूर्ण. करार देते हुए उन्होंने कहा कि वह किसी भी कीमत पर इसे पश्चिम बंगाल में लागू नहीं होने देंगी। जनता दल यूनाइटेड .जदयू. के नेता अली अनवर ने भी सुश्री ममता बनर्जी का र्समथन करते हुए कहा कि इस अध्यादेश को जला देना चाहिए क्योंकि यह किसानों के हितों के खिलापं हैं। इस बीच भाजपा नेता जीवीएल नरसिम्हा राव ने कहा कि ऐसा लगता है कि सुश्री ममता बनर्जी विकास विरोधी हैं। 

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