असम हिंसा के विरोध में हजारों सड़क पर - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।


बुधवार, 24 दिसंबर 2014

असम हिंसा के विरोध में हजारों सड़क पर

असम के सोनितपुर और कोकराझर जिलों में एनडीएफबी (एस) के उग्रवादियों द्वारा किए गए चार हमलों में मारे गए लोगों की संख्या बढ़कर 62 हो गई है। गुस्साए आदिवासियों ने आज बोडो कार्यकर्ताओं के घरों में आग लगा दी और विरोध मार्च निकाला। मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने कहा कि कल शाम किए गए इन ‘क्रूर’ हमलों के अधिकतर पीड़ित महिलाएं और बच्चे हैं और स्थिति को बिगड़ने से रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। 

केंद्र ने कहा कि वह असम सरकार के अनुरोध पर अर्द्धसैन्य बल के 5000 जवान असम भेज रहा है। आईजीपी (कानून और व्यवस्था) एस एन सिंह ने पीटीआई भाषा को बताया कि मृतकों की संख्या बढ़कर 62 हो गई है। नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड के सोंगबजीत धड़े के भारी हथियारों से लैस उग्रवादियों द्वारा कल शाम को दो जिलों के चार सुदूर आदिवासी गांवों पर किए गए हमलों में सोनितपुर में 37 और कोकराझर में 25 मौतें हुई हैं। मारे जाने वाले लोग गांवों के ही निवासी हैं।

उन्होंने कहा कि सोनितपुर जिले में झिंझिया पुलिस चौकी के तहत मैईतालु बस्ती में 31 लोग मारे गए और धेकियाजुली पुलिस चौकी के तहत आने वाली जंगल बस्ती में छह लोग मारे गए। 20 लोग कोकराझर पुलिस चौकी के तहत आने वाले शांतिपुर उल्टापानी में और कोकराझर जिले की सेरफांगुरी पुलिस चौकी के तहत आने वाली पाखरीगुरी में पांच लोग मारे गए। इन सुदूर गांवों में खोज अभियान जारी हैं। इन गांवों में सड़क परिवहन के पर्याप्त साधन नहीं हैं। इसी बीच, आदिवासी समुदाय के गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर बोडो समुदाय के लोगों के पांच मकानों को सोनितपुर जिले के बिश्वनाथ चिरैली पुलिस चौकी के तहत आने वाले क्षेत्र फूलोगुरी में आग लगा दी।

चाय बागान के हजारों कर्मचारियों ने हाथों में तीर-कमान लेकर प्रदर्शन रैलियां निकालीं। प्रदर्शनकारियों ने सोनितपुर के धेकियाजुली के पास राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 15 को सात किलोमीटर तक अवरुद्ध कर दिया। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह और गृह राज्य मंत्री किरेन रिजीजू ने स्थिति का जायजा लेने लिए आज शाम को यहां पहुंचना है। दिल्ली में कैबिनेट ने असम में ‘आदिवासियों’ पर हुए ‘कायराना’ हमलों के पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी। सिंह ने दिल्ली में कहा कि मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने उन्हें हालात की जानकारी दी है और केंद्र हर जरूरी कार्रवाई करेगा।

असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने राज्य के मंत्रियों नीलमणि सेन डेका और बसंत दास को कोकराझार और राकीबुल हुसैन, तंका बहादुर राय और पृथ्वी माझी को सोनितपुर जिले का दौरा करने के लिए कहा है। गोगोई ने कहा, ‘‘एनडीएफबी (एस) समूह ने बहुत क्रूर और घृणित अपराध किया है। हमें इससे दृढ़ता के साथ निपटना होगा। हमें इसे एक व्यापक तरीके से निपटना होगा ताकि दोषियों का दोषनिर्धारण किया जा सके।’’

उन्होंने यह भी कहा कि सुरक्षा एजेंसियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे बोडो समुदाय के निवास वाले इलाकों के साथ-साथ ‘संवेदनशील’ इलाकों में लोगों को सुरक्षा उपलब्ध करवाएं। गोगोई ने कहा कि अब उग्रवादियों को ‘मारकर भागने’ नहीं दिया जाएगा और प्रधानमंत्री एवं गृहमंत्री ने उन्हें हर तरह की मदद उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया है। गोगोई ने कहा, ‘‘ न तो असम की सरकार और न ही भारत सरकार उग्रवादी समूहों के समक्ष झुकेगी। इसीलिए हम भारत सरकार से और अधिक अर्द्धसैन्य बलों की मांग कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कल प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने मुझे हर मदद का आश्वासन दिया।’’

हमलों की निंदा करते हुए रिजीजू ने कहा, ‘‘यह हमला ऐसी स्थिति में किया गया है, जबकि इसकी उम्मीद भी नहीं थी। यह हमला निर्दोष लोगों पर किया गया हमला है और जिस स्थान पर हमला किया गया, वह जगह बेहद सुदूर और ग्रामीण इलाके में है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं कहना चाहूंगा कि इस तरह की हिंसा का होना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। हम पहले ही यह संदेश भेज चुके हैं कि हिंसा और विकास साथ-साथ नहीं चल सकते।’’ रिजीजू ने कहा, ‘‘अगर हम पूर्वोत्तर को विकसित करना चाहते हैं तो शांति कायम होना जरूरी है। शांति और विकास को एक दूसरे से अलग नहीं किया जा सकता।’’

एनडीएफबी-एस धड़े के बोडो उग्रवादियों द्वारा किए गए श्रृंखलाबद्ध हमलों के मद्देनजर केंद्र अर्द्धसैन्य बलों के 5000 जवानों को असम भेज रहा है। उग्रवादियों द्वारा किए गए इन हमलों में 50 से ज्यादा लोग मारे गए हैं।
आज असम के दौरे पर जा रहे गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने उन्हें स्थिति की जानकारी दी है और केंद्र हर जरूरी कार्रवाई करेगा। राज्य के गृहमंत्री किरेन रिजीजू ने कहा, ‘‘यह हमला ऐसी स्थिति में किया गया है, जबकि इसकी उम्मीद भी नहीं थी। यह हमला निर्दोष लोगों पर किया गया हमला है और जिस स्थान पर हमला किया गया, वह जगह बेहद सुदूर और ग्रामीण इलाके में है।’’ मंत्री ने कहा कि असम सरकार ने केंद्र से केंद्रीय बलों की 50 कंपनियां भेजने का अनुरोध किया है। इन कंपनियों को ‘‘एकजुट’’ किया जा रहा है और इन्हें ‘‘तत्काल ही भेज दिया जाएगा।’’ इन बलों की एक कंपनी में लगभग 100 जवान होते हैं। रिजीजू ने कहा कि अर्द्धसैन्यबलों और यहां सैन्य प्रतिष्ठान के शीर्ष अधिकारियों के साथ मुलाकात के बाद दोपहर में वह गृहमंत्री राजनाथ सिंह के साथ असम जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘मैं कहना चाहूंगा कि इस तरह की हिंसा का होना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। हम पहले ही यह संदेश भेज चुके हैं कि हिंसा और विकास साथ-साथ नहीं चल सकते।’’

रिजीजू ने कहा, ‘‘अगर हम पूर्वोत्तर को विकसित करना चाहते हैं तो शांति कायम होना जरूरी है। शांति और विकास को एक दूसरे से अलग नहीं किया जा सकता।’’ रिजीजू ने कहा कि अशांत इलाकों में सुरक्षा बल पहले ही अपने काम में लगे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यह (हिंसा) उस समुदाय को बहुत नुकसान पहुंचा रही है, जिसके प्रतिनिधित्व का ये (उग्रवादी संगठन) दावा करते हैं। यह एक निरर्थक लड़ाई है।’’

पुलिस के अनुसार, नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड के सोंगबजीत धड़े द्वारा ‘आदिवासियों’ पर कल किए गए हमले में सोनितपुर जिले में 36 और कोकराझार में 17 लोग मारे गए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसे कायराना हरकत बताते हुए निर्दोष लोगों की हत्याओं की कड़ी निंदा की थी और उन्होंने गोगोई से बात भी की थी। प्रधानमंत्री ने बीती रात ट्वीट किया था, ‘‘ हमारी संवेदना मृतकों के परिजनों के साथ है।’’


कोई टिप्पणी नहीं: