सरकार ने संसद के शीतकालीन सत्र में बीमा संशोधन विधेयक पारित नहीं हो पाने के बाद आज इसके लिए अध्यादेश लाने और कोयला ब्लाक आवंटन से जुडे अध्यादेश को फिर से जारी करने का निर्णय लिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में यहां हुयी मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गये निर्णयों की जानकारी देते हुये वित्त मंत्री अरूण जेटली ने संवाददाताों को बताया कि बीमा संशोधन विधेयक में प्रवर समिति की सिफारिशों को शामिल करने केबाद इसे राज्यसभा में पेश करने की कोशिश की गयी लेकिन विपक्ष के हंगामे के कारण कार्यवाही बाधित होने से इसे पेश नहीं किया जा सका। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल ने आर्थिक सुधारों की दृष्टि से महत्वूपणर इस विधेयक के प्रावधानों को फिलहाल अध्यादेश के माध्यम से लागू करने का निर्णय लिया है और इसे राष्ट्रपति के पास भेजने के लिए अनुमोदित कर दिया है। उन्होंने कहा कि कोयला ब्लाक आवंटन से जुडा विधेयक लोकसभा से पारित हो गया था लेकिन राज्यसभा में इसे पेश नहीं किया जा सका इसलिए इससे संबंधित अध्यादेश क ो फिर से जारी करने का फै सला किया गया है।
श्री जेटली ने कहा कि बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा 26 प्रतिशत से बढाकर 49 प्रतिशत करने से छह से सात अरब डालर का विदेशी निवेश आने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि एक सदन द्वारा पारित विधेयक को दूसरे सदन में गतिरोध की वजह से पेश नहीं करने दिये जाने के तौर तरीकों से निपटने के लिए संविधान में पर्याप्त उपाय किये गये हैं। संसद के अगले सत्र में इन दोनो विधेयको को मंजूरी नहीं मिलने की स्थिति में संयुक्त अधिवेशन बुलाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि संविधान में इसके उपाय है और जरूरत पडने पर उनका उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल ने फार्मा क्षेत्र में शत प्रतिशत एफडीआई की नीति में एक उपबंध और जोडते हुये चिकित्सा उपकरणों के निर्माण में भी शत प्रतिशत एफडीआई की मंजूरी दे दी है।

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें