विशेष : ‘सृजन’ में झलकी काशी की विरासत - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 22 दिसंबर 2014

विशेष : ‘सृजन’ में झलकी काशी की विरासत

  • ज्ञानदीप इंग्लिश स्कूल का वाषिकोत्सव में नन्हें-मुन्नो ने प्रस्तुत की गीत-संगीत, नृत्य व नाटक 
  • रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने अध्यापकों से कहा अब बच्चों को सिर्फ बीज गणित ही नहीं पढ़ाना है बल्कि भविष्य में उसकी क्या उपयोगिता है इसे भी समझाना है और समझने की जरुरत है 

srijan varanasi
वाराणसी। धर्म की नगरी काशी के ज्ञानदीप इंग्लिश स्कूल खुशहालनगर (नटिनियादाई) के वाषिकोत्सव ‘सृजन’ में काशी की गौरवशाली परम्परा, भाईचारा, कला-संस्कृति, और धार्मिक महत्व की झलक दिखी। खास बात यह रही कि नन्हें-मुन्नों ने सारी प्रस्तुतियां सप्तरंगी डिजिटल लाइट व सांग के बीच बिल्कुल फिल्मों के सधे अंदाज में दी, जिसे देख न सिर्फ दर्शकों की आंखे खुली की खुली रह गयी बल्कि उनके कला कौशल से वह मंत्रमुग्ध होकर रह गए थे। ‘कदम जो राखों काशी में तर जाओंगे’, ‘काशी में माया संग भौकाल से काम बनावे आपन हंस के गरियावत है’, की जीवंत प्रस्तुति पर दर्शकों की खुशी का ठिकाना न रहा। मोक्षदायिनी गंगा की काशीवासियों को मार्मिक अपील तथा बालिका शिशु सुरक्षा पर आधारित ‘ओ री चिरैया नन्हीं सी चिडि़या अंगना में फिर आ जा रे’,  प्रस्तुत कर बच्चों ने दर्शकों को भावना के सागर में डूबो दिया। 

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दर्शकों से भरा खचाखच दर्शक दीर्घा में स्कूल के बच्चों ने कार्यक्रम की शुरुवात गणेश वंदना से की। इसके बाद वेलकम सांग के बीच छोटे-छोटे बच्चों ने सा ला ला ला की मनमोहक प्रस्तुति लोगों को खूब भया। मेड इन इंडिया नृत्य पर बच्चों ने कई देशभक्ति दृश्यों का मंचन किया। राजस्थानी नृत्य ढोली तारों ढोल बाजे की भी बच्चों ने बेहतरीन भाव-भंगिमाएं पेश कीं। हम मेहनत काश इस दुनिया गीत पर बच्चों के नृत्य को लोगों ने खूब सराहा। पंजाबी भांगड़ा पर बच्चों ने कई न्त्य प्रस्तुत किए। आसाम का नृत्य बीहू मोहिनी छलक-छलक गीत की प्रस्तुति सराहनीय रही। सेव गल्र्स चाइल्ड पर बच्चों ने जीवंत प्रस्तुति पेश की। इसी के साथ शास्त्रीय कथक नृत्य पर देर शाम तक गीत संगीत का सिलसिला चलता रहा। ठंड ज्यादा होने के बावजूद भी दर्शक कार्यक्रम के समापन होने तक डटे रहे। अंत में वंदेमातरम गीत को गिटार व की-बोर्ड पर कलाकारों द्वारा मधुर धुन बजाकर समापन किया। इसके पहले बच्चों ने नृत्य के माध्यम से गीत हम मेहनत कश इस दुनिया प्रस्तुत किया। इसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी की भाषण को भी बच्चों ने यह कह कर जीवंत प्रस्तुति दी कि समाज के हर तबके हर उम्र, हर जाति हर धर्म एवं विभिन्न प्रांतों के देश भक्त नागरिकों को जागृत कर विसित राष्ट बनाने हेतु कदम मिलाकर चलना होगा, बाधाएं आती है आएं घिरे प्रलय की घोर घटाएं पांवों के नीचे अंगारे सिर पर बरसे ज्वालाएं निज हाथों से हंसते-हंसते आग लगाकर जलना होगा कदम मिलाकर चलना होगा। 

कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा व महामंडलेश्वर संतोष दास जी दीप प्रज्वलित कर इस दौरान श्री सिंहा ने बच्चों, अभिभावकों व अध्यापकों को संबोधित करते हुए कहा अब बच्चों को सिर्फ बीज गणित ही नहीं पढ़ाना है बल्कि भविष्य में उसकी क्या उपयोगिता है इसे भी समझाना है और समझने की जरुरत है। उन्होंने शिक्षकों की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शिक्षक वह होते है जो शिक्षा के माध्यम से न सिर्फ बच्चों को हुनरमंद बनाते है बल्कि समाज को एक नई दिशा भी देने में कारगर भूमिका निभाते है। एक वक्त था जब लोग आईएएस आईपीएस बनने से अच्छा शिक्षक बनना पसंद करते थेद्व क्योंकि शिक्षक को समाज से सबसे उच्च स्थान होता था। वह सम्मान आज भी बना रहे इसकी कोशिश करनी होगी। स्वागत प्रबंध निदेशक डॉ. नीलम सिंह व चेयरमैन डॉ. आरबी सिंह ने किया। इस मौके पर सीबीएसई बोर्ड के क्षेत्रीय प्रबंधक पीयूष शर्मा, यूपी कालेज प्रिसिंपल एनपी सिंह, महापौर रामगोपाल मोहले, एसपी ग्रामीण डॉ. एसके पांडेय, विधायक रवींद्र जायसवाल, सुशील सिंह आदि मौजूद थे। 




(सुरेश गांधी)

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