उच्चतम न्यायालय ने आज कहा कि यह स्वीकार करना मुश्किल है कि इंडियन प्रीमियर लीग.आईपीएल. के मालिक होने तथा भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड.बीसीसीआई. के अध्यक्ष पद क ो लेकर एन श्रीनिवासन के आपसी हितों में टकराव की स्थिति नहीं है। न्यायमूर्ति टी एस ठाकुर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा कि क्रिकेट में शुचिता जरूरी है और इससे संबंधित सभी व्यक्तियों को संदेह के दायरे से बाहर रहना चाहिए।
न्यायालय ने श्रीनिवासन के वकील कपिल सिब्बल से कहा.. हम यह नहीं कह रहे कि आईपीएल फ्रेंचाइजी हासिल करने में कोई धोखाधडी की गई. लेकिन जब आप टीम के मालिक बनते हैं तो आपके हित टीम की भलाई में होते हैैं.जबकि एक प्रशासक के तौर पर आपका झुकाव विपरीत दिशा में होता है। न्यायालय में इस मामले की सुनवाई कल भी जारी रहेगी।

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