कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय पर्यावरण मंत्री जयंती नटराजन के पार्टी नेतृत्व के खिलाफ आरोपों को तथ्यों से परे बताते हुए आज कहा कि वह ऐसा भारतीय जनता पार्टी .भाजपा. के इशारे पर कर रही हैं। कांग्रेस के प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने यहां पार्टी की नियमित ब्रीफिंग में श्रीमती नटराजन को अवसरवादी बताते करार देते हुए कहा कि वह .इमेज बचाओ अभियान. के तहत यह सब कर रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि वह अपने नए .राजनीतिक आकाओं. के इशारे चल रही हैं और लगता है कि इन आकाओं को श्रीमती नटराजन के खिलाफ .जयंती टैक्स. को लेकर कुछ दस्तावेज मिल गए हैं। उन्होंने भाजपा का नाम लिए बिना कहा कि वह अपने वर्तमान .राजनीतिक निदेशकों. के कहने पर आरोप लगा रही हैं ताकि दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए कोई मसाला मिल सके। उन्होंने कहा कि श्रीमती नटराजन ने .जयंती टैक्स. का आरोप लगाने वालों के दबाव में ही संभवत: संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया तथा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नाम पत्र लिखा है। प्रवक्ता ने कहा कि श्रीमती नटराजन ने अपने पत्र में मंत्री पद से हटाए जाने के कारणों के बारे में अनभिज्ञता जताई है जबकि सबको पता है कि उन्हें क्यों हटाया गया था। उनके मौजूदा राजनीतिक मास्टर ही .जयंती टैक्स. की बात करते थे इसलिए कांग्रेस से इस बारे में पूछने की क्या जरूरत है। इस सवाल पर कि उन्हें मंत्रिमंडल से हटाने के बाद उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई क्यों नहीं की गयी. श्री सिंघवी ने कहा कि उस समय सिर्फ आरोप सामने आए थे कानूनी कार्रवाई के लिए कोई दस्तावेज नहीं थे।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष श्रीमती गांधी तथा श्री मनमोहन सिंह ने आपस में विचार विर्मश के बाद ही श्रीमती नटराजन को हटने के लिए कहा था। प्रधानमंत्री द्वारा उनके कामकाज की सराहना करने के बारे में पूछे जाने पर प्रवक्ता ने कहा कि किसी मंत्री के पिछले कामकाज की सराहना शिष्टाचार के नाते की जाती है और उसे हटाना अलग बात है। श्री सिंघवी ने कहा कि पूर्व पर्यावरण मंत्री ने पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर जो आरोप लगाए हैं वे पूरी तरह निराधार हैं। श्री गांधी ने नियामगिरि के संबंध में जो बात कही और फिक्की के कार्यक्रम में जो कुछ कहा. दोनों ही बातें पार्टी की नीति के अनुरूप थीं। पर्यावरण मंत्री के नाते उन्हें कांग्रेस घोषणापत्र की पर्यावरण तथा आदिवासियों की सुरक्षा की नीति पर अमल करना था। श्री गांधी ही नहीं यदि कांग्रेस के किसी कार्यर्कता को भी इस संबंध में उनके पास पत्र भेजने का हक था। उनका कहना था कि यदि वह कांग्रेस घोषणापत्र और संयुक्त प्रगतिशील सरकार की नीतियों को क्रियान्वित कर रही थीं तो इसमें आपत्तिजनक क्या है। क्या गरीब आदिवासी और पर्यावरण सुरक्षा के बजाय वह कार्पोरेट हितों की मौजूदा सरकार की नीतियों पर चलना चाहती थीं। उन्होंने कहा कि महिला जासूसी कांड के बारे में श्रीमती नटराजन ने जो कुछ कहा वह पार्टी के प्रवक्ता के नाते कहा। प्रवक्ता का काम ही पार्टी का पक्ष सामने रखना होता है और इस काम में तीन अन्य प्रमुख नेता उनके साथ पार्टी मंच पर आयी थीं। यदि वह ऐसा नहीं करना चाहती थीं तो उन्हें प्रवक्ता पद पर नहीं रहना चाहिए था।
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