बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और सत्तारूढ़ जनता दल यूनाईटेड के वरिष्ठ नेता नीतीश कुमार ने कहा है कि केन्द्र सरकार संविधान से धर्मनिरपेक्षता एवं समाजवाद जैसे शब्दों को हटाने की साजिश रच रही है। श्री कुमार ने आज यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि समाजवाद की अवधारणा को हटाने का मतलब गरीब के हितों की अवहेलना करना है। उन्होंने केन्द्र सरकार को युवा. किसान एवं गरीब विरोधी बतात्ो हुए कहा कि प्रधानमंत्री बनने पूर्व नरेन्द्र मोदी ने सौ दिन के अंदर काला धन लाने .युवाों को रोजगार देने एवं अच्छे दिन लाने का वादा किया था लेकिन कुर्सी पर आसीन होंते ही वादे भूल गये। पूर्व मुख्यमंत्री ने परमाणु करार के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि इस संवेदनशील मुद्दे पर देश के प्रधानमंत्री ने अमेरिका के समक्ष घुटने टेक दिये है। पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन .संप्रग. सरकार के शासनकाल के दौरान परमाणु करार के जिस अंश का विरोध किया जा रहा था आज उसी पर देश हित को दरकिनार करते हुए समझौता कर लिया गया है।भारत में परमाणु संयंत्र दूसरा देश लगायेगा लेकिन उससे होने वाले नुकसान भी भरपाई भारत सरकार और बीमा कंपनियां करेंगी।
पूर्व मुख्यमंत्री ने भूम्ि अधिग्रहण अध्यादेश को किसान एवं मजदूर विरोधी बतात्ो हुए कहा कि वर्ष 1894 के भूम्ि अधिग्रहण कानून म्ों अधिग्रहण के पूवर 80 प्रत्िशत भूस्वामियों की सहमत्ि एवं इस भूभाग पर कार्यरत मजदूरों को भी मुआवजा दिये जाने का प्रावधान था लेकिन वर्तमान केन्द्र सरकार बडे़ घरानों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से आनन फानन में जल्दबाजली में भूमि अधिग्रहण अध्यादेश लाया है। वहीं इस अध्यादेश में कई महत्पपूर्ण प्रावधानों को भी हटा दिया गया है। श्री कुमार ने कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान राज्य में सामाजिक न्याय अवधारना को सरजमीं पर उतारने का प्रयास किया। सामाजिक न्याय का तात्पर्य समाज के सभी तबकों एवं सभी क्षेत्रों के समावेशी विकास को करना है। इस मौके पर बिहार सरकार के खाद्य एवं उपभोंक्ता संरक्षण मंत्री श्याम रजक . उद्योग मंत्री डा. भीम स्िंह, पंचायती राज मंत्री सह ज्िला प्रभारी मंत्री डा. व्िनोद प्रसाद यादव समेत अन्य नेता उपस्थित थे।
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