हाशिमपुरा नरसंहार मामले में निचली अदालत के फैसले पर निराशा जताते हुए प्रतिष्ठित नागरिकों, वकीलों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के एक समूह ने आज कहा कि इस विषय को उपरी अदालत में ले जाया जाएगा. उन्होंने घटना के बाद की उत्तर प्रदेश की सरकारों के रूख को ‘शर्मनाक’ बताया.
पीड़ितों, उनके परिजनों, वकीलों और प्राध्यापकों के एक समूह में अदालती आदेश पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश राजिंदर सच्चर ने कहा कि इस विषय को उपरी अदालत में चुनौती दी जाएगी.
पीड़ितों की वकील विंद्रा ग्रोवर कहा , ‘‘हम अदालत में मामले की फिर से अपील करेंगे.’’ गौरतलब है कि 1987 में मेरठ के कुछ हिस्सों में दंगा होने के बाद उत्तर प्रदेश प्रोवेंशियल आम्र्ड कांस्टेबुलरी (पीएसी) के कथित तौर पर 19 कर्मियों ने हाशिमपुरा से 40 से अधिक मुसलमानों को उठा लिया था और उनकी हत्या कर दी थी.
सच्चर ने घटना की जांच के बाद उस वक्त आईके गुजराल और अन्य के साथ तैयार की गई पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबरटीज की रिपोर्ट को स्वीकार नहीं करने को लेकर राज्य और केंद्र सरकारों की आलोचना की. घटना के वक्त राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे जबकि कांग्रेस के वीर बहादुर सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे.

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