
मशहूर फ़िल्म अभिनेता और निर्माता शशि कपूर को फ़िल्मों में उनके योगदान के लिए दादा साहब फाल्के पुरस्कार देने की घोषणा की है. शशि कपूर का जन्म 18 मार्च, 1938 में कोलकाता में हुआ. उनसे पहले उनके पिता पृथ्वीराज कपूर और बड़े भाई राज कपूर को भी दादा साहब फाल्के पुरस्कार मिल चुका है.
शशि कपूर, कपूर परिवार के तीसरे सदस्य हैं जिन्हें ये पुरस्कार मिला है. अभिनेता के रूप में 'जब जब फूल खिले', 'आ गले लग जा', 'रोटी, कपड़ा और मकान', 'शर्मीली', 'दीवार', 'कभी कभी' और 'सिलसिला' उनकी प्रमुख फ़िल्में रहीं.
शशि कपूर ने बतौर निर्माता कई सार्थक फिल्में बनाईं, जैसे-जुनून, कलयुग, विजेता, 36 चौरंगी लेन और उत्सव। ‘अजूबा’ की असफलता के कारण हुए घाटे को उन्होंने एक बहुमंजिला बनाकर चुकता कर दिया। ‘उत्सव’ के प्रदर्शन के समय उनकी पत्नी का निधन हुआ था। बतौर अभिनेता उन्होंने लंबी पारी खेली और पृथ्वी थिएटर के निर्माण ने उनके जीवन को सार्थकता दी है।
शशि कपूर की ‘36 चौरंगी लेन’ ऑस्कर के लिए भेजी गई थी। उसे श्रेष्ठ फिल्म माना गया, लेकिन ऑस्कर इसलिए नहीं दिया जा सका, क्योंकि उसे फॉरेन लैंग्वेज कैटेगरी में भेजा गया था और अंग्रेजी में बनी होने के कारण अमेरिका में उसे ‘फॉरेन कैटेगरी’ की फिल्म नहीं माना गया। शशि कपूर ने शेक्सपिएराना थिएटर में ज्योफ्रे कैंडल के मार्गदर्शन में अंग्रेजी नाटकों में अभिनय किया। उनकी पहली फिल्म इस्माइल मर्चेंट और आइवरी जेम्स की ‘हाउसहोल्डर’ भी अंग्रेजी में है। उनका स्वाभाविक रुझान हमेशा अंग्रेजी नाटकों के प्रति रहा।
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