अटलजी को भारतरत्न मिलने पर भाजयुमों ने आतिषबाजी कर खुषिया मनाई
झाबुआ---देष के पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी बाजपेयी को भारत सरकार द्वारा भारत रत्न जैसे शीर्षस्थ सम्मान से नवाजे जाने पर प्रदेष भाजपा युवा मोर्चा के आव्हान पर शनिवार को दोपहर में स्थानीय बस स्टेंड स्थित फव्वारा चैक पर भारतीय जनता युवा मोर्चा द्वारा अटल जी को भारत रत्न मिलने की खुषियों में आतिषबाजी करके परस्पर एक दूसरें को मिठाई खिलाकर खुषिया मनाई गई । इस अवसर पर जिला भाजपा अध्यक्ष शैलेष दुबे, विधायक शांतिलाल बिलवाल, भाजयुमो जिला अध्यक्ष भानू भूरिया, दिलीप कुष्वाह, अमीत पंवार, मांगीलाल भूरिया, हरू भूरिया, सतीष कहार, राजेष मचार, चिराग चैरसिंया, भरत बामनिया, रामसिंह सरपंच, शरमा भूरिया, विजय चैहान, जितेन्द्र पंवार टूई, प्रतीक, पारू पारगी, मुकेष सिंगार, पिचा डामोर, पंकज शर्मा, हन्नु भूरिया सहित बडी संख्या में भाजयुमों के कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी उपस्थित थे । इस अवसर पर जिला भाजपा अध्यक्ष शैलेष दुबे ने अटलजी को विष्व का महानतम नेता बताते हुए कहा कि उन्हे भारतरत्न मिलने से पूरे देष में खुषियों का माहौल है । देष के लिये अटलजी की सेवाओं को कभी भी विस्मृत नही किया जासकता है। विधायक शांतिलाल बिलवाल ने कहा कि अटलजी ऐसी शख्शियत है जिन्हे अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान की दृष्टि से माना जाता हे । आजीवन देष सेवा में हरने वाले अटलजी का जीवन ही हम सभी के लिये संदेष है । भाजयुमों के जिलाध्यक्ष भानू भूरिया के अनुसार अटल जी को भारत रत्न मिलना हम सभी के लिये गौरव की बात है । कार्यक्रम के दौरान अटलजी को भारत रत्न मिलने की खुषियों में भाजपा नेताओं ने बधाईया देते हुए एक दूसरें को मिठाई खिालाकर अपनी खुषियों का इजहार किया ।
होसान्ना हाल्लेलुया से गुंजा प्रांगण, हाथ में खजुर की डालियां लिए किया स्वागत
- धुमधाम से मनाया पाम संडे
झाबुआ---होसान्ना हाल्लेलुया, राजाओं के राजा येसु मसीह की होवे जय जयकार के गीतों से पाम संडे ईसाई समुदाय के अनुयायियों द्वारा बडी धुमधाम से आज रविवार को मनाया गया। आज ही के दिन से पवित्र सप्ताह की शुरूआत की जाती है। यह खजूर रविवार हम सभी को उस ऐतिहासिक घटना की ताजा याद दिलाती है, जहां पर स्वयं प्रभु येसु इस संसार के मुक्तिदाता , प्रेम व शंाति के राजा, नम्र व दिन-हिन बनकर हम मानव को पापों से मुक्ति दिलाने , हम मानव को प्रेम, दया, शंाति व एकता का पाठ पढाने येसु स्वयं नम्र व दिनहिन बनकर उस शंाति की पवित्र नगरी येरूसालेम में प्रवेश करते है। येरूसालेम में प्रभु येसु के प्रवेश के दौरान लोगों के द्वारा खजुर की डालियों से किया थां उक्त जानकारी झाबुआ डायोसिस के वी.जी. फादर पीटर खराडी द्वारा दी गई; रविवार को स्थानीय महागिरीजा घर में प्रातः 9 बजे से खजुर रविवार का पर्व मनाया गया। जिसमें ईसाई समुदाय के लोग बडी संख्या में प्रार्थना सभा में भाग लिया। प्रार्थना का आरंभ खजुरों को आशीष दे कर हुआ। आशीष प्रार्थना फादर पीटर खराडी द्वारा पढी गई। इस दौरान श्रद्धालुओं को फादर द्वारा खजुर की डालिया प्रदान की गइ। तत्पश्चात इंग्लिश मीडियम स्कूल प्रांगण से जुलुस के द्वारा प्रार्थना हेतु बनाए गए स्टेज की और बढे, प्रार्थना की अगुवाई फादर पीटर खराडी ,फादर स्टीफन, फादर सोनु, फादर निरंजन, फादर पीटर कटारा फादर रोयल आदि द्वारा की गई। सुसमाचार का वाचन एवं उपदेश फादर सोनी द्वारा किया गया। आगे की जानकारी देते हुए फादर फादर स्टिफन ने बताया इसी पर्व के ठीक एक सप्ताह पहले येसु अपने दुःखभोग , मृत्यु और पुनरूत्थान द्वारा हम मानवजाति के पापों व दुःखोें से मुक्त करने, येसु स्वयं अपने पिता ईष्वर की प्रतिज्ञा व योजना के अनुसार अपना अंतिम कार्य को संपन्न करने के लिए उस पवित्र नगरी येरूसालेम में प्रवेष करते है। इस ऐतिहासिक घटना का वर्णन हमें पवित्र बाईबल के नये व्यवस्थान के चारों सुसमाचार में देखने को मिलता है। संत लुकस रचित सुसमाचार अध्याय 22ः14-15 इस घटना का वर्णन इस प्रकार से किया गया है, ”समय आने पर ईसा ने प्रेरितों से कहा, मैं कितना चाहता था कि दुःख भोगने से पहले पास्का का यह भोजन तुम्हारे साथ करू। यहां तक की शास्त्रि व फरिसी भी येसु को मार डालने की ताक में थे, लेकिन फिर भी येसु अपनी मौत का सामना करने के लिए दृढ संकल्प करके, साहस के साथ येरूसालेम की पवित्र नगरी में प्रवेष करते है। जैसे ही शांति के मसीह एक गधे पर सवार हो कर इस नगरी में प्रवेष करते है -भीड की भीड , छोटे से लेकर बडे तक उनके आदर व सम्मान में अपने कपडों को सडक पर बिछा देते है। कुछ लौग पेडों की शाखाएॅं काट कर रास्ते पर बिछा देते है, तो कुछ लौग अपने हाथों में खजूर की डालियाॅं लेकर येसु मसीह का स्वागत होसान्ना । धन्य है वह जो प्रभु के नाम पर आते है, सर्वोच्च स्वर्ग में होसान्ना ”। होसान्ना का शाब्दिक अर्थ है, ईष्वर हमारी रक्षा कर। इस प्रकार सभी लौग येसु को अपना मुक्तिदाता मानकर उनके आदर व सम्मान में जय-जयकार के नारे लगाते है। इस ऐतिहासिक घटना में हमें एक बात ओर देखने को मिलती है कि क्यों इस संसार के मुक्तिदाता प्रभु येसु घोडे पर बैठकर आने के बदले एक गधे पर बैठकर येरूसालेम में प्रवेष करते है। इस रहस्यपुर्ण प्रष्न का जवाब भी हमें प्रभु येसु के जीवनसे मिलता है। गधे पर बैठकर आने का मतलब विनम्रता और शांति का प्रतीक है और घोडे पर बैठकर आने का मतलब अधिकार, सत्ता और युद्ध का प्रतिक है। यहा तक कि येसु ने स्वयं राज्यपाल पिलातुस के सामने यह स्वीकार किया कि, मैं यहुदियों का राजा हूॅं- लेकिन प्रभु कहते है कि मेरा राज्य इस संसार का नहीं है कहने का तात्पर्य यह है कि प्रभु येसु प्रेम, दया, शांति, क्षमा व एकता के राजा थे। वे किसी का सर्वनाष करने नहीं, न ही किसी का न्याय करने और न ही किसी को दोषी ठहराने आये थे। बल्कि वे शांति के राजा बनकर, प्रेम व शांति का राज्य स्थापित करने, संपुर्ण मानवजाति को ईष्वर के राजा के बारे में बताने, सत्य की षिक्षा को बाॅंटने, मानवजाती का उद्धार व कल्याण करने ईष पुत्र बनकर इस संसार में आते हैं इस प्रकार प्रभु येसु पूरी मानवजाती के पापों को अपने उपर लेकर अपने जीवन को सुली पर चढा देते है। यह ऐतिहासिक घटना हम सभी को यही याद दिलाती है कि, प्रभु येसु हमारे मुक्तिदाता व शंातिदाता है और इसी घटना को याद करने के लिए ही हम सभी प्रुभु येसु के दुःखभोग , मृत्यु और पुनरूत्थान के रहस्यों के उपर मनन चिंतन करते हुए, हम सभी खजूर रविवार के दिन हाथों में खजूर की डालियों को लेकर पवित्र सप्ताह में प्रवेष करते हुए कई ऐतिहासिक घटनाओं को भी याद करते है, जैसे- खजूर रविवार, पुण्य ब्रहस्पतिवार ;अंतिम ब्यालु का स्मरण द्ध पुण्य शुक्रवार ;गुड फा्रईडे, प्रभु का दुःखभोगद्ध व पास्का रविवार ;ईस्टर संडेद्ध आदि को मनाने के लिए हम सभी आध्यात्मिक रूप से व भक्तिपुर्वक अपने आप को तैयार करते है। और ईष्वर की आषिष व कृपा को अपने जीवन में ग्रहण करते है। साथ ही साथ संपूर्ण मानवजाति की मुक्ति के लिए ईष्वर से प्रार्थना व दुआ विषेष रूप से इस पवित्र सप्ताह के दोरान सभी चर्च में की जाती है।
अपने आराध्य से सजल नेत्रों से सबके कल्याण की प्रार्थना ,करे- कल्लाजी महाराज
- कल्लाजी की विषेष गादी का हुआ आयोजन
झाबुआ---हर मनुष्य के जीवन मे सुख दुख नदी के दो किनारों जैसे है और जीवन रूपी नांव मंझधार मे चलती है तो जीवन में जो दुख का अनुभव होता है वही सच्चे सुख के आगमन का प्रतीक होता है । सुख दुख एक चक्र की तरह है दुख के बाद सुख आता है और सुख के बाद दुख का क्रम चलता है । ऐसे में मानव को कभी भी विपत्ति के समय अपना धैर्य नही खोना चाहिये और अपने आराध्य, अपने गुरू पर पूर्ण विष्वास रख कर हरि स्मरण करना चाहिये ताकि दुख की घडी आसानी से कट सकें । जीवन में आत्मषुद्धि का होना बहुत ही जरूरी है इसलिये अपने आराध्य के सामने सजल नेत्रों से सबके कल्याण की प्रार्थना ,कामना करना चाहिये इससे परमात्मा बिना कहे ही तुम्हारे दुखों का निवारण करने के लिये मदद करेगा । उक्त बात रविवार को काली कल्याण धाम श्री कल्लाजी मंदिर पर उपस्थित श्रद्धालुओं को चैत्र माह की दसमी को आयोजित दषहरा संदेष में कहीं । रविवार को मंदिर में श्री कल्लाजी महाराज ने गादीपति संतोष गेहलोत के माध्यम से उपस्थित श्रद्धालुओं के दुखों का निवारण समस्याओं का निवारण गादी के माध्यम से करते हुए कहा कि जीवन मे निस्वार्थ सेवा का बहुत ही महत्व है । जो निस्वार्थ भाव से सेवा कार्यो में जुटा रहता है उसके जीवन मे परमात्मा स्वयं आमुल चुल बदलाव लाता है । उन्होने कहा कि किसी भी इष्ट को मानते हो उनसे कभी भी धन दौलत मत मांगों बल्कि उनसे आत्म शांति की गुहार करों । परमात्मा सब जानता है कि तुम्हारी परेषानिया क्या है और उसका किस तरह से हल निकलेगा इसलिये निष्चित भाव से परमात्मा पर विष्वास रखो कभी भी जीवन में निराषा नही आवेगी । उन्होने आगे कहा कि माता-पिता की सेवा से बढ कर कोई सेवा नही होती है । मन की बजाय आत्मा पर ध्यान दो ।क्योंकि षरीर से जब आत्मा निकल जाती है तो यह शरीर केवल राख की एक ढेरी के अलावा कुछ नही रहता है । इस अवसर पर उन्होने सभी से ईष्र्या दोष, निंदा से दूर रहने का आ्रवहान करते हुए अपने आराध्य के प्रति पूर्ण विष्वास रखने की बात कहीं ।
त्रि दिवसीय हनुमान जन्मोत्सव की तैयारिया पूर्ण, समितियों का गठन किया गया
- अनिरुद्ध मूरारी की भजन संध्या 3 अप्रेल को
झाबुआ---श्री संकटमोचन हनुमान मंदिर हनुमान टेकरी पर समिति की बैठक का आयोजन किया जिसमें 3 अप्रेल से 5 अप्रेल तक त्रिदिवसीय हनुमानजयन्ती महोत्सव भव्य पैमाने पर मनाये जाने के लिये पृथक पृथक समितियों का गठन किया । 3 अप्रेल शुक्रवार को अखण्उ श्रीराम नाम जप प्रातः 6 से सायंकाल 6 बजे तक होगा तथा रात्री 8 बजे से प्रसिद्ध भजन गायक श्री अनिरुद्ध मूरारी रतलाम द्वारा प्रस्तुत की जावेगी । सायंकाल 6 बजे से इसी दिन षिवपुराण पर आधारित प्रष्न मंच प्रतियोगिता आयोजित होगी । षिवपुराण के प्रष्न क्रमांक 1 से लेकर 400 तक पृष्ठों पर आधारित प्रष्न मंच होगा । प्रष्न मंच मे 6 टीमे रहेगी और सभी टीमें ज्योर्तिलिंगों पर आधारित नाम महाकालेष्वर, सोमनाथ,त्रयम्बेकेष्वर,रामेष्वरम्,केदारनाथ एवं काषी विष्वनाथ के नाम की रहेगी । ठसी तरह 4 अप्रेल शनिवार को प्रातः सूर्योदय के साथ जन्मोत्सव आरती के लिये आवष्यक समस्त व्यवस्था का निर्धारण कर दिया गया है । इसके पष्चात प्रातः 8 बजे से सुंदरकांड प्रारंभ होगा । इसी दिन दोपहर 12-15 बजे से शाम 6 बजे तक निरन्तर 1008 हनुमान चालिसा का पाठ होगा एवं सायंकाल 6 बजे से रात्री 8 बजे तक भजनों पर आधारित नृत्य प्रतियोगिता होगी । दिनांक 5 अप्रेल रविवार को प्रातः 8 बजे से पंचकुण्डी मारूति महायज्ञ प्रांरभ होगा एवं दापेहर 1 बजे से सायंकाल 5 बजे तक विषाल भंडारा महाप्रसादी का आयोजन रखा गया है । बैठक में जीवन पउियार, सुधीर कुष्वाह, राकेष झरबडे, गजेन्द्रसिंह चन्द्रावत, पल्लु चैहान, मुकेष नीमा, प्रेम अदीबसिंह पंवार, अषोक चैहान,नीता भावसार,श्रीमती सोनगरा आदि उपस्थित थे । श्री हनुमान टेकरी सेवा समिति ने नगर की धर्मप्राण जनता एवं श्रद्धालुओं से अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित रह कर धर्मलाभ प्राप्त करने की अपील की है
मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम हम सबके आदर्ष- सौभाग्यसिंह चैहान
- सत्यसाई समिति ने मनाया श्री रामपवमी पर्व
झाबुआ---श्री सत्यसाई सेवा समिति द्वारा स्थानीय विवेकानंद कालेानी स्थित श्री सत्यधाम पर श्री राम नवमी पर्व पूरी श्रद्धा एवं भक्ति के साथ मनाया गया । प्रातःकाल ओकारम सुप्रभात के साथ ही कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ । प्रातः 10 बजे श्री सत्यधाम पर भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव के अवसर पर भगवान श्री सत्यसाई बाबा द्वारा पहनी जाने वाली अंगी को दर्षनार्थ रखा गया तथा समिति के सदस्यों द्वारा ओम श्री साई राम धुन के साथ गेहूं के दानों से भगवान के चित्रों पर लक्ष्यार्चना किया गया । इसके बा दनाम संकीर्तन का कार्यक्रम आयोजित हुआ । इस अवसर पर भगवान श्रीराम के अवतरण पर प्रकाष डालते हुए सौभाग्यसिंह चैहान ने कहा कि जब जब धर्म पर आंच आई भगवान ने अवतार लेकर दुष्टों का विनास किया । श्री राम ने ऋषि मुनियों के यज्ञ की रक्षा के लिये राक्षसों का विनास करने के साथ ही रावण रूपी बुराई को समाप्त करके यह सन्देष दिया कि हमेषा अच्छााई की जीत होती है। राम के जीवन को मर्यादा का स्वरूप् बताते हुए कहा कि राम ने जब जब भी अवतार लिया दुष्टों के विनास के लिये उन्हे वन मे जाना पडा । राम हमारी संस्कृति के आदर्ष है और मर्यादा पुरूषोत्तम के रूप में वे जन जन की आस्था का केन्द्र है । राम नाम एक महामंत्र है जिसको यदि सच्चे दिल से स्मरण किया जावे तो राम की कृपा निष्चित ही प्राप्त होती है । इस अवसर पर समिति द्वारा नारायण सेवा कार्यक्रम के अंतर्गत गरीबों को भोजन भी करवाया गया । समिति के जन्मात्सव कार्यक्रम में नगीनलाल पंवार, गजानन यावले, मंगल यावले, कृष्णा चैहान,सुश्री मनोरमा यावले, ओमप्रकाष नागर, रामसिंह सिसौदिया, राजेन्द्र सोनी, षिवकुमारी सोनी, ज्योति सोनी श्रीमती सुभदा, श्री पंतोजी, के अलावा बडी संख्या में साईभक्त उपस्थितथे।
घर से किया लडकी का अपहरण
झाबुआ--- फरियादी हरीश पिता खेमसिंह सोलंकी उम्र 18 वर्ष निवासी माथना अलि. हा. विवेकानंद कालोनी झाबुआ ने बताया कि वह अपनी बहन के साथ अपने किराये के घर पर था आरोपी किशन सस्तिया भिलाला निवासी छापरखाण्डा 2. विनोद सिंगार निवासी पारा 3. जीप का चालक जीप लेकर आये व उसके घर में घुसकर उसकी बहन बीए में पढती है को जबरन पकडकर अपहरण कर अपने साथ ले गये। प्र्रकरण में थाना कोतवाली झाबुआ में अपराध क्रमांक 230/15, धारा 366,452,506,34 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
वाहन दुर्घटना में मृत्यु
झाबुआ--- फरियादी अश्विन पिता अमरसिंह परमार उम्र 16 वर्ष निवासी तलावली ने बताया कि कंटेनर क्र. जीजे 13 एटी 5544 का चालक ने तेज व लापरवाही पूर्वक अपने वाहन को चलाकर राकेश पिता बहादूर डामोर को टक्कर मार दी, जिससे मृत्यु हो गई। थाना थांदला में अप0क्र0 78/15, धारा 304-ए भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
जहरीली दावाई पीने से मोत
झाबुआ---फरियादी हरीश पिता नरेन्द्र ब्राहम्ण निवासी गरबाखेडी ने बताया कि मृतक प्रेमचंद्र पिता कोदाजी लोधा उम्र 30 वर्ष निवासी गरबाखेडी की अज्ञात जहरीली दवाई पी ली थी दौराने ईलाज मृत्यु हो गयी। थाना रायपुरिया मे मर्ग क्रमांक 11/15, धारा 174 जाफौ0 का कायम कर जांच में लिया गया।
घायल की ईलाज के दोरान मोत
झाबुआ---फरियादी मोहन पिता हेमा डामोर उम्र 38 वर्ष निवासी सजेली मालजी सात ने बताया कि मृतक माधु पिता कसना डामोर उम्र 25 वर्ष निवासी सजेली मालजी सात की एक्सीडेंट में आयी गंभीर चोट के कारण ईलाज के दौरान मृत्यु हो गयी। थाना थांदला मे मर्ग क्रमांक 17/15, धारा 174 जाफौ0 का कायम कर विवेचना में लिया गया।
फर्जि चिकित्सक पर मामला दर्ज
झाबुआ--फरियादी डाॅ0जी0एस0 चैहान, 1979 सीएचसी रानापुर ने बताया कि अमलकांति पिता अनंता विश्वास निवासी हावडा 24 परगना पश्चिम बंगाल का बिना डिग्री के मरीजों का ईलाज करते हुए छापामार कार्यवाही में गिरफतार किया। सूचना पर अपराध कायम कर विवेचना में लिया गया। प्र्रकरण में थाना रानापुर में अपराध क्रमांक 118/15, धारा 188 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें