दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय परिषद की आज हुयी बैठक में संस्थापक सदस्यों योगेन्द्र यादव और प्रशांत भूषण को राष्ट्रीय कार्यकारिणी से हटाये जाने से ठीक पहले दोनों पर “ पार्टी विरोधी ” गतिविधयों में शामिल होने का आरोप लगाकर इस्तीफे की धमकी दे दी थी। बैठक के बाद सूत्रों ने बताया कि श्री केजरीवाल ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी में करीब एक घंटे तक भाषण दिया। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री ने पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की पिछले साल हुयी बैठक के बाद आगे का वृत्तांत अपने संबोधन में बताया । भाषण में उन्होंने मुख्यमंत्री पद छोडने, पिछले साल आम चुनावों में पार्टी की दुर्गति और इस वर्ष विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक विजय का ब्योरा दिया।
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया इसके तुरंत बाद श्री केजरीवाल ने श्री यादव और श्री भूषण पर तेजी से प्रहार करने शुरू कर दिए और सदस्यों से “ उन्हे या इन दोनों को चुनने ” के लिए कहा। श्री केजरीवाल ने अपने भाषण में जोरदार ढंग से यह बात कही कि श्री भूषण और उनके पिता शांतिभूषण और श्री यादव ने इस बार के विधानसभा चुनाव में पार्टी को हराने के लिए हर संभव प्रयास किये1 उन्होंने कहा “ जब पूरी पार्टी दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपनी जीत सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर रही थी तो ये तीनों पार्टी की हार कैसे हो ,इसमें जुटे हुये थे1” पार्टी से निकाले गये श्री यादव ने संवाददाताअें से बातचीत में यह आरोप लगाया था कि बैठक के दौरान हंगामा होने पर श्री केजरीवाल ‘ मूक दर्शक ” बने रहे।
उनका यह भी आरोप था कि राष्ट्रीय परिषद के सदस्यों के साथ खिलाये पिलाये गये “ बाउंसरों” ने मारपीट भी की1 श्री यादव ने कहा “श्री केजरीवाल ने करीब एक घंटे तक नाटकीय भाषण दिया और उनका मकसद हमारे ऊपर आरोप लगाना था1 हम दोनों को नहीं हटाये जाने पर उन्होंने इस्तीफे की धमकी भी दी थी1 शांतिभूषण का नाम लिए बगैर उन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप लगाये गये1” श्री केजरीवाल अपना भाषण खत्म करने के बाद बैठक से यह कह कर चले गये कि उन्हें एक जरूरी बैठक में जाना है और वे दोपहर बाद फिर बैठक में लौटे1 इस दौरान श्री भूषण, श्री यादव,प्रो. आनंद कुमार और श्री अजित झा को बैठक में भरी हंगामे के बीच राष्ट्रीय कार्यकारिणी से निष्कासित करने का प्रस्ताव पारित कर दिया गया

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