यमन में फंसे 190 भारतीय वायुसेना के विमान से भारत पहुंचे - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

गुरुवार, 2 अप्रैल 2015

यमन में फंसे 190 भारतीय वायुसेना के विमान से भारत पहुंचे

संकट ग्रस्त यमन में भारतीय नागरिकों को बचाने के लिए चलाए गए सरकार के पहले बड़े अभियान के तहत 190 भारतीय नागरिकों को लेकर भारतीय वायुसेना का एक विमान आज तड़के यहां पहुंचा. बचाए गए लोगों में नर्सें और मजदूर तथा अन्य लोग शामिल हैं.

ये लोग भारतीय वायुसेना के विशेष विमान से यहां पहुंचे और इसके साथ ही सप्ताहभर से चला आ रहा उनका संकट समाप्त हो गया. भारतीय वायुसेना का सी 17 ग्लोबमास्टर विमान भारतीय नागरिकों को लेकर तड़के करीब सवा तीन बजे शहर के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा. बचाव अभियान के तहत यह दूसरी उड़ान थी. इससे पूर्व आधी रात के बाद दो बजे भारतीय वायुसेना का विमान यमन से 168 भारतीय नागरिकों को लेकर कोच्चि में उतरा था. रक्षा सूत्रों ने बताया कि बचाए गए लोगों से संबंधित कागजी कार्रवाई लंबित होने के कारण मुंबई आने वाला विमान जिबूती से समय पर उड़ान नहीं भर सका था.

सूत्रों ने बताया कि कई लोगों के पास उनके पासपोर्ट तक नहीं थे इसलिए उड़ान में देरी हुई. महाराष्ट्र के पर्यटन और विधायी मामलों के मंत्री प्रकाश मेहता तथा सांसद किरीट सोमैय्या हवाई अड्डे पर लोगों की अगवानी करने के लिए मौजूद थे. ये लोग उन 350 भारतीयों में शामिल थे जो यमन के बंदरगाह शहर अदन से नौसेना के एक पोत द्वारा बचाए जाने के बाद जिबूती पहुंचे थे. इस बीच, केंद्रीय रेलवे ने इन लोगों को उनके गृह नगरों तक पहुंचने के लिए मुफ्त यात्रा सुविधा प्रदान करने की पेशकश की है. विमान के सह पायलट विंग कमांडर विक्रम एबी ने को बताया कि बचाव अभियान बेहद मुश्किल था क्योंकि भारतीय वायुसेना के पास विस्तृत ब्यौरा उपलब्ध नहीं था.

 विमान के चालक दल को बचाव अभियान के बारे में 30 मार्च को बताया गया और विमान ने कल भारत से उड़ान भरी थी. बचायी गयी एक महिला मैरी एम्मा वर्गीज ने बताया कि वह पिछले दो साल से अदन के एक अस्पताल में नर्स के तौर पर कार्यरत थी और एक दिन अचानक ‘‘भारी धमाके की आवाज सुनी ’’ और इसके बाद मैंने काम पर जाना बंद कर दिया. उसने बताया, ‘‘ सभी दुकानें बंद हो गयीं और कई दिनों तक हमारे पास खाना भी नहीं था.’’ विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि 350 लोगों में से 206 केरल के , 40 तमिलनाडु के , 31 महाराष्ट्र के , 23 पश्चिम बंगाल से और 22 दिल्ली से हैं. कुछ लोग अन्य राज्यों के हैं.

भारतीयों को सोमवार की रात आईएनएस सुमित्रा पोत ने निकाला जो क्षेत्र में जलदस्यु विरोधी गश्त पर था और इसे वहां से बचाव अभियान के लिए रवाना किया गया. शहर में भारी लड़ाई छिड़ने के कारण इस पोत को लंगर डालने के लिए मंजूरी हासिल करने में कई घंटों का समय लगा.

कोई टिप्पणी नहीं: