बिहार : सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं की सुविधाओं से महरूम हैं 40 भीखमंगे - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 19 अप्रैल 2015

बिहार : सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं की सुविधाओं से महरूम हैं 40 भीखमंगे


  • विश्वास पर निर्भर और जन पर आधारित है मंगला बैंक

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गया।सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं की सुविधाओं से महरूम हैं 40 भीखमंगे। आजादी के 68 साल में कई बार केन्द्र और राज्य में सरकार आयी और बदल गयीं। इन जन प्रतिनिधियों ने भीखमंगों की केयर ही नहीं किए। ऐसा होने से भीखमंगें हताश और निराश नहीं हुए। बल्कि इन लोगों के द्वारा ऐसा करतब किया जा रहा है जो सामान्य लोगों का मार्गदर्शन करने में सर्मथ हैं। भगवान के दर पर बैठकर भक्तों से भीख मांगते हैं। आपस में मतैक्य स्थापित कर मंगला बैंक खोल लिए हैं। प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत बैकों में खाता नहीं खुल सका है।इसमें न कोई सरकारी अधिकारी और न ही संस्थाओं के पदाधिकारी ही सहायक बने हैं।

जी हां, देश में प्रधानमंत्री जनधन योजना संचालित है।पीएम नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त 2014 को आजादी के जश्न दिवस के अवसर पर घोषणा किए थे। इस औपचारिक घोषणा के महज 5 दिनों के बाद ही 20 अगस्त 2014 से लागू कर दिया गया।लोगों ने योजना को स्वीकार किया।विभिन्न बैंकों में जाकर जीरो बैलेंस पर खाता खोलवाने लगे। 26 जनवरी 2015 तक 7.5 करोड़ लोग खताधारक बन गए। जो 15 फरवरी 2015 को बढ़कर बारह करोड़ एक लाख खाताधारी हो गए। अभी खाताधारकों की संख्या 13 करोड़ तक हो गयी है। इसमें मंदिर में बैठकर 40 भीखमंगों की संख्या शामिल नहीं है। इन लोगों का कहना है कि भीखमंगों के नेतृत्व करने वाले केनारी पासवान कहते हैं कि हमलोगों ने मंगलमय जिदंगी बिताने वाली राह पर अग्रसर हैं। एक मां के मंदिर में 40 भीखमंगे भीख मांगते हैं। सभी लोगों ने राय मशविरा करके मंगला बैंक बना लिए हैं।प्रत्येक मंगलवार को मंगला बैंक में राशि जमा करते हैं। प्रत्येक सदस्य प्रत्येक मंगलवार को 10 रूपए जमा करते हैं।जिन लोगों को कर्ज लेने की जरूरत है। उन लोगों को आसान व्याज पर ऋण देते हैं। प्रथम माह में व्याज रहित ऋण देते हैं। द्वितीय माह से 2 से 5 फीसदी व्याज लेते हैं। इस बैंक से सभी सदस्य खुश रहते हैं। इस मंगला बैंक में बाहरी लोग सदस्य नहीं बन सकते हैं। हमलोग ही बेहतर ढंग से संचालन करते हैं। यह सब विश्वास पर ही निर्भर और जन पर आधारित है। 

केनारी पासवान कहते हैं कि प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत कहा जाता है कि मेरा खाता भाग्य विधाता। उसी तरह हमलोगों का मंगला बैंक भाग्य विधाता है। हमलोग मिलकर जुगाड़ करके बैंक चला रहे हैं। कोई अधिकारी आते ही है।इसके कारण आधार कार्ड नहीं बना है। बीपीएल कार्ड भी नहीं बना है। यह खबर पढ़कर जरूर ही अधिकारियों के कान खड़ा हो जाएंगे। इस जिले जिलाधिकारी संजय कुमार अग्रवाल विकास और कल्याण कार्य करने में लगे हुए हैं। वहीं 40 भीखमंगों विकास और कल्याण कार्य से महरूम हैं।  




आलोक कुमार
बिहार 

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