ससुर के एंप्लायर की बीयर कंपनी पर बरस रही दामाद की मेहरबानियां, खास व्रेवरी से 10 फीसदी बीयर लेना अनिवार्य
- हर जिले में एक डेडीकेटिट दुकान भी की निर्धारित, मोटी बिक्री से कंपनी कमा रही है करोड़ों की रकम
- खराब गुणवत्ता से नहीं हो रही थी इस ब्रांड की बिक्री
देहरादून, 10 अप्रैल। आबकारी विभाग इस दिनों विभागीय मुखिया के ससुर को उच्च पद पर नौकरी देने वाली एक बीयर कंपनी पर खासा मेहरबान है। प्रदेशभर की दुकानों को आदेश कर दिया गया है कि कुल बिक्री होने वाली बीयर का दस फीसदी माल दून वैली व्रेवरी से ही खरीदा जाए। इतना ही नहीं, हर जिले में एक-एक दुकान पर केवल इसी कंपनी की बीयर ही बिक्री करने का फरमान भी जारी किया गया। बताया जा रहा है कि यह आदेश एक सिक यूनिट को जिंदा रखने की आड़ में जारी किया गया है। सूत्रों ने बताया कि आबकारी आयुक्त विजय शंकर पांडेय के ससुर देहरादून की दून वैली व्रेवरीज में बड़े ओहदे पर सेवारत है। पिछले कुछ समय से इस कंपनी की बीयर की बिक्री लगभग बंद सी हो गई थी। इसकी वजह बीयर की गुणवत्ता ठीक न होना बताई जा रही है। इससे कंपनी स्वामी के सामने संकट आ गया था और कंपनी बंदी की कगार पर थी। बताया जा रहा है कि आबकारी विभाग ने इस कंपनी को जिंदा रखने के लिए एक आदेश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि प्रदेशभर में बीयर बेचने वाली फुटकर दुकानों को अपनी कुल बिक्री की दस फीसदी बीयर इसी कंपनी से खरीदनी होगी। मेहरबानी यहीं तक नहीं है। सूबे के हर जिले में एक-एक दुकान अलग से तय की गई है। इन दुकानों पर केवल इसी कंपनी की बीयर बेची जा सकती है। किसी अन्य ब्रांड की बीयर बेचने पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है। विभाग की इस मेहरबानी का असर यह रहा कि डिमांड न होने के बाद भी दुकानदारों को इस कंपनी की बीयर खरीदनी पड़ रही है। इस बारे में राजधानी देहरादून की कई शराब दुकान स्वामियों से बातचीत की गई। नाम न छापने की शर्त पर इनका कहना है कि बीयर की क्वालिटी बेहद खराब है। ग्राहक इसे नाम से तो मांगत ही नहीं है। अपनी तरफ से देने पर ग्राहक खरीदने से ही मना कर देता है। नतीजा यह है कि इस कंपनी की बीयर को या तो मुफ्त बांटना पड़ता है या फिर फेंकना पड़ता है। विभागीय मुखिया की वजह से ससुर का एंप्लायर आजकल मोटी कमाई कर रहा है। विभाग के कई जूनियर अफसर इस व्यवस्था से बेहद खिन्न हैं। लेकिन मामला मुखिया का है, लिहाजा कोई अपनी जुबां खोलने तक तो तैयार नहीं। नतीजा यह है कि ससुर की कंपनी का मालिक करोड़ों की कमाई कर रहा है।
ये हैं जबरन बिक्री वाले ब्रांड
1- फ्लाइंग फाक्स (उड़ती लोमड़ी)
2- आयरन हार्स (लोहे का घोड़ा)
3- 99000
इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि नामी-गिरामी बीयर ब्रांड के मुकाबले इन्हें मयकश लोग कितना पसंद कर रहे होंगे।
और भी हैं सिक कंपनियां
अगर केवल सिक कंपनी को जिंदा रखने के नाम पर विभाग ने यब तुगलकी फरमान जारी किया है तो बाकी कंपनियों को क्यों छोड़ दिया गया। सूत्रों ने बताया कि राज्य की ही डीवीडी लिकर यूनिट, गोल्डमैन डिस्टलरी और काशीपुर वेवरीज प्राइवेट लिमिटेड भी इन दिनों मुफलिसी के दौर से गुजर रही है। आखिर क्या कारण है कि विभागीय अफसरों ने केवल एक ही बीमार कंपनी पर अपनी नजरें कर रखी है। अगर विभाग को राज्य की कंपनियों की इतनी ही चिंता है तो फिर रेडिको, इंडिया ग्लाइकोल लिमिटेड और सहकारी क्षेत्र की बाजपुर आसवनी के बारे में भी इसी तरह का आदेश क्यों जारी नहीं किया गया है।
सरकार ने लूट की छूट दे दी निजी विमानन कंपनियों को तय नहीं किए चार धाम यात्रा के लिए हैलीकाप्टर के रेट
- चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की कटेगी जेब, सरकार ने यात्रा का रेट तय करने से झाड़ दिए हाथ
देहरादून, 10 अप्रैल। चारधाम की यात्रा पर आने वाले आम श्रद्धालुओं की सुविधाओं को लेकर राज्य सरकार की ओर से किए जा रहे तमाम दावों की हकीकत का तो न्यूज वेट खुलासा कर ही चुका है। अब सपंन्न तीर्थ यात्रियों की जेब पर डाका डालने की दिशा में किए गए कारनामे का खुलासा भी न्यूज वेट कर रहा है। चारधाम की यात्रा शुरू होने में अब महज चंद रोज ही शेष रह गए हैं। सरकार की ओर से तमाम व्यवस्थाएं चाक चैंबद करने का दावा सरकारी सिस्टम की ओर से किया जा रहा है। सीएम की बात छोड़ भी दें तो पर्यटन मंत्री दिनेश धनै और प्रमुख सचिव उमाकांत पंवार भी तमाम दावे कर रहे हैं। न्यूज वेट ने आठ अप्रैल के अंक के अंक में सरकारी दावों की पोल खोली थी। जमीनी हकीकत दावों के एकदम विपरीत है। यह बात तो हुई आम श्रद्धालुओं की। आस्था से बंधें ये लोग तो किसी तरह से अपनी यात्रा पूरी कर ली लेंगे। बशर्ते कोई कुदरत ने कोई कहर नहीं बरपाया। अब बात संपन्न श्रद्धालुओं की। सरकार की ओर से दावे किए जा रहे हैं कि अगर लोग चाहें तो तो वो चापर से हवाई यात्रा के जरिए चारधाम की यात्रा कर सकते हैं। बताया जा रहा है कि कई एवियेशन कंपनियों ने अपने चापर उत्तराखंड की सरजमीं पर अभी से खड़े कर दिए है। नागरिक उड्डयन विभाग ने इन्हें अनुमति भी दे दी है। अहम बात यह भी है कि निजी कंपनियों के चापर अभी मंत्रियों और नेताओं को हवाई सैर करवा रहे हैं। हो सकता है कि सरकारी अधिकारियों और मंत्रियों के साथ ही अन्य वीवीआईपी लोगों की यात्रा के लिए इनका कोई रेट कांट्रेक्ट हो। लेकिन चारधाम की यात्रा को चापर से पूरा करने की इच्छा रखने वालों की जेब काटने के लिए सरकार ने खास इंतजाम कर दिए हैं। उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि नागरिक उड्डयन विभाग ने कई निजी विमानन कंपनियों को राज्य में अपनी सेवाएं शुरू करने की अनुमति दी है। सहस्त्रधारा रोड स्थित हैलीपैड पर सरकारी चापर के लिए हैंगर की व्यवस्था भले ही न हो। लेकिन निजी कंपनियों के चापरों को पूरी सुविधाएं दी जा रही है। चारधाम यात्रा के वक्त इन चापरों का पूरा प्रयोग करने की योजना तैयार कर ली गई है। अहम बात यह है कि नागरिक उड्डयन विभाग ने यह तय नहीं किया गया है कि किस धाम की यात्रा को लिए चापर का किराया क्या होगा। यानि निजी विमानन कंपनियां खुद ही तय करेंगी कि किस धाम का यात्रा के लिए प्रति यात्री किराया कितना होगा। जाहिर है कि निजी विमानन कंपनियों पर सरकार का किसी तरह से कोई नियंत्रण नहीं होगा और ये विमानन कंपनियां अपने हिसाब से ही किराया तय करेगी। ऐसे में इस बात की आशंका बहुत ज्यादा है कि अगर यात्रा सीजन में मौसम ने अपना रुख दिखाया तो ये निजी विमानन कंपनियां देशभर से आने वाले संपन्न श्रद्धालुओं से मनमाना किराया वसूल करेगी। बताया जा रहा है कि इस विभाग का दायित्व संभाल रहे अफसर ने सरकार से कहा है कि अगर केंद्र सरकार संपन्न लोगों से गैस सब्सिडी न लेने की अपील कर सकती है तो राज्य सरकार को भी चापर का किऱाया विमानन कंपनियों पर ही छोड़ दिया जाना चाहिए। आखिर चापर से वहीं लोग जाएंगे जो कि संपन्न है। ऐसे में सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या किसी व्यक्ति के संपन्न होने की दशा में निजी विमानन कंपनियों को उन्हें लूटने की छूट दी जा सकती है। न्यूज वेट का मानना है कि सरकार को अफसरों की ओर से लिए गए इस फैसले पर एक बार फिर से पुनर्विचार करके चारधाम यात्रा पर चापर से जाने वालों के लिए किराया तय करना चाहिए।
केंद्र सरकार के कर्मियों ने किया प्रदर्शन, राज्यपाल के माध्यम से भेजा ज्ञापन
देहरादून,10 अप्रैल (निस)। केंद्रीय कर्मचारी राज्य स्तरीय संयुक्त समिति ने आज अपनी मांगों के समर्थन में प्रदर्शन किया और राज्यपाल के माध्यम से केंद्र सरकार को एक ज्ञापन भेजा। केंद्र सरकार के देहरादून स्थित विभिन्न सरकारी दफ्तरों के कर्मचारी आज गांधी पार्क में एकत्र हुए और जोरदार प्रदर्शन किया। इन कर्मियों का कहना था कि केंद्र सरकार की गलत नीतियों की वजह से खासा नुकसान हो रहा है। संगठन की ओर से लगातार प्रयास किया जा रहा है। लेकिन केंद्र सरकार उनकी कोई बात सुनने को तैयार नहीं है। वक्ताओं ने कहा कि अगर केंद्र सरकार का यही रुख रहा तो आने वाले समय में पूरे देश में व्यापक आंदोलन छेड़ दिया जाएगा। बाद में समिति की ओर राज्यपाल को एक ज्ञापन भेजा गया है। इस ज्ञापन में समिति ने अपनी दस सूत्रीय मांगों को फिर से दुहराते हुए केंद्र सरकार से सकारात्मक फैसला लेने का आह्वान किया गया है।
ग्राम प्रधान ने डीएम को दिया ज्ञापन
देहरादून,10 अप्रैल (निस)। एक ग्राम प्रधान ने जिलाधिकारी को एक ज्ञापन देकर उसके खिलाफ की गई शिकायत को निराधार बताते हुए शिकायतकर्ता के कारनामों की जांच की मांग की है। ग्राम सभा गजियावाला के प्रधान राकेश शर्मा ने जिलाधिकारी को एक ज्ञापन दिया है। इसमें कहा गया है कि जिला पंचायत के एक पूर्व सदस्य ने उसके खिलाफ एक शिकायत की है। इसके आधार पर कई लोगों को प्रशासन ने नोटिस जारी कर दिए हैं। ज्ञापन में कहा गया है कि वास्तविकता इसके एकदम विपरीत है। शिकायतकर्ता ने खुद ही कई सरकारी जमीनों पर कब्जा कर रखा है। इसी व्यक्ति की सरकार में रसूखदार लोगों में गहरी पैठ है। इसका फायदा उठाकर तमाम गलत काम करवाए जा रहे हैं। गांव में गुणवत्ता विहीन बनाई गई चाहारदीवारी खुद ही ध्वस्त हो गई। लेकिन शिकायतकर्ता ने अपनी पहुंच के चलते इसे आपदा में क्षतिग्रस्त दर्शा दिया। अब लाखों रुपये की लागत से फिर निर्माण कराया जा रहा है। प्रधान ने इस पूरे मामले की जांच कराने के साथ ही तहसीलदार की ओर से कई लोगों को जारी नोटिस वापस लेने की मांग की है।
आखिर क्या है धामी पर हमले का सच सीएम हरीश की फटकार के बाद वापस ली एफआईआर
देहरादून,10 अप्रैल (निस)। वन विकास निगम के अध्यक्ष पूर्व विधायक हरीश धामी पर कथित हमले का रहस्य गहराता जा रहा है। बताया जा रहा है कि मामला संज्ञान में आने के बाद मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इस प्रकरण में शामिल लोगों को कड़ी फटकार लगाई। इसके बाद ही धामी के वाहन चालक की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर वापस ले ली गई। विगत बुधवार की शाम दाबका नदी क्षेत्र में अवैध खनन की जांच करने गए निगम अध्यक्ष हरीश धामी ने खुद पर हमले की बात की थी। इतना ही नहीं कथित रूप से अपने बचाव में अपनी लाइसेंसी पिस्टल से फायरिंग भी की। इस दौरान कथित रूप से धामी के वाहन को उड़ाने की कोशिश करने वाले डंपर के चालक को बुरी तरह से पीटा गया। इसके बाद धामी के वाहन चालक की ओर से डंपर चालक के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई गई थी। कैबिनेट मंत्री दर्जा वाले एक ताकतवर नेता पर जानलेवा हमले की इस कथित कोशिश से प्रदेश में हड़कंप मच गया। उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि मामले की जानकारी होने पर मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने स्तर से इसकी पड़ताल कराई तो असलियत कुछ और ही निकली। बताया जा रहा है कि इसके बाद सीएम हरीश ने अपना रुख बेहद कड़ा कर लिया और इस मामले में लिप्त नेताओं को कड़ी फटकार लगाई। सूत्रों ने बताया कि इसके बाद ही आनन-फानन में हरीश धामी के वाहन चालक की ओर से दर्ज एफआईआर को वापस लिया गया। ऐसे में अब बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि आखिर इस पूरे घटनाक्रम की असलियत क्या है। आखिर पहले क्यों हमले की बात करके रिपोर्ट दर्ज कराई गई और फिर उसे वापस ले लिया गया। माना जा रहा है कि इस घटनाक्रम के मूल में रामनगर क्षेत्र में खनन पर वर्चस्व को लेकर दो गुटों के बीच चल रही जंग ही है। अब देखने वाली बात यह भी होगी कि झूठी रिपोर्ट लिखाने वाले धामी के वाहन चालक के खिलाफ पुलिस क्या एक्शन लेती है।
सौरभ से आज हो सकती है पूछताछ, रूबी को लेकर मसूरी पहुंची एसआईटी
देहरादून,10 अप्रैल (निस)। दस रोज से छिपते घूम रहे एलबीएस के उप निदेशक सौरभ जैन से एसआईटी आज पूछताछ कर सकती है। एसआईटी रूबी को लेकर शुक्रवार दोपहर मसूरी पहुंच गई है। तमाम गंभीर आरोपों के बाद भी एसआईटी ने उप निदेशक सौरभ जैन से अब तक पूछताछ नहीं की है। घटनाक्रम में नाम आने के बाद से ही सौरभ भूमिगत जैसी स्थिति में हैं। मीडिया तमाम कोशिशों के बाद भी उनसे नहीं मिल पा रही है। रूबी के परिजन भी लगातार जैन से पूछताछ न होने पर रोष जता रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि एसआईटी शुक्रवार की दोपहर में रूबी को लेकर मसूरी पहुंच गई। पहले तो उस दुकान से पूछताछ की गई जहां से रूबी ने अफसरों वाली ड्रेस खरीदी थी। सूत्रों का कहना है कि एसआईटी आज सौरभ जैन से इस मामले में पूछताछ कर सकती है। वैसे भी रूबी की ओर से सौरभ के खिलाफ दी गई तहरीर को एसआईटी ने जांच का हिस्सा बना लिया है।
पुलिस ने नीरज बवाना की निषानदेही पर बरामद किये लूटे गये हथियार
देहरादून,10 अप्रैल (निस)। भूरा को भगाने के आरोपी नीरज बवाना से दिल्ली व उत्तराखण्ड पुलिस की संयुक्त टीम ने पुलिस कर्मियों से लूटे गये हथियार बरामद किये हैं। पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि स्पेषल सेल दिल्ली पुलिस द्वारा अभियुक्त नीरज बवाना को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस कस्टडी रिमाण्ड के दौरान नीरज बवाना से उत्तराखण्ड पुलिस व स्पेशल सेल दिल्ली पुलिस की संयुक्त टीम ने संयुक्त रूप से गहन पूछताछ की गई व बीती रात्रि में उसकी निशानदेही पर उत्तराखण्ड पुलिस के कर्मियों से लूटी गई एक ए-के 47 रायफल व एक एस0एल0आर0 रायफल नीरज बवाना के प्लाट गली न0 06 विजय नगर कालोनी दिल्ली नहर के पास प्लाट से खोदकर बरामद करने में सफलता प्राप्त हुई है। नीरज बवाना ने पूछताछ में बताया है कि उक्त हथियारो को प्लाट में खोदकर रखते समय उसका एक रिश्तेदार व अमित भूरा भी साथ में थे। संयुक्त पुलिस टीम में उत्तराखण्ड पुलिस के उप निरीक्षक मोहम्मद यासीन व उप निरीक्षक नरेन्द्र बिष्ट तथा निरीक्षक उमेश बडथवाल व कैलाश बिष्ट स्पेशल सेल, लोधी कालोनी दिल्ली पुलिस सम्मिलित थे। उल्लेखनीय है कि जनपद बागपत (उ0प्र0) में पेशी पर ले जाये गए अभियुक्त अमित भूरा को उत्तराखण्ड पुलिस कर्मियों की अभिरक्षा से छुडाकर ले जाते समय दो ए-के-47 व एक एसएलआर लूट ली गई थी, जिनमें एक ए-के 47 रायफल उत्तराखण्ड पुलिस व दिल्ली पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा गिरफतार किये गये अभियुक्त अरविन्द रोहिला की निशानदेही पर पूर्व में ही बरामद किया जा चुका है।
सरमायेदारों के फायदे के लिए भू-अध्यादेष लाया जा रहा हैः हरीष रावत
- राज्य में हुई भारी वर्शा से हुई फसलोें के नुकसान का मामला रैली में उठेगा: किषोर
देहरादून,10 अप्रैल (निस)। मुख्यमंत्री श्री हरीष रावत ने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार में हर वर्ग की उपेक्षा हो रही है विषेशकर किसानों की दुर्दषा हो रही है। उन्होंने कहा कि एस.सी. एस.टी. के आरक्षण के मामले में भी पूर्व की कांग्रेस सरकार द्वारा पास कानून पर भी रोक लगा दी गई है। कांग्रेस सरकार द्वारा लाये गये भूमि अधिग्रहण कानून में तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष सुशमा स्वराज सहमत थी परन्तु आज जब केन्द्र में भाजपा की सरकार है तो उसी कानून पर अध्यादेष लाकर उसे बदलने की कोषिष की जा रही है। एक बार अध्यादेष की अवधि समाप्त होने के उपरान्त पुनः सरमायेदारों के फायदे के लिए अध्यादेष लाया जा रहा है। कांग्रेस पार्टी भाजपा के भूमि अधिग्रहण अध्यादेष का पुरजोर विरोध करती है। उन्होंने कहा कि यह रैली कांगे्रस पार्टी का टर्निंग प्वाइंट है हमें इस रैली को 1978 की रैली की भंाति कामयाब करना है। प्रदेष अध्यक्ष श्री उपाध्याय ने सभी कांग्रेस नेताओं का आह्रवान किया कि इमें उत्तराखण्ड राज्य से इस रैली में अधिक से अधिक भागीदारी दर्ज करनी है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य में हुई भारी वर्शा से हुई फसलोे का मामला भी इस रैली में उठाया जायेगा। उन्हेांने कहा कि कांग्रेस पार्टी सदैव किसानों की हितैशी रही है तथा उसने हमेंषा किसानों, मजदूरों, गरीबों के हित में अनेक दीर्घकालीन फैसले लिये हैं परन्तु मोदी सरकार ने जनता को अच्छे दिनों का झांसा देकर वोट तो ले लिए पर आज भूमि अधिग्रहण जैसे काले अध्यादेष लाकर कुछ विषेश वर्ग के लोगों के हितों के लिए काम कर रही है। बैठक को बोलते हुए सहप्रभारी संजय कपूर ने कहा कि यू.पी.ए. सरकार हटने के बाद यह किसानों के हित में पहली रैली है। वर्तमान केन्द्र सरकार के कारनामों से गरीब किसान परेषान है। सरकार कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने का काम कर रही है। उन्हेांने कहा कि हमें एकजुट होकर इस रैली को सफल बनाना है। प्रदेष कांग्रेस प्रवक्ता मथुरादत्त जोषी ने बताया कि 19 अपै्रल को होने वाली रैली के लिए बुलाई गई बैठ में सभी कांग्रेसजनों ने अपने-अपने सुझाव दिये। उन्होने बताया कि कांग्रेस पार्टी द्वारा 19 अपै्रल, को रामलीला मैदान दिल्ली में आयोजित खेत मजदूर किसान रैली की सफलता के लिए उत्तराखण्ड प्रदेष कांग्रेस कमेटी द्वारा प्रदेष अध्यक्ष श्री किषोर उपाध्याय की अध्यक्षता एवं मुख्यमंत्री श्री हरीष रावत एवं सहप्रभारी संजय कपूर की उपस्थिति में पार्टी के सभी मंत्रीगणों, विधायकगणों, विधानसभा चुनाव 2012 के विधानसभा प्रत्याषियों, जिला पंचायत अध्यक्षों, ब्लाक प्रमुखों, जिला,षहर,ब्लाक,नगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्षगणों, प्रदेष कांग्रेस कमेटी के नव नियुक्त पदाधिकारीगणों, नगर पालिका, नगर पंचायत के अध्यक्षगणों, नगर निगम के पार्शदों, राज्य सरकार में विभिन्न दायित्वधारियों की बीजापुर राज्य अतिथिगृह देहरादून में एक आवष्यक बैठक का आयोजन किया गया था। बैठक में उपस्थित लोगों का स्वागत करते हुए प्रदेष अध्यक्ष किषोर उपाध्याय ने सभी कांग्रेसजनों से उनसे सुझाव आमंत्रित किये। बैठक को कांग्रेस नेता विजय सारस्वत, डाॅ0 के.एस. राणा, विधायक हीरा सिंह बिश्ट, सुबोध उनियाल, मदन सिंह बिश्ट, राजकुमार, उमेष षर्मा, प्रणव सिंह चैम्पियन, रामसिंह कैड़ा, सुरेन्द्र रावत, नत्थीलाल साह, नारायण सिंह बिश्ट, राव अफाक, यामीन अंसारी, घनानन्द नौटियाल, राम पाण्डे, जगदीष धीमान, गोपाल चमोली, खजान पाण्डे, भुवन कापडी, मनोहर लाल षर्मा, विनोद चैहान, रामकुमार वालिया, काजी निजामुद्दीन, विमला सजवाण, सरोजनी कैन्तूरा, ष्याम सिंह चैहान, आनन्द रावत, भगीरथ भट्ट, ममता गुरूंग, स0 साहब सिंह, महेन्द्र सिंह पाल, कुंवर सिंह यादव, रामविलास रावत, राजवीर ंिसह आदि नेताओं ने भी संबोधित किया।
मुख्यमंत्री ने किये गाडू घड़ी के दर्षन
देहरादून,10 अप्रैल (निस)। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने ऋषिकेश स्थित चेला चेतराम धर्मशाला में भगवान बदरी विशाल की मूर्ति के अभिषेक के लिए प्रयुक्त किए जाने वाले पवित्र तेल कलश ‘‘गाडू घड़ी’’ के दर्शन किए और भगवान बदरी विशाल से उŸाराखण्ड की खुशहाली की कामना की। उन्होंने पवित्र कलश यात्रा को दूसरे पड़ाव श्रीनगर के लिए रवाना किया। इस अवसर पर विधानसभा उपाध्यक्ष अनुयूसा प्रसाद मैखुरी, केबिनेट मंत्री डा.हरक सिंह रावत, सुरेंद्र सिंह नेगी सहित अन्य गणमान्य व श्रद्धालुगण मौजुद थे।

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