'मेक इन इंडिया' लूट का निर्लज्ज न्योता : दीपांकर भट्टाचार्य - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 31 मई 2015

'मेक इन इंडिया' लूट का निर्लज्ज न्योता : दीपांकर भट्टाचार्य

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भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्‍सवादी-लेनिनवादी) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने यहां रविवार को कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था पर आक्रामक नीतिगत हमले शुरू कर दिए हैं। 'मेक इन इंडिया' विदेशी पूंजीपतियों को भारत के प्राकृतिक और मानवीय संसाधनों की लूट का निर्लज्ज न्योता है।कैसरबाग स्थित गांधी प्रेक्षागृह में भाकपा (माले) के दो दिवसीय अखिल भारतीय कार्यशाला के अंतिम दिन भट्टाचार्य ने कहा कि पूर्ण बहुमत के रथ पर चढ़ी मोदी सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था पर आक्रामक नीतिगत हमले शुरू कर दिए हैं। सरकार के भूमि हड़प अध्यादेश का व्यापक विरोध हुआ है और होता रहेगा। भीषण फसल तबाही और अनवरत कृषि संकट से उबारने में सरकार नाकाम रही है।  भट्टाचार्य ने कहा कि मोदी सरकार बहुत जल्दी कार्पोरेट और अमीरों की सरकार के रूप में कुख्यात हो गई है। कालाधन वापस लाने, महंगाई घटाने और अच्छे दिन के वादे वाकई 'जुमले' साबित हुए हैं। 

उन्होंने कहा कि अभी एक वर्ष पहले तक मोदी लहर 'सर्वग्रासी' लग रही थी लेकिन एक साल बाद ही वास्तविकता कुछ और दिखी। महंगाई से लेकर हर मोर्चे पर विफल इस सरकार के खिलाफ जनाक्रोश तेज हो रहा है और देश में बड़े संघर्षो की परिस्थितियां बन रही हैं। दूसरी ओर भाजपा अपनी नाकामियों पर परदा डालने के लिए ऐसी उपलब्धियों का प्रचार करने में लगी है, जिनका फायदा किसी को महसूस ही नहीं हो रहा है। भट्टाचार्य ने कहा कि नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रियों का भाषण लोग 'बेमन' से सुन रहे हैं। लोग समझ रहे हैं कि इस सरकार की कथनी और करनी में जमीन आसमान का फर्क है, जिसके कई उदाहरण सामने आए हैं और कई आना अभी बाकी हैं। 

उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि हर कार्यकर्ता को सचेत भूमिका में आना होगा और पार्टी का योजनाबद्ध विस्तार करना होगा। उन्होंने आंदोलनों की बरंबारता, बूथ स्तर पर संगठन को मजबूत बनाने और पार्टी में महिलाओं, मजदूरों, नौजवानों, किसानों, बुद्धिजीवियों की तादाद बढ़ाने पर जोर दिया। कैसरबाग स्थित गांधी प्रेक्षागृह में आयोजित कार्यशाला के अंतिम दिन तीन सत्रों में पार्टी संगठन और 28 जुलाई 2014 को लिए गए कार्यभारों के क्रियान्वयन पर बातचीत हुई। इसके अलावा कार्यशाला में पार्टी संगठन, जनसंगठनों और पहलकदमियों को मजबूत करने के साथ-साथ वाम दलों के साथ संयुक्त कार्यवाहियों और अखिल भारतीय लोकतांत्रिक मंच के गठन और उसकी गतिशीलता बढ़ाने पर चर्चा की गई।

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