बिहार : पंचायत रोजगार सेवक को पंचायत सचिव बनाने को लेकर आंदोलन तेज - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 23 मई 2015

बिहार : पंचायत रोजगार सेवक को पंचायत सचिव बनाने को लेकर आंदोलन तेज

  • चुनाव पूर्व पंचायत रोजगार सेवकों की मांग पूरा करें सरकारः संघ
  • आज अर्थी जुलूस निकाले पंरोसे

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पटना। यूपीए सरकार ने राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम( नरेगा) को लागू किया। आरभ्म में नरेगा को कुछ ही जिले में लागू किया गया। तब बिहार सरकार ने नरेगा की तर्ज पर ही अपने संसाधन से शेष जिलों में लागू किया। बाद में यूपीए सरकार ने संपूर्ण देश में लागू किया। इसके बाद नरेगा के नाम में संशोधन करके महात्मा गाँधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) नामकरण कर दिया गया। 

इस समय लोग चुस्की लेकर कहते हैं कि ‘मनरेगा’ मार देगाः यह चुस्की सही साबित हो रहा है। मनरेगा के नियम-कानून से पूर्व में मजदूर और अब पंचायत रोजगार सेवक (पंरोसे) मरने को बाध्य हो रहे हैं। अभी धूप में आंदोलन करके गर्मी में पंरोसे मर रहे हैं। प्रत्येक दिन विभिन्न तरह के आंदोलन करने को बाध्य हो रहे हैं। आज अर्थी जुलूस निकाले। इस सिलसिल में पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के जनता दरबार में जाकर गुहार लगाए। इनका कहना है कि चुनाव में फतह मिलने के बाद पंरोसे की मांग को पूर्ण कर देंगे।  

क्या है पंरोसे की मांग: बी.सी.सी.ई.से विधिवत परीक्षा,साक्षात्कार एवं चिकित्सकीय जांच के उपरांत वर्ष 2007 में बिहार में पंचायत रोजगार सेवकों की बहाली की गई। इनका दुर्भाग्य यह रहा कि विज्ञापन और साक्षात्कार के समय बताया नहीं गया कि पंचायत रोजगार सेवक का पद मिलेगा। उसी विज्ञापन और साक्षात्कार के बाद अन्य कुछ लोगों को पंचायत सचिव बना दिया गया। इनको राज्यकर्मी घोषित कर मोटी रकम थमा दी गयी। अभी लोग मौज मस्ती के समंदर में समा गए हैं। वहीं शेष लोगों को पंरोसे बनाकर नरेगा में ढकेल दिया गया। 2 साल के संविदा होने के बावजूद सरकार अभी तक लगातार 8 साल से काम ले रही है। अभी मानदेय के रूप में 6 हजार रूपए देय है। 

मंत्री स्तर के लोगों के द्वारा पंचायत सचिव बनाने का आश्वासन दिया गयाः कई बार आयोजित कार्यक्रमों के दौरान मंत्री महोदय के द्वारा आश्वासन दिया गया कि आप पंचायत रोजगार सेवकों को पदोन्नत करके पंचायत सचिव बना दिया जाएगा। जरूर ही मंत्री महोदय आश्वासन दिए।मगर पूरा नहीं कर सके। इसके कारण पंरोसे आंदोलन करने को बाध्य हो रहे हैं। 

अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहल करें: करीब 8 हजार से अधिक की संख्या में पंरोसे हैं।प्रभावित लोगों के परिवार वालों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आग्रह किए हैं कि आंदोलनकारियों की एकमात्र मांग है कि उनको पंचायत सचिव बना दें। आग्रह किए हैं कि चुनाव के पहले पंरोसे की मांग पूरा कर दें।


आलोक कुमार
बिहार 

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