उत्तराखंड की विस्तृत खबर (07 मई) - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 7 मई 2015

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (07 मई)

सात दिन में ही दम तोड़ती दिख रही नई एफएल-2 की नीति, न शराब मयस्सर और न ही मिल रहा राजस्व
  • सूबे भर में खाली पड़ी है फुटकर शराब की अधिकांश दुकानें, लक्ष्य के आधार पर अब तक 35 करोड़ के राजस्व की हानि

देहरादून। सरकार की बहुप्रचारित थोक शराब की एफएल-2 नीति सात दिनों में ही दम तोड़ती दिख रही है। फुटकर शराब की दुकानें खाली पड़ी है और जो ब्रांड उपलब्ध भी हैं, उनकी मनमानी कीमतें वसूली जा रही हैं। एक अहम बात यह है कि इससे सरकार को राजस्व का भी नुकसान हो रहा है। आबकारी विभाग के शराब की बिक्री से होने राजस्व के लक्ष्य के अनुसार इन सात दिनों में 35 करोड़ के राजस्व की हानि हो चुकी है। तमाम विरोध और अफसरों को नेगेटिव नोटिंग के बाद भी मुख्यमंत्री हरीश रावत ने खुद पहल करके थोक शराब की बिक्री के लिए एफएल-टू की नई नीति लागू करवाने में सफलता हासिल कर ही ली। इस नई नीति को लेकर सरकार की ओर से तमाम बड़े-बड़े दावे किए गए। कहा गया कि इससे राजस्व में खासा इजाफा होगा ही, सूबे के लोगों को बढिया शराब मयस्सर हो सकेगी। अपने इस दावे के पक्ष में सरकार की ओर से समाचार पत्रों में तमाम विज्ञापन भी छपवाए गए। अब एक मई से नई नीति लागू हो चुकी है। गुजरे सात दिनों में दिखा नजारा यह कहने के लिए पर्याप्त है कि यह नई नीति फ्लाप साबित हो रही है। आलम यह है कि इस मामले में अब तक न तो मंडी परिषद कोई खाका तैयार कर सकी है और न जीएमवीएन और केएमवीएन। हालात ये हैं कि प्रदेश के सभी जिलों में खुली फुटकर शराब बिक्री की दुकानें पूरी तरह से खाली पड़ी है। कोई शराब कंपनी एफएल-2 को शराब देने के लिए तैयार ही नहीं है। आलम यह है कि दुकानों में चंद ब्रांड ही उपलब्ध हैं। ये भी सामान्य ब्रांड ही हैं। इनकी भी मनमानी कीमतें वसूली जा रही हैं। दुकानों पर ज्यादा कीमत को लेकर आए दिन मयकशों और दुकानदारों के बीच विवाद हो रहा है। इसका एक दूसरा पहलू सीधे तौर पर सरकारी खजाने से जुड़ा है। शराब की बिक्री होने पर सरकारी खजाने में पैसा आता है। अब जब शराब है ही नहीं तो बिकेगी कहां से और बिकेगी नहीं तो खजाने में पैसा कौन दे देगा। एक अनुमान के अनुसार इन सात दिनों में सरकार को 35 करोड़ के राजस्व का सीधा नुकसान हो चुका है। आबकारी विभाग ने इस साल शराब की बिक्री से राजस्व पाने का लक्ष्य 1800 करोड़ तय किया है। इस लिहाज से एक दिन में पांच करोड़ रुपये सरकारी खजाने में आने हैं। सात दिनों में माल की बिक्री ही नहीं हो रही है तो खजाने में पैसा आएगा कहां से।

हाईकोर्ट में सुनवाई कल
नई एफएल-2 नीति को कुछ लोगों ने हाईकोर्ट में भी चुनौती दी है। सूत्रों ने बताया कि इस मामले में शुक्रवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हो सकती है। सूत्रों ने बताया कि इस मामले में हो रही हीलाहवाली की एक वजह हाईकोर्ट में दाखिल याचिका भी है। अगर हाईकोर्ट ने नई नीति पर कोई नया फैसला दिया तो तमाम तैयारियां धरी रह जाएंगी। यही वजह है कि शराब कंपनियां अभी मंडी परिषद से कोई समझौता नहीं कर रही हैं।

बढ़ रही है कालाबाजारी
भले ही दुकानों पर शराब उपलब्ध नहीं है। लेकिन शौकीन लोग कहीं न कहीं से अपने मनपसंद ब्रांड की जुगाड़ कर ले रहे हैं। यह अलग बात है कि उन्हें इसकी ज्यादा कीमत चुकानी पड़ रही है। यह शराब दूसरे प्रांतों से तस्करी करके लाई जा रही है। दूसरी तरफ आर्मी कैंटीन में शराब का हर ब्रांड उपलब्ध हैं। ऐसे में इस शराब की कालाबाजारी भी बढ़ने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। 

हरिद्वार को 329 स्कूलों में मिलेंगे शौचालय: डाॅ0 निशंक

देहरादून, 7 मई (निस)। आज सरकारी आश्वासनों संबंधी समिति के सभापति, हरिद्वार से लोकसभा सांसद एवं उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ0 रमेश पोखरियाल निशंक ने हरिद्वार लोक सभा क्षेत्र में स्वच्छ भारत अभियान के तहत 329 विद्यालयों में शौचालय निर्माण कराए जाने की जानकारी दी। ज्ञातव्य है कि डा. निशंक ने हरिद्वार क्षेत्र में विद्यालयों को शौचालय उपलब्ध कराने हेतु सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से कई बार आग्रह किया था। डाॅ. निशंक ने शौचालय निर्माण अभियान में केन्द्रीय उर्जा मंत्री श्री पीयूष गोयल का विशेष धन्यवाद करते हुए आशा प्रकट की कि उनके कुशल नेतृत्व में उर्जा, कोयला और नवीकरणीय उर्जा मंत्रीलय से जुड़ी सभी संस्थाएं उत्तराखण्ड के विकास के लिए अभिनव योजनाए लाएंगी। डाॅ. निशंक ने श्री गोयल का उत्तराखण्ड में फोटो वोल्टाइक उर्जा संयंत्रों के विकास की परियोजना के तहत उर्जा संयंत्रों हेतु 30 करोड़ रूपये आवंटित करने पर भी आभार जताया। डाॅ. गोयल ने डाॅ. निशंक को बताया कि उत्तराखण्ड संस्थाओं में संवितरण किए जाने के लिए भारतीय सौर उर्जा निगम को 12 करोड़ की पहली किश्त दी जा चुकी है। डाॅ0 निशंक ने इस अवसर पर उत्तराखण्ड क्षेत्र में कार्य कर रही विभिन्न सरकारी और निजी संस्थाओं से स्वच्छता अभियान में बढ़ चढ़कर भाग लेने का आह्वान किया। 

मंडी परिषद को शराब का लाइसेंस देना मंडी एक्ट के खिलाफः भट्ट

देहरादून, 7 मई (निस)। नेता प्रतिपक्ष उत्तराखंड विधानसभा अजय भट्ट ने कहा कि मण्डी परिषद को एफ0एल0-2 का लाइसेंस दिया जाना गलत है। मंडी परिषद को एफएल-2 का लाइसेंस दिए जाने संबंधी शासनादेश जारी कर सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि अब कृषि कार्यों के लिए गठित मण्डी परिषद एवं पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए गठित कुमांऊ मंडल विकास निगम और गढ़वाल मंडल विकास निगम पर्यटन के विकास के बजाय शराब बेचेंगे। उन्होंने कहा मंडी परिषद को शराब का काम दिया जाना मंडी एक्ट के खिलाफ है।  नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार ने अपने शासनादेश के बिन्दु सं0 4 में स्पष्ट लिखा है कि मण्डी परिषद द्वारा अपनी व्यवस्था के सुचारू संचालन के लिए ऐसी कोई भी व्यवस्था की जा सकती है, जो व्यावसायिक दृष्टि से व्यावहारिक हो, इसका मतलब भी स्पष्ट है कि बैंक डोर से अथवा परोक्ष रूप से शराब माफियाओं को लाभ पहँुचाने के उद्देश्य से ही मण्डी परिषद इस तरह का व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनायेगा। प्रदेश के मुखिया को आबकारी विभाग जिसे वे स्वयं देख रहे हैं द्वारा उनके जन्म दिवस पर एफ0एल0-2 का तोहफा दे दिया गया। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सम्पूर्ण आबकारी नीति 1 साल की है और मुख्यमंत्री ने एफ0एल0-2 की नीति को 5 वर्ष के लिए दे दिया है। इससे भी स्पष्ट होता है कि इसमें बड़ी मात्रा में लेन-देन हुआ है, जिसकी प्रतिपूर्ति करने में कम से कम 5 वर्ष लगेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार आबकारी नीति जारी करने के लिए सत्र से पूर्व कैबिनेट में प्रस्ताव लायी लेकिन सत्र में विपक्ष द्वारा आबकारी विभाग को माफियाओं के हाथों को सौंपने का विरोध होने के कारण आबकारी नीति को स्थगत कर विधानसभा सत्र के बाद पास कराया। यदि सरकार की मंशा कु0मं0वि0नि0 और ग0मं0वि0नि0 को पर्यटन के क्षेत्र में आपदा के बाद हुए नुकसान की भराई के लिए एफ0एल0-2 का कार्य देने की थी तो सरकार सीधे इन निगमों को कार्य देती बीच में मण्डी परिषद को लाने की क्या आवश्यकता थी। उन्होंने कहा कि मण्डी परिषद को एफ0एल0-2 देकर, इन दोनों निगमों को सरकार ने एक तरह से लाॅलीपाॅप दिखा दिया और मण्डी परिषद के माध्यम से शराब माफियाओं को पूरी छूट देकर उनके लिए लूट-खसोट के रास्ते खोल दिये हैं। श्री भट्ट ने कहा कि राज्य का राजस्व प्रतिवर्ष लगभग 20 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है तो फिर मुख्यमंत्री द्वारा एफ0एल0-2 कम्पनियों को 5 साल तक के लिए वर्तमान समय से ही इसी राजस्व पर यानि 1.25 करोड़ प्रतिवर्ष के हिसाब से एफ0एल0-2 अनुज्ञापन देने की बात कही गयी है। मतलब यह है कि सरकार ने इससे सरकारी खजाने पर भी चूना लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। क्योंकि इससे सरकारी खजाने में प्रतिवर्ष के हिसाब से राजस्व की कोई बढ़ोत्तरी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि बिन्दु सं0 4 में सरकार द्वारा मण्डी परिषद को अपनी व्यवस्था के अनुसार कार्य संचालन हेतु कोई भी व्यवस्था करने की छूट देने का मतलब है कि वह उन्हें अपना पार्टनर बनायेगी जिनसे लेन-देन हुआ है। यहाँ भी प्रश्न चिन्ह लगता है कि यदि मण्डी परिषद स्वयं एफ0एल0-2 हेतु सक्षम नहीं था तो उसे कार्य दिया ही क्यों और यदि मण्डी परिषद सक्षम है तो किसी और को पार्टनर बनाकर क्या व्यवहारिकता दिखाना चाहते हैं।

पहाड़ की चोटियों पर गांवों की पेयजल किल्लत को लेकर सरकार नहीं संजीदा, प्यासे ग्रामीणों को पिला रहे झूठे दावों की घुट्टी
  • ग्रेविटी आधारित योजनाओं ने दे दिया है जवाब, सालभर पानी की किल्लत से जूझ रहे ग्रामीण
  • समस्या के समाधान को कोई नहीं ले रहा रुचि

पौड़ी,7 मई (निस)। पेयजल मंत्री भले ही यह दावा कर रहे हों कि वह डोली यात्राओं में मस्त भी रहेंगे तो भी प्रदेशवासी पेयजल किल्लत से त्रस्त नहीं होंगे। लेकिन हकीकत इसके ठीक उलट है। ग्रेविटी आधारित योजनाओं के जवाब देने के बाद अब पंपिंग योजनाओं पर ही पहाड़ की चोटियों पर बसे गांवों की पेयजल जरूरतों को पूरा करने की उम्मीद टिकी है। लेकिन इन योजनाओं को तय समय पर पूरा करने को लेकर न तो मंत्री, विधायक ही संजीदा है और न ही विभागीय अधिकारी। पौड़ी जनपद के विकासखंड कल्जीखाल की मनियारस्यूं पूर्वी व पश्चिमी पट्टी की करीब दस दर्जन बस्तियां वर्ष भर पेयजल संकट से जूझती हैं। इन गांवों को पेयजल मुहैया कराने के लिए चिनवाड़़ी डांडा पंपिंग पेयजल योजना का प्राक्कलन पेयजल निगम की पौड़ी प्रकल्प शाखा द्वारा करीब आठ वर्ष पूर्व तैयार कर दिया गया था। हाल ही में निगम द्वारा इस योजना के लिए करीब 26 करोड़ का संशोधित प्राक्कलन तैयार किया गया। लेकिन विभागीय कयावदें फाइलों में ही चक्कर काट रही हैं। पेयजल एवं निर्माण निगम की पौड़ी शाखा के अधिशासी अभियंता के मुताबिक इस बारे में तमाम औपचारिकताएं पूरी कर शासन को भेजी जा चुकी हैं। लेकिन क्षेत्र की जनता विधायक व निगम के अधिकारियों के खोखले दावों से आजिज आ चुकी है। पूर्व के अनुभव को देखते हुए स्वीकृत हो चुकी कोला पातल पंपिंग योजना का निर्माण कब शुरू होगा इसे लेकर संशय बना हुआ है। वहीं दो वर्ष स्थापित की गई महत्वाकांक्षी कल्जीखाल की मुंडेश्वर पंपिंग योजना अपने पहले ही पायदान पर जवाब देने लगी है। इस योजना से जुड़े गांवों के ग्रामीण अभी भी अनियमित जलापूर्ति से परेशान हैं। योजनाओं में हुई गड़बडि़यों की जांच पौड़ी के उपजिलाधिकारी सदर पीएल शाह ने की तो अनेक अनियमितताओं का खुलासा हुआ। वहीं इसी ब्लाक की ज्वाल्पा देवी पंपिंग योजना भी अब आखिरी सांसे गिनने की कगार पर पहुंच गई है। वहीं जिले की निर्माणाधीन डांडानागराजा पंपिंग पेयजल योजना का हाल भी इससे इतर नहीं है। 

प्रवासी विधायक मंद्रवाल के दावे हवाई
स्थायी रूप से देहरादून में रहने वाले पौड़ी सुरक्षित विधानसभा के विधायक सुंदरलाल मंदवाल ने बीते नवंबर माह में चिनवाड़ी डांडा पंपिंग पेयजल योजना की स्वीकृति का दावा किया था। लेकिन इसके बाद जमीनी कार्रवाई शुरू न होने पर जब इस वर्ष फरवरी में इस योजना के बावत पूछा गया तो उनके जनसंपर्क अधिकारी दिनेश डोभाल ने मार्च तक योजना को स्वीकृति मिलने की बात कही। मार्च में फिर जब जानकारी चाही गई तो कह दिया गया कि एक दो महीने में स्वीकृति मिलने की उम्मीद है। ऐसे में क्षेत्र की जनता का अपने विधायक के दावों पर विश्वास पूरी तरह उठ चुका है। क्षेत्रीय जनता की सबसे बड़ी मुसीबत यह है वर्ष में कभी कभार क्षेत्र में पहुंचने वाले बुजुर्ग विधायक से सवाल करें भी तो कैसे। गौरतलब है कि दो वर्ष पूर्व चिनवाड़ी डांडा पंपिंग योजना की स्वीकृति की मांग को लेकर धरने पर बैठे ग्रामीणों ने विधायक के आश्वासन पर ही आंदोलन स्थगित किया था।

सिंचाई भूमि पर बनाये गये अवैध मकानों को एचआरडीए ने किया सील

हरिद्वार, 6 मई (निस) । सिंचाई विभाग की भूमि पर कब्जा कर बनायी दुकानों को एचआरडीए ने सील कर दिया है। जमीन पर आरटीआई व अवैध वसूली के लिए मशहूर एक पत्रकार द्वारा कब्जाकर निर्माण करवाया गया था। एचआरडीए सचिव निधि यादव का कहना है कि अवैध निर्माण के खिलाफ ध्वस्तीकरण की कार्यवाही की जायेगी। प्राप्त जानकारी के अनुसार कुछ वर्ष पूर्व आरटीआई व अवैध वसूली के लिए मशहूर एक पत्रकार ने ज्वालापुर पांवधोई में सिंचाई विभाग के एक बड़े भूखण्ड पर कब्जा किया था। बताते हैं कि कुछ दिन पूर्व कथित पत्रकार ने उस पर कुछ दुकानों का निर्माण बिना एचआरडीए की अनुमति कि निर्माण कर लिया। अर्वध निर्माण पर सख्त हुए एचआरडीए ने कार्यवाही करते हुए बीते रोज दुकानों को सील कर दिया। एचआरडीए सचिव निधि यादव का कहना है कि अवैध निर्माण किये जाने पर सील की कार्यवाही की गई है। सील की कार्यवाही के बाद अब विभाग अवैध निर्माण के ध्वस्तीकरण की कार्यवाही भी करेगा। बताया जाता है कि अवैध निर्माण पर सील की कार्यवाही किये जाने के बाद से पत्रकार परेशान है तथा वह सील खुलवाने तथा ध्वस्तीकरण न हो इसके लिए अधिकारियों के आगे हाथ-पांव मार रहा है। बता दें कि शहर में अवैध निर्माण की इन दिनों बाढ़ आई हुई। विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत के चलते अवैध निर्माण करने वालों के हौंसले बुलंद हैं। पंचपुरी के हर क्षेत्रा में अवैध निर्माण बेरोकटोक जारी है। बताया जाता है कि विभाग शीघ्र ही भूपतवाला में भी बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण पर सील की कार्यवाही करने वाला है। विभाग के पास ऐसे दर्जनों अवैध निर्माण के मामले हैं जिन पर कार्यवाही होनी है। अवैध निर्माण पर सील की कार्यवाही से अवैध निर्माण करने वालों में खलबली मची हुई है।

जगदीशिला डोली का हरकी पौड़ी पर हुआ भव्य स्वागत 

देहरादून, 6 मई (निस) । टिहरी गढ़वाल स्थित विशोन पर्वत पर स्थित भगवान विश्वनाथ, मां जगदीशिला की वार्षिक डोली रथ यात्रा कैबिनेट मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी एवं श्री विश्वनाथ जगदीशिला डोली रथ यात्रा पर्यटन विकास समिति विशोन पर्वत, 11 गांव हिन्दाव के तत्वाधान में हरकी पौड़ी पहुंची जहां पर परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद मुनि, भारत माता मंदिर के श्री महंत ललितानंद, डोली रथ यात्रा के स्थानीय संयोजक आमेश शर्मा, योगेश शर्मा, हरिओम पटवर, राजेश वर्मा, देवांश त्रिपाठी, अंकुर पालीवाल, धीरज पालीवाल, मनोज झा, श्रीगंगा सभा के स्वागत मंत्री श्रीकांत वशिष्ठ सहित डोली रथ यात्रा में शामिल टिहरी गढ़वाल से आए रथ यात्रा के अध्यक्ष रूप सिंह बजियाला, सचिव भरत सिंह रावत, केदार सिंह युठियागी, भक्त दुर्गादास एवं सैकड़ों श्रद्धालु भक्तों ने डोली रथ यात्रा का स्वागत कर पूजा-अर्चना के साथ रथ यात्रा को उत्तराखण्ड भ्रमण के लिए रवाना किया। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री नैथानी ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड में तीर्थाटन की अपार संभावनाएं है, विगत 16 वर्षो से डोली रथ यात्रा उत्तराखण्ड में पर्यटन एवं तीर्थाटन को नए आयाम दे रही है। जिन-जिन भागों से यह रथ यात्रा होकर गुजरती है, वहां-वहां पर गढ़वाल की संस्कृति और परम्परा का प्रसार करती है। परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद मुनि ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड के कण-कण में देवी-देवताओं का वास है, चार धाम के अलावा उत्तराखण्ड में देव स्थलों, शक्ति पीठों एवं ऋषि-मुनियों की तपस्थली के रूप में मठ, मंदिर और तीर्थ प्राचीन समय से स्थित है इस प्रकार की डोली रथ यात्राएं उत्तराखण्ड की आध्यात्मिक शक्ति को जाग्रत करने का काम करती है।  भारत माता मंदिर के श्रीमहंत स्वामी ललितानंद महाराज ने भगवान विश्वनाथ, मां जगदीशिला डोली रथ यात्रा के सूत्रधार कैबिनेट मंत्री नैथानी को साधुवाद देते हुए कहा कि उनका एक प्रयास इन 16 वर्षों में एक परम्परा बन गया हैं, नैथानी के प्रयासों से ही उत्तराखण्ड में भगवान विश्वनाथ, मां जगदीशिला तीर्थ धाम का सम्पूर्ण उत्तर भारत में प्रचार-प्रसार हुआ है इसके लिए मंत्री प्रसाद नैथानी बधाई के पात्र है। हरकी पौड़ी पर विधायक आदेश चैहान, स्वामी यतीश्वरानंद, पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी, दर्जाधारी मंत्री अरविन्द शर्मा, ओ.पी. चैहान, विपुल डडंरियाल, विभिन्न विभागों के अधिकारी, पुलिस प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे। 

पद्मभूषण स्वामी सत्यमित्रानंद को राज्यपाल ने ‘विद्यावारिधि’ से विभूषित किया

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देहरादून, 7 मई (निस)। उत्तराखण्ड के राज्यपाल एवं संस्कृत वि.वि के कुलाधिपति डा. कृष्ण कांत पाल ने गुरूवार को स्वामी सत्यमित्रानंद जी को संस्कृत विश्वविद्यालय उत्तराखण्ड की मानद् उपाधि ‘विद्यावारिधि’ से विभूषित किया। इस अवसर पर अपने सम्बोधन में राज्यपाल ने स्वामी जी को भारतीय संस्कृति का प्रतीक बताते हुए कहा- स्वामी जी, भावी पीढ़ी और विश्वभर में भारतीय संस्कृति, आदर्शों तथा परम्पराओं के वर्तमान में सबसे सशक्त एवं प्रभावी संवाहक हैं। ‘नर सेवा-नारायण सेवा’ का संकल्प लेकर जनसेवा के लिए निरन्तर सक्रिय विद्वान विभूति स्वामी जी को मानद् उपाधि से विभूषित करके वे स्वयं तथा संस्कृत विश्वविद्यालय गौरवान्वित है। उन्होंने कहा- ‘संस्कृत भाषा के माध्यम से ही भारतीय विद्धानों का सूक्ष्म चिन्तन व दर्शन देश और दुनिया के समक्ष पहुँचा। श्रेष्ठ समाज के मार्गदर्शक, चारों वेदों, उपनिषदों, पुराणों, रामायण, महाभारत तथा भगवद् गीता जैसी महान रचनाओं में देश और दुनिया की समस्याओं का समाधान निकालने के अद्भुत संदर्भ समाहित हैं। ये सभी कालजयी रचनायें संस्कृत भाषा मेें ही लिखी गई हैं।’ राज्यपाल ने कहा - ‘हमारा दायित्व और समय की पुकार है कि हम संस्कृत भाषा सहित अपने देश की प्राचीन धरोहरों, विद्याओं को आधुनिक ज्ञान, विज्ञान की धारा से जोड़कर विश्व के समक्ष प्रस्तुत करें और उन्हें भावी पीढियों तक पहुँचाने के लिए उन्हें निरन्तर पोषित करते रहें। विश्व शान्ति, विश्वकल्याण और विश्वबन्धुत्व की जो अवधारणा भारत में और विशेष रूप से संस्कृत साहित्य में है, उसी से विश्व का कल्याण होगा। हमें यह प्रत्येक क्षण ख्याल होना चाहिए कि आधुनिकता का मतलब यह नहीं कि हम अपनी जड़ों और संस्कृति की उपेक्षा करें या उन्हें भूल जायें।’ उन्होंने संस्कृत वि.वि के कुलपति सहित वि.वि के सभी पदाधिकारियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उनकी हार्दिक इच्छा है कि यह विश्वविद्यालय देश का एक ऐसा श्रेष्ठ शिक्षण-संस्थान बने जिसमें प्रवेश पाने वाले विद्यार्थी तथा शोधार्थी गर्व महसूस कर सकें। विश्वविद्यालय का दायित्व है कि कम्प्यूटर के जरिये संस्कृत भाषा का व्यापक प्रचार-प्रसार करे। इससे भाषा के साथ-साथ पूरे विश्व में भारतीय संस्कृति की जड़ें भी मजबूत होंगी। ‘विद्यावारिधि’ से विभूषित 84 वर्षीय स्वामी सत्यमित्रानंद जी ने अपने ओजस्वी एवं प्रभावी सम्बोधन में भारत की समृद्ध प्राचीन गुरू-शिष्य परम्परा से लेकर महात्मा गाँधी, बिनोवा भावे तथा शहीद भगत सिंह, चन्द्रशेखर आजाद, असफाक उल्ला खाँ सहित भारत की अनेक गौरवशाली हस्तियों के त्याग, बलिदान और मार्गदर्शन का उल्लेख किया और कहा कि जो अपनी परम्पराओं और संस्कृति को जीवित रखता है वही राष्ट्र जीवित रहता है। इस सम्मान के लिए कुलाधिपति का आभार व्यक्त करते हुए स्वामी जी ने राज्यपाल को आशीर्वाद स्वरूप भारत माता मन्दिर का चित्र भेंट किया और उन्हें भारत माता मन्दिर में आने के लिए आमंत्रित भी किया। राजभवन के प्रेक्षागृह में संपन्न ‘मानद् उपाधि प्रदान समारोह’ का शुभारंभ परम्परागत रूप से दीप प्रज्जवलन तथा कुलपति प्रो0 महावीर अग्रवाल के स्वागत सम्बोधन से हुआ। कार्यक्रम में जूना अखाड़ा के पीठाधीश्वर तथा भारत माता मन्दिर के अध्यक्ष स्वामी अवधेशानंद, राज्य मानवाधिकार आयोग के सदस्य जस्टिस राजेश टंडन, अपर मुख्य सचिव एस.राजू तथा राज्यपाल के सचिव अरूण ढ़ौंडियाल सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी एवं विद्वतजन उपस्थित थे। सूच्य है कि स्वामी जी को यह ‘मानद् उपाधि’ 20 मार्च, 2015 को संपन्न हुए संस्कृत वि.वि के दीक्षान्त समारोह में प्रदान की जानी थी किन्तु अपरिहार्य कारणों से वे समारोह में उपस्थित नहीं हो सके थे।  

दो दिवसीय ‘गंगा ज्ञान धारा समाग्रह संवाद’ कार्यशाला आज से 

देहरादून, 7 मई (निस)। परमार्थ निकेतन ऋषिकेश में शुक्रवार से आयोजित होने वाले दो दिवसीय ‘गंगा ज्ञान धारा समाग्रह संवाद’ कार्यशाला में पर्यावरणविद्, शिक्षाविद्, आध्यात्मिक गुरु एवं छात्र भाग लेंगे। इस कार्यशाला का आयोजन गंगा एक्शन परिवार, परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश और भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (आईआईपीए) नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा रहा है। गंगा एक्शन परिवार के संस्थापक एवं परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि “कार्यशाला का मुख्यउद्देश्य विशेषकर उत्तराखंड से सरकार, शिक्षा जगत एवं नागरिक समाज से विचार, नीति एवं कार्यान्वयन का नेतृत्व करने वालों के चुनिंदा समूह को एक साथ लाना है। इसका लक्ष्य पवित्र गंगा नदी के संरक्षण एवं पुनरुद्धार से संबंधित मुद्दों पर प्रतिभागियों के विचार जानना तथा स्थानीय समुदायों को गंगा के प्रति संवेदनशील बनाने और साथ लेने तथा विभिन्न पक्षों को सक्रिय बनाने के लिए कार्य एवं प्रतिभागिता योजना तैयार करना है। कार्यक्रम में गंगा के पुनरुद्धार में बड़ी खामियों को पहचानने तथा उनके समाधान की योजना तैयार करने का प्रयास किया जाएगा।” स्वामी चिदानंद ने कहा कि “संबंधित पक्षों की चर्चा एवं कार्यशाला के आधार पर गंगा के पुनर्जीवन की राह में आ रही बाधाएं दूर करने के लिए सिफारिशें एवं सुझाव सामने आएंगे। इसमें गंगा के पुनर्जीवन के महत्वपूर्ण एवं आवश्यक कार्य के लिए उचित रणनीति, आवश्यकताएं एवं अवसर तलाशे जाएंगे और संभावित साझेदार संस्थानों, संगठनों एवं व्यक्तियों को पहचाना जाएगा तथा उनकी भूमिकाएं और दायित्व भी तय किए जाएंगे। कार्यशाला का आयोजन चुनौतियों, अवसर, तालमेल, परियोजना की संभाविता एवं समग्र कार्य तथा प्रतिभागिता योजना से जुड़े विशिष्ट विषयों पर गोलमेज वार्ता के रूप में किया जाएगा।” उन्होंने कहा कि “हम मानते हैं कि इन क्षेत्रों में आपकी विशेषज्ञता एवं विचारों से चर्चा और समृद्ध होगी तथा ‘अविरल एवं निर्मल गंगा’ के हमारे साझे लक्ष्य में इसका योगदान होगा। हम आपकी विशेषज्ञता का लाभ उठाकर सतत, टिकाऊ और सफल रास्ता तैयार करना चाहते हैं।” स्वामी चिदानंद ने कहा कि “स्वच्छ भारत एवं नमामि गंगे के स्वप्न एवं अभियान के अंतर्गत 9 मई को सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक रायवाला रेलवे स्टेशन पर एक सफाई कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसमें स्थानीय क्षेत्र के सैकड़ों स्वयंसेवी एवं छात्र तथा आईआईपीए एवं गंगा एक्शन परिवार के सदस्य हिस्सा लेंगे।”

खाई में मैक्स गिरी 3 की मौत 

देहरादून, 7 मई (निस)। जनपद के भिकियासैण तहसील में बासोट नामक स्थान पर दिल्ली से आ रही एक मैक्स यूके 04 टीए 4033 प्रातः 6ः00 बजे दुर्घटनाग्रस्त हो गई है। यह गाड़ी दिल्ली से मासी जा रही थी जो बासोट नामक स्थान पर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इसमें कुल 10 यात्री सवार थे 03 यात्रियों की मौके पर ही मृत्यु हो गई है। मृतकांे में दो महिलायें तथा एक बच्चा था। चार यात्री गम्भीर रूप से घायल थे जिनमें 02 घायलों को हल्द्वानी के लिये रेफर कर दिया गया है। 02 यात्रियों को रानीखेत चिकित्सालय के लिये रेफर किया गया है। शेष 03 यात्री सामान्य रूप से घायल है। घटना की सूचना प्राप्त होती ही जिलाधिकारी विनोद कुमार सुमन ने तुरन्त सहायता कार्यो हेतु प्रशासन की टीम को घटनास्थल पर भेजा। इस दुर्घटना पर प्रदेश मुख्य मंत्री हरीश रावत ने दुखः प्रकट करते हुये मृत आत्मा की शान्ति के लिये ईश्वर से कामना कीै तथा शोकाकुल परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने मृतक परिवारों को तुरन्त अहैतुक सहायता प्रदान करने सहित घायलों के उपचार के निर्देश जिलाधिकारी को दिये है।

दुर्घटना में मृतकों के प्रति सीएम ने संवेदना व्यक्त की 

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देहरादून, 7 मई (निस)। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने जनपद अल्मोड़ा के भिक्यिासैंण व जनपद टिहरी के कण्डीसौड में हुयी वाहन दुर्घटना पर दुःख व्यक्त किया है। उन्होंने दिवंगत की आत्मा की शांति एवं दुःख की इस घडी में उनके परिजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है। साथ ही घायलों के शीघ्र स्वास्थ्यलाभ की कामना की है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने जिलाधिकारी अल्मोड़ा व टिहरी को निर्देश दिये कि दुर्घटना में मृतक के परिजनों को अनुमन्य राहत राशि तत्काल उपलब्ध करायी जाए। साथ ही दुर्घटना में घायल हुए लोगों का उपचार प्राथमिकता पर किया जाय। राज्य आपातकालीन परिचालन केन्द्र से प्राप्त सूचना के अनुसार आज प्रातः लगभग 7ः00 बजे जनपद अल्मोडा में एक टाटा सूमो तहसील भिक्यिासैंण के अन्तर्गत स्थान बासौट के समीप खाई में गिरकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। वाहन में 09 कुल सवारी थे जिसमें 03 मृतक व 06 लोग घायल है। जनपद टिहरी में आज दोपहर लगभग 12ः12 बजे 01 टाटा सूमो उत्तरकाशी से देहरादून आते समय तहसील कण्डीसौड (चिन्यालीसौड़) से 15 किमी0 आगे पोखरी गांव के पास गहरी खाई में गिरकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। वाहन में 11 लोग सवार थे। जिनमें 03 मृतक व 08 लोग घायल है।
   
अधिवक्ताओं के लिए बीमा योजना शुरू की जायेगीः सीएम 

देहरादून, 7 मई (निस)। जिला बार एसोसियेशन टिहरी द्वारा आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि अधिवक्ताओं के लिए बीमा योजना शुरू की जायेगी। इसके लिए न्याय विभाग को कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिये गये है। प्रत्येक जिले में ई-लाइब्रेरी स्थापित करने के लिए भी सहयोग दिया जायेगा। मुख्यमंत्री श्री रावत ने बार एसोसियेशन के पुस्तकालय हेतु 10 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले में एक बेहतर पुस्तकालय होना चाहिए। जनपदों मंे स्थापित होने वाली तहसीलों में पब्लिक नोटरी के पद सृजित किये जाने, राजस्व वादांे व सेवा न्यायाधिकरण की ब्रांच खोलने के संबंध में भी विचार किया जायेगा। उन्होंने अधिवक्ताओं के आवासीय भवनों की समस्या के समाधान के लिए जिलाधिकारी को निर्देश दिये कि परीक्षण रिपोर्ट शासन को भेजी जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि युवा अधिवक्ता वरिष्ठ अधिवक्ताओं के अनुभवों का लाभ ले। आज तकनीक का युग है, जिस कारण हर क्षेत्र में स्पर्धा बढ़ गयी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा एक कमेटी का गठन किया गया है, जो पुराने हो चुके कानूनों या जिनकी वर्तमान में कोई आवश्यकता नही है, का अध्ययन करेगी। टिहरी शहर के स्वरूप को बनाये रखने के लिए कार्ययोजना तैयार की जा रही है। इसके लिए स्मार्ट सिटी के तहत योजना बनायी जा रही है। इस अवसर पर बार एसोसियेशन द्वारा मुख्यमंत्री को अभिनंदन पत्र व स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कैबिनेट मंत्री दिनेश धनै ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री रावत के नेतृत्व में प्रदेश विकास के पथ पर अग्रसर है। उन्होंने अधिवक्ताओं की विभिन्न समस्याओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराया। श्री धनै ने भी बार एसोसियेशन के पुस्तकालय हेतु 5 लाख रुपये की धनराशि विधायक निधि से देने की घोषणा की। कार्यक्रम में विधायक भीमलाल आर्य, जिला जज श्रीमती मीना तिवारी, बार एसोसियेशन अध्यक्ष जगमोहन सिंह रांगड़, आनन्द प्रकाश, दिनेश सिंह मिया, मुकेश गुसांई, जिलाधिकारी युगल किशोर पंत आदि उपस्थित थे।

सीएम ने किया प्रेस क्लब भवन का विस्तारीकरण कार्य का किया शिलान्यास 

देहरादून, 7 मई (निस)। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गुरूवार को नई टिहरी में 11 करोड़ की लागत से बनने वाले होटल मैनेजमेंट संस्थान, 6 करोड़ रुपये लागत से त्रेपन सिंह नेगी राज्य स्तरीय युवा कौशल विकास केन्द्र तथा खेल मैदान बौराड़ी का विस्तारीकरण के साथ ही 94.27 लाख रुपये लागत से प्रेस क्लब भवन के विस्तारीकरण कार्य का शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री श्री रावत ने विक्टोरिया क्रास विजेता गब्बर सिंह तथा दरबान सिंह के पैतृक आवासों को सांस्कृतिक धरोहर के रूप में विकसित करने, जू.हा. स्कूल जड़धारगांव के उच्चीकरण करने, चम्बा जू.हा. स्कूल का उच्चीकरण, बैतोगी नाले में बाढ़ सुरक्षा कार्य, गाजणा व चम्बा-कुडियालगांव में 3-3 कि.मी. सड़क निर्माण की घोषणा की। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हंस फाउण्डेशन की मदद से टिहरी झील के दोनो किनारे पर 3 शमशान घाटों का निर्माण किया जायेगा। उन्होने कहा कि घनसाली पिछड़ा सीमांत क्षेत्र है। उन्होंने जिलाधिकारी को निर्देश दिये कि घनसाली का सर्वे कर रिपोर्ट तैयार की जाय, ताकि उसके लिए अलग से विकास योजना बनायी जा सके। इसमें रजाखेत तथा ढूंगमंधार क्षेत्रों को भी शामिल किया जायेगा। उन्होंने कहा कि हंस फाउण्डेशन द्वारा सामाजिक कार्यों में बेहतर कार्य किया जा रहा है। राज्य सरकार का प्रयास है कि संस्था को विकास पार्टनर के रूप में सहयोगी बने, इसके लिए कार्ययोजना बनायी जा रही है।मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हमारे व्यंजन, हमारे उत्पाद राज्य की पहचान बनें, इस दिशा में हम सबकों सामूहिक प्रयास करने होंगे। टिहरी में होटल मैनेजमेंट संस्थान खुलने से प्रदेश के युवाओं को पर्यटन क्षेत्र में रोजगार के नये अवसर मिलेंगे। उन्होंने कहा कि संस्थान का उपयोग बहुआयामी हो इसके लिये प्रयास किये जाय। युवाओं को इस प्रकार से तैयार किया जाय कि वे अपने स्थानीय उत्पादों व व्यंजनों की बेहतर पैकेजिंग कर सके। उन्होंने कहा कि हम सभी को विचार करना होगा कि हम अपनी अर्थ व्यवस्था को कैसे और बेहतर बना सकते है। राज्य सरकार द्वारा कुछ अभिनव योजनाएं शुरू की गई है, जिनका लाभ सभी को उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा चैलाई, मंडुवा, माल्टा, नीबू, अखरोट, आवाला आदि को प्रोत्साहित करने के लिए बोनस योजना शुरू की गई है। उन्होंने पर्वतीय क्षेत्रों में स्थानीय उत्पादों का अधिक से अधिक उत्पादन पर जोर देने की बात कही। उत्पादों के लिए बाजार व्यवस्था सरकार तैयार करेगी। राज्य सरकार द्वारा दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में भी बोनस आदि की योजनाएं शुरू की गई है। इस क्षेत्र में भी स्थानीय लोग स्वरोजगार अपनायें। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी को सामूहिक रूप से समेकित प्रयास करते हुए उत्तराखण्ड को विकास के रास्ते पर आगे ले जाना होगा। इस अवसर पर पर्यटन मंत्री दिनेश धनै ने कहा कि मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व में प्रदेश विकास के पथ पर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि टिहरी में होटल मैनेजमेंट संस्थान की स्थापना होने से रोजगार के नये अवसर उपलब्ध होंगे। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा का सफल संचालन मुख्यमंत्री के निर्देश में हो पाया है। श्री धनै ने कहा कि टिहरी जिले को प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए सरकार वचनबद्ध है। कार्यक्रम को शहरी विकास मंत्री प्रीतम सिंह पंवार ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर हंस कल्चरल फाउण्डेशन द्वारा स्थानीय लोगो के लिए आर्थिक सहायता स्वीकृत की गई। जिसके चैक मुख्यमंत्री श्री रावत की उपस्थित में वितरित किये गये। कार्यक्रम में विधायक घनसाली भीमलाल आर्य, हंस फाउण्डेशन की माता मंगला, भोले जी महाराज, जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवाण, सूचना आयुक्त राजेन्द्र कोटियाल, नगर पालिका अध्यक्ष उमेश चरण गुसांई, ब्लाॅक प्रमुख आनंदी नेगी, विजय गुनसोला, कांग्रेस जिला अध्यक्ष शांति भट्ट, सचिव पर्यटन डाॅ. उमाकांत पंवार, प्रभारी सचिव युवा कल्याण शैलेश बगोली, जिलाधिकारी युगल किशोर पंत आदि उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना 9 मई से होगी लागू

देहरादून, 7 मई (निस)। प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 9 मई को कोलकता में किया जायेगा। इस योजना का मुख्य आकर्षण यह है कि वह सभी बैकों में बचत खाताधारक जिनकी आयु 18 वर्ष से 50 वर्ष के मध्य है वह 330 वार्षिक प्रीमियम अपने खाते से कटौती करवाकर दो लाख तक की जीवन बीमा सुरक्षा किसी भी अवस्था में जैसे दुर्घटना अथवा सामान्य मृत्यु प्राप्त कर सकते हैं।  धर्मपुर स्थित एलआईसी के मंडल कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में भारतीय जीवन बीमा निगम के वरिष्ठ मंडल प्रबंधक रमेश चन्द्र ने कहा कि इस योजना की अवधि एक जून 2015 से 31 मई 2016 तक होगी, एक वर्ष पश्चात पुनः इस योजना का नवीनीकरण किया जा सकता है। उनका कहना है कि इस योजना के फार्म सभी भारतीय जीवन बीमा निगम के कार्यालयों सहित सभी बैंकों की शाखाओं में उपलब्ध हैं। बैंक इस योजना के अंतर्गत कटौती की गई प्रीमियनम राशि को भारतीय जीवन बीमा निगम के पेंशन एवं समूह बीमा कार्यालय को प्रेषित करेंगे तथा इसी कार्यालय से भविष्य में दावों का भुगतान भी किया जायेगा। योजना में सम्मिलित होने की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है, यह अवधि एक मई से 31 मई तक रखी गई है। जोखिम संरक्षण एक जून 2015 से प्रारंभ होगा, इस योजना का मुख्य आकर्षण यह है कि भारत सरकार द्वारा छूट प्राप्त होने के कारण इसका प्रीमियम बीमा की प्रीमियम दरों से काफी कम रखा गया है। प्रतिदिन मात्र एक रूपये से भी कम की राशि में दो लाख तक की बीमा सुरक्षा पात्र बीमाधारक को उपलब्ध है, क्षेत्र में लगभग 16 हजार फार्म पंजीकरण के लिए प्राप्त हो चुके हंैं।

मैखुरी ने गैरसैण विकास परिषद की बैठक ली 

देहरादून, 7 मई (निस)। विधानसभा स्थित सभागार में अध्यक्ष (उपाध्यक्ष) विधानसभा डाॅ0 अनसूया प्रसाद मैखुरी की अध्यक्षता में गैरसैण में विधानसभा भवन एवं सचिवालय भवन निर्माण को दृष्टिगत् रखते हुए विकास खण्ड गैरसैण और विकासखण्ड चैखुटिया में अवस्थापना सुविधाओं की सुनिश्चित विकास हेतु गठित गैरसैण विकास परिषद की बैठक हुई। बैठक में अध्यक्ष (उपाध्यक्ष) डाॅ0 मैखुरी, ने अवगत कराया  कि राज्य सरकार द्वारा परिषद को 2014-15 में उपलब्ध कराये गये चार करोड़ के सापेक्ष कईं योजनाओं का विधिबद्व रूप से बैठक में अनुमोदन किया गया जिसमें लगभग 2 करोड़ 47 लाख गैरसैण तथा लगभग 1 करोड़ 53 लाख रूपये चैखुटिया के लिए स्वीकृत किये गये। बैठक में उन्होंने बताया कि गैरसैण-सारकोट-भराडीसैण रिंग रोड़ के शेष 1.5 किमी0 मोटर मार्ग का नव निर्माण कराया जायेगा, (प्रथम चरण) में गैरसैण में टैक्सी स्टेण्ड का निर्माण, गैरसैण बाजार से निरीक्षण भवन सम्पर्कं मोटर मार्ग सुदृढीकरण, गैरसैण, सलियाणा बैण्ड के पास हैण्ड पम्प से मोटर पम्प अधिष्ठापन कर मुख्य जलाशय तक 1700 मीटर पाईप लाईन बिछाने का कार्य, गैरसैण नगर क्षेत्र में 11 के0वी0 टाउन पोषक (विद्युत) का निर्माण कार्य, गैरसैण नगर क्षेत्र में विद्युत के तीन (03) हाई मास्क लाईट लगाये जाने का कार्य, गैरसैण में स्टेडियम से लंकाधार तक 325 मीटर नाला निर्माण, दिवालीखाल मोटर स्टेशन के आस-पास सुलभ शौचालय का निर्माण, चैखुटिया के विश्राम गृह भवन का निर्माण लो0नि0वि0 द्वारा कराया जायेगा, अगनेरी मन्दिर के पास चैखुटिया में सार्वजनिक भवन, (सभागार) का निर्माण, चैखुटिया क्षेत्र हेतु सोलर लाईट लगाये जाने का कार्य, चौखुटिया पण्डुवाखाल रोड़ पर सुलभ शौचालय का निर्माण तथा प्रथम चरण में चैखुटिया में टैक्सी स्टैण्ड का निर्माण कराया जायेगा। बैठक में गैरसैण विकास परिषद द्वारा 25 करोड़ वित्तीय वर्ष 2015-16 में  विभिन्न योजनाओं के निर्माण के लिये स्वीकृति किये जाने हेतु मांग की गयी है। इसके अलावा विधान भवन हेतु नामित कार्यदायी संस्था एन0बी0सी0सी0 को निर्देशित किया गया कि वे भराडीसैण-गैरसैण तथा चैखुटिया नगर क्षेत्र का एक महीने के अन्दर मास्टर प्लान तैयार कर विकास परिषद को प्रेषित करेंगे, ताकि परिषद की अगली बैठक में गैरसैण एवं चैखुटिया के अवस्थापन सुविधाओं के विकास के लिए और कारगर योजनाओं को योजनाबद्व तरीके से निर्मित किया जाय। बैठक में (उपाध्यक्ष)  मदन सिंह बिष्ट, अध्यक्ष नगर पंचायत गैरसैण, ब्लाॅक प्रमुख चैखुटिया, अपर मुख्य सचिव, राकेश शर्मा, सचिव, नगर विकास डी0 एस0 गर्बयाल, अपर सचिव, अरविन्द सिंह ह्ंयाकी अपर सचिव, किशननाथ, मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजय खेतवाल, मुख्य विकास अधिकारी, अल्मोड़ा अधीक्षण अभियन्ता विद्युत, मौजूद थे।

अवैध खनन प्रकरण में जांच का मोर्चे ने किया स्वागत

देहरादून, 7 मई (निस)। जन संघर्ष मोर्चे ने अवैध खनन के प्रकरण में प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री द्वारा अपर मुख्य सचिव को जांच के निर्देश दिए जाने का स्वागत किया है। मोर्चे का कहना है कि यह उसके आंदोलन की जीत है। मोर्चा इस प्रकरण की जांच की मांग को लेकर लगातार आंदोलनरत रहा है। यहां आयोजित एक पत्रकार वार्ता में मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि देहरादून जिले में उच्च न्यायालय के प्रतिबंध के बावजूद लगभग 190 लोगों को खनन भंडारण के लाइसेंस जारी किये गये थे, जिनकी आड़ में खनन माफियाओं ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अवैध कारोबार को इन लाइसेंस की आड़ में वैध बनाने का काम किया। खनन भंडारण लाइसेंस की आड़ में लगभग चार हजार करोड़ का काला कारोबार किया गया। इन भंडारण लाइसेंसधारियों ने अपने रोजनामचे में फर्जी दस्तावेजों को आधार बनाकर उप खनिज की आमद दर्ज की। जनपद की वन चैकियों एवं व्यापार कर विभाग की चैकियों में कहीं भी आमद दर्ज नहीं थी तथा इनके द्वारा उप खनिज की आमद अन्य प्रदेशों में आयात की गई दर्शायी गई, जबकि उप खनिज का उठान जनपद की प्रतिबंधित की नदियों से किया गया। उन्होंने कहा कि सूचना आयुक्त अनिल शर्मा ने अपील पर सुनवाई के दौरान इस प्रकरण की जांच के लिए प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री को संदर्भित किया जिसके अनुपालन में प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री ने पूरे प्रकरण पर जांच के लिए अपर मुख्य सचिव औद्योगिक को जांच कर आख्या प्रस्तुत करने को कहा है। इस प्रकरण की जांच होने से खनन माफियाओं से खनिज नियमावली के प्रावधानों के तहत लगभग पांच सौ करोड़ रुपये राजस्व मिलने की संभावना है। उन्होंने कहा कि मोर्चा तीन वर्षों से मामले की जांच को संघर्ष कर रहा था, जो कि मोर्चे की बड़ी जीत है। पत्रकार वार्ता में मोर्चे के महामंत्री आकाश पंवार, हाजी असद, यमन चैधरी, दिवाकर त्यागी, पिन्नी शर्मा, विजय राम शर्मा, समीर,वीरेन्द्र सिंह मौजूद रहे।

नेपाल आपदा में अखिल विश्व गायत्री परिवार की सक्रिय भूमिका
  • गायत्री परिवार स्कूलों एवं गाँवों के पुनर्वास का कार्य करेगाः डॉ0प्रणव पण्ड्या

हरिद्वार, 7 मई (निस)। अखिल विश्व गायत्री परिवार के प्रमुख एवं देसंविवि के कुलाधिपति डॉ0प्रणव पण्ड्या, शांतिकुञ्ज के व्यवस्थापक  गौरीशंकर शर्मा एवं दे0सं0वि0वि0के प्रतिकुलपति डॉ0 चिन्मय पण्ड्या नेपाल में गायत्री परिवार द्वारा चलाये जा रहे आपदा का निरीक्षण करने, भावी योजना बनाने एवं पुनर्वास हेतु विशिष्ट भूमिका सम्पादित करने नेपाल पूर्व उपप्रधानमंत्री के0पी0ओली, एवं चीफ सेक्रेटरी लीलामणि पौडियाल से विशेष चर्चा करने मई को काठमाण्डू पहुँचे। उल्लेखनीय है कि आपदा के दूसरे ही दिन ख्म् अप्रैल को ही दर्जन भर वाहनों से वीरेन्द्र तिवारी जी,श्री राजू अधिकारी एवं डॉ0भीखू भाई के नेतृत्व में उत्तरप्रदेश, गुजरात, मुम्बई के सैकड़ों कार्यकर्ता, एम्बूलेंस, दवाई, कम्बल, खाद्य सामिग्री लेकर पहले ही पहुँच चुके थे। डॉ. प्रणव पण्ड्या ने बताया कि रेस्क्यू एवं रीलिफ के बाद नेपाल सरकार के साथ मिलकर पुनर्वास के लिए गाँव एवं स्कूलों को गोद लेने उन्हें विकसित करने का कार्य गायत्री परिवार करेगा। इसके लिए सेक्रेटरी स्तर से बातचीत चल रही है। आद0गौरीशंकर शर्मा जी ने नेपाल वासियों को कहा ‘इस आपदा की घड़ी में समूचा गायत्री परिवार का स्नेह, अपनत्व, राहत पूरे नेपाल के  नवनिर्माण के लिए  है’।  इसके बाद अखिल विश्व गायत्री परविार की ओर से नेपाल प्रहरी प्रशिक्षण प्रतिष्ठान, महाराजगञ्ज में बनाया गया आपदा राहत बेस केम्प का निरीक्षण भ्रमण किया। नेपाल पुलिस के ए.आई.डी.जी.पी. आद0राजेन्द्र सिंह भण्डारी ने अतिथियों का स्वागत किया और आपदा व्यवस्थापन और पुनर्निर्माण कार्य के साथ मिलकर काम करने की बात कही। शांतिकुञ्ज से आई उच्चस्तरीय दल ने पूर्व कार्य कर रहे गायत्री परिवार के आपदा राहत दल के साथ मिलकर काठमाण्डू में भूकम्प पीडित क्षेत्र वनस्थली क्षेत्र में जाकर भूकम्प पीडि़तों को राहत सामिग्री वितरित किया। जहाँ पर गायत्री परिवार के अग्रज कार्यकर्ता नरहरि धिमिरे ने अतिथियों का स्वागत किया। पूरे दल ने भूकम्प के कम्पन्न से अत्यधिक प्रभावित ऐतिहासिक धरोहर और प्राच्य मंदिरों की नगरी भक्तपुर का भ्रमण किया। दूसरा दल डॉ0चिन्मय पण्ड्या जी के नेतृत्व में काठमाण्डू से 65 कि0मी0दूर सिन्धुपारचैक गये जहाँ भूकम्प से सबसे अधिक प्रभावित हुए।  डॉ0 चिन्यम पण्ड्याजी ने अपनी टोली की साथ उस स्थान का जायजा लिया। वहाँ पर भ् दिनों से हिसान, नोबेल अस्पताल, नेपाल स्काउट जैसे संस्थाओं के साथ मिलकर आपदा राहत कैंप चल रहा है। जहाँ से खाद्य सामग्री, कम्बल, बर्तन, त्रिपाल पीडि़तों को दिया गया। मुम्बई और गुजरात से आई हुई गायत्री परिवार के आपदा दल से जुड़े डाक्टरों की टोली द्वारा दैनिक 300 घायल और मरिजों का उपचार किया गया। डॉ0चिन्मय पण्ड्या ने कहा- यह कैंप पीड़ा निवारण के लिए सबके लिए एक आदर्श केम्प बना हुआ है। प्रवास में पूर्व उपप्रधानमंत्री के0पी0औली, एल एम पौडियाल नेपाल के चीफ सेक्रेटरी, जया एम खनल सचिव उद्योग मंत्रालय,  राजेन्द्र सिंह भण्डारी एडिशनल इंस्पेक्टर जनरल पोलिस, रूद्र प्रसाद बसयाल  डीएसपी, युवराज धिमरे नेपाल में मीडिया प्रमुख से विशेष मुलाकात एवं चर्चा हुई। गायत्री परिवार द्वारा चलाये जा रहे राहत कार्य को देखकर पूर्व डिप्टी प्रधानमंत्री के0पी0औली ने कहा-‘भूकम्प, बाढ़, तूफान से जूझने के लिए गायत्री परिवार के पास जो अनुभव एवं तकनीकि ज्ञान है उसे नेपालवासियों ने प्रत्यक्ष अनुभव किया। सच्चे अर्थों में गायत्री परिवार ने ही विपदा की घड़ी में बिना नाम-यश के सेवा कार्य किया है। हम सभी गायत्री परिवार के इसी आपदा प्रबंधन के इसी सिस्टम को लागू करेंगे। 

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