उत्तराखंड की विस्तृत खबर (19 मई) - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 19 मई 2015

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (19 मई)

गैरसैंण में “समर कैपिटल” पर दादा की मुहर !                                                                 
  • अब रंग लाती दिख रही स्पीकर कुंजवाल की मुहिम, पहाड़ पर भी होगा अवस्थापना सुविधाओं का विकास

देहरादून,19 मई (निस)। विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल की गैरसैंण को राजधानी बनाने की मुहिम रंग लाती दिख रही है। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने अपने संबोधन में गैरसैंण को समर कैपिटल का नाम देकर इस दिशा में किए जा रहे प्रयासों के और  तेज होने का संकेत दिया है। माना जा रहा है कि स्थायी न भी सही, अगर गैरसैंण को समर कैपिटल का ही दर्जा मिल गया तो इससे पहाड़ पर अवस्थापना सुविधाओं का तेजी से विकास होगा। यह अलग बात है कि पहाड़ की जनता आज भी गैरसैंण में ही स्थायी राजधानी की मांग कर रही है। राज्य गठन के बाद से ही सूबे की राजधानी का मुद्दा गर्म होता रहा है। भले ही देहरादून को स्थायी राजधानी का दर्जा नहीं मिला है। लेकिन विधानसभा, सचिवालय, सीएम आवास, राजभवन समते तमाम सरकारी दफ्तरों का निर्माण देहरादून में ही होने से यह साफ हो गया है कि अब राजधानी कहीं जाने वाली नहीं है। शायद यही वजह है कि राजधानी आयोग की रिपोर्ट पर जमी धूल को साफ करने की कोशिश किसी भी सरकार की ओर से नहीं की गई है। साफ दिख रहा है कि सियासी मजबूरी के चलते सरकार गैरसैंण को स्थायी राजधानी का दर्जा देने से कतरा रही है। स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल ने गैरसैंण को उसका हक देने की मुहिम शुरू की है। स्पीकर की कोशिशों की वजह से ही गैरसैंण में नया विधानभवन बनाया जा रहा है। साथ ही सरकारी दफ्तरों और विधायकों आदि के लिए आवास भी बनाए जा रहे हैं। गैरसैंण में विधानसभा का एक सत्र टेंट में करवाकर स्पीकर ने इस मामले में अपनी प्रतिबद्धता भी साफ कर दी है। अब हो सकता है कि विधानसभा का ग्रीष्मकालीन सत्र इस बार भी गैरसैंण में हो। अहम बात यह है कि इतना होने के बाद भी किसी भी स्तर से गैरसैंण को समर कैपिटल (ग्रीष्मकालीन राजधानी) का नाम देने का साहस कोई भी नेता नहीं जुटा सका। हां, तैयारियां जरूर इशारा कर रही थी कि स्पीकर की पहल पर सरकार भी गैरसैंण को समर कैपिटल बनाना चाहती है। लेकिन सियासी नफा-नुकसान का आंकलन करके न तो देहरादून को स्थायी राजधानी का दर्जा पा रही है और न ही गैरसैंण को समर कैपिटल का। अब प्रणवदा ने अपने संबोधन में गैरसैंण को समर कैपिटल बनाने के राज्य सरकार के प्रयास की सराहना की है। राष्ट्रपति ने कहा कि मुझे यह जानकर खुशी हो रही है कि राज्य चमोली जिले में स्थित गैरसैंण को अपनी ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाना चाहता है। वहां नए विधानभवन का निर्माण भी शुरू हो गया है। प्रणवदा के इस संबोधन से लग रहा है कि एक तरीके से उन्होंने गैरसैंण के समर कैपिटल बनने पर अपनी मुहर लगा दी है। गैरसैँण के समर कैपिटल बनने से पहाड़ पर अवस्थापना सुविधाओं का भी विकास होगा। मुख्यमंत्री और मंत्रियों के साथ ही सूबे के आला अफसर भी जब पहाड़ की दौड़ लगाएंगे तो शायद उनकी समझ में आए कि पहाड़ के लोगों को किन-किन समस्याओं से दो-चार होना पड़ रहा है। सरकारी सिस्टम जब खुद परेशानियां झेलेगा तो उनके दूर करने की दिशा में भी काम करेगा।

सरकार ने यूं खेला सियासी दांव
सूत्रों ने बताया कि प्रणवदा का अभिभाषण तैयार करने के लिए राज्य सरकार से फीड मंगाया गया था। बताया जा रहा है कि सरकार की ओर से भेजे गए फीड में इस बात का जिक्र किया गया था कि गैरसैंण को समर कैपिटल बनाया जा रहा है। सूत्रों ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से भेजे गए फीड के आधार पर ही प्रणवदा के संबोधन में गैरसैंण को समर कैपिटल बनाने पर खुशी जताने वाली लाइन शामिल की गई है। जाहिर है कि राज्य सरकार को जिस बात का ऐलान करन में सियासी दिक्कत आ रही थी। उसे राष्ट्रपति प्रणवदा की जुबां से कहलवा दिया गया।

बाजपुर में पुलिस पर हमला, एसआई समेत चार जख्मी

बाजपुर (ऊधमसिंह नगर),19 मई (निस)। एक शातिर बदमाश को पकड़ने गई पुलिस टीम पर ग्रामीणों से लाठी-डंडों से हमला कर दिया। इस हमले में एक दारोगा और तीन सिपाही घायल हुए हैं। दारोगा की हालत बेहद नाजुक बताई जा रही है। ग्रामीणों की घेराबंद इतनी जबरदस्त थी कि पुलिस टीम को कुछ समझने का मौका ही नहीं मिला और लोग शातिर बदमाश को पुलिस के कब्जे से छुड़ाने में सफल हो गए। सभी घायलों को तत्काल ही अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस वारदात की सूचना मिलते ही आसपास के थानों की पुलिस को बाजपुर बुला लिया गया है। शातिर बदमाश रजब अली को पकड़ने गई पुलिस टीम पर परिजनों और ग्रामीणों से लाठी-डंडों से हमला करके चार लोगों को घायल कर दिया और बदमाश को छुड़ा ले गए। इस वारदात के बाद से क्षेत्र में दहशत का माहौल है। सूत्रों ने बताया कि ग्राम धनसारा निवासी रजब अली शातिर बदमाश है और कई मामलों में लंबे समय से वांछित चल रहा है। बताया जा रहा है कि एक मुखबिर की सूचना पर उपनिरीक्षक कोरंगा अपने साथ तीन सिपाहियों को लेकर शातिर के गांव पहुंचे। पुलिस ने घेराबंदी करके रजब अली और एक अन्य व्यक्ति को हिरासत में लिया। इसकी जानकरी होते ही परिवार के पांच पुरुष और गांव की तमाम महिलाओं से पुलिस टीम को घेर लिया। पुलिसकर्मी कुछ समझ पाते उससे पहले ही महिला और पुरुषों ने लाठी-डंडों से पीटना शुरू कर दिया। दारोगा कोरंगा के सिर और पैरों पर तमाम लाठियां मारी गईं। तीनों सिपाही भी बुरी तरह से जख्मी हुए हैं। ये लोग पुलिस टीम को उस वक्त तक पीटते रहे, जब तक कि शातिर रजब अली अपने साथी के साथ फरार नहीं हो गया। बताया जा रहा है कि पुलिस टीम पर हमले के दौरान वहां खड़े तमाम ग्रामीण मूकदर्शक बनकर खड़े रहे। किसी ने भी बचाने की कोई कोशिश नहीं की। किसी तरह से इस वारदात की सूचना कोतवाल ओमप्रकाश को मिली तो वे भारी पुलिस फोर्स के साथ मौके पर गए। उस वक्त तक हमला करने वाले भी भाग चुके थे। घायल दारोगा और सिपाहियों को तत्काल ही अस्पताल लाया गया। बताया जा रहा है कि दारोगा कोरंगा की हालत नाजुक है। इस वारदात के बाद गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। कई थानों की पुलिस को भी बाजपुर बुला लिया गया है। पुलिस ने बताया कि फरार हुए शातिर रजब अली और हमलावरों की तलाश के लिए पुलिस की कई टीमों को विभिन्न स्थानों पर रवाना किया गया है।

प्रणवदा के दौरे को सीओ ने किया कलंकित, सीओ ने बीमार पिता को देखने जा रहे युवक को धुना
  • युवक को दो घंटे चैकी में बैठाकर मुचलके पर छोड़ा, पिटाई की फोटो खींच रहे पत्रकार का मोबाइल कुचला

देहरादून,19 मई (निस)। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के देहरादून दौरे को ऐतिहासिक बताकर अपनी पीठ थपथपा रही सरकार की उत्तराखंड पुलिस इस दौरे को कलंकित करने से बाज नहीं आई। पिता के बीमार होने की सूचना पर घर जा रहे एक युवक की सीओ डालनवाला ने सरेआम पिटाई की। लोग चिल्लाते रहे। लेकिन पुलिस ने पिटाई जारी रखी। इस वाक्ये को कैमरे में कैद कर रहे एक पत्रकार का मोबाइल छीन कर कुचल डाला। पत्रकार ने विरोध किया तो उसे पर लोगों का भड़काने के आरोप में जेल भेजने की धमकी दे डाली। वाकया नेहरू कालोनी के फौव्वारा चैक है। राष्ट्रपति के काफिले को विधानसभा से राजभवन की ओर जाना था। पुलिस ने तय समय से पौन घंटे पहले ही सारा ट्रेफिक रोक दिया था। इसी जाम में एक युवक रवि मल्होत्रा भी फंसा हुआ था। उसे पिता के बीमार होने की सूचना मिली थी और वो घर जा रहा था। युवक ने पुलिस को अपनी मजबूरी बताई और जाने की गुहार की। लेकिन पुलिस ने कोई ध्यान नहीं दिया। कुछ देर बाद युवक ने सीओ से कहा कि सूचना तो 15 मिनट पहले यातायात रोकने की था। फिर इतनी जल्दी क्यों रोक दिया गया। इस पर सीओ डालनवाला प्रमोद कुमार से युवक को बेरहमी से पीटना शुरू कर दिया। सीओ को देख कुछ दारोगा भी मैदान में आ गए। जाम में फंसे लोगों ने गाडि़यों से निकलकर इसका विरोध भी किया। लेकिन सीओ की दबंगई जारी रही। इसी बीच वहां मौजूद एक पत्रकार ने अपने मोबाइल से इस पिटाई की वीडियो बनानी शुरू कर दी। इसे देखकर तो सीओ का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया। पत्रकार से मोबाइल तो छीन ही लिया और कहा कि लोगों को पुलिस के खिलाफ भड़काने के आरोप में जेल भेज दिया जाएगा। मामला यहीं तक नहीं रहा। सीओ ने पत्रकार के मोबाइल को कुचल डाला और पिटे युवक को आराघर चैकी भेज दिया। युवक समझ ही नहीं पाया कि उसका कसूर ही क्या है। मामले में कुछ और पत्रकारों ने हस्तक्षेप किया और सूचना तत्काल ही आईजी संजय गुंज्याल को दी। इसके बाद आराघर पुलिस पत्रकार को कुचला हुआ मोबाइल लौटा दिया। लेकिन युव रवि को निजी मुचलके पर ही छोड़ा। अब युवक परेशान है कि पुलिस ने उसके खिलाफ पता नहीं क्या मुकदमा बना दिया हो। सवाल यह उठ रहा है कि चोरों और अपराधियों के आगे नतमस्तक सी दिख रही यह मित्र पुलिस क्या आम लोगों पर इस तरह से अपनी खीज उतारेगी। मित्र पुलिस का दंभ भरने वाली पुलिस का यह चेहरा वाकई में हैरान करने वाला है।

हरीश कैबिनेट का नया चेहरा जल्द, चार मंत्री बैठेंगे पैवेलियन और पांच नए करेंगे बैटिंग
  • इस गेम के लिए हरदा ने सजा दी है फील्डिंग, दिल्ली दरबार के इशारे पर शुरू होगी बालिंग

देहरादून,19 मई (निस)। मिशन-2017 को फतह करने के लिए हरदा अब सियासी गेम खेलने की तैयारी में हैं। बताया जा रहा है कि हरदा की मौजूदा कैबिनेट के चार मंत्रियों को पैवेलियन में बैठाने की कर ली गई है। साथ ही पांच नए खिलाड़ियों को बतौर कैबिनेट मंत्री मैदान में उतारने की तैयारी है। सियासत के मंझे खिलाड़ी हरीश रावत ने चार को बोल्ड करने के लिए पूरी फील्ड सजा दी है और दिल्ली दरबार से हरी झंडी मिलते ही बालिंग शुरू कर दी जाएगी। इसकी भनक मिलते ही कांग्रेसी विधायकों में सरगर्मी तेज हो गई है। कांग्रेस के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि उत्तराखंड में हरीश रावत के नेतृत्व में चल रही कांग्रेस और पीडीएफ की गठबंधन सरकार का स्वरूप जल्द ही बदलने जा रहा है। इसके लिए दून से लेकर दिल्ली तक कवायद चल रही है। बताया जा रहा है कि सीएम ने अपनी कवायद को अंतिम रूप दे दिया है। सूत्रों का कहना है कि मुताबिक वर्तमान मंत्रिमंडल में से चार मंत्री बाहर होंगे। इनमें दो कांग्रेस और दो पीडीएफ के बते जा रहे हैं। काबीना मंत्री का एक पद सुरेंद्र राकेश की मृत्यु के बाद अभी तक खाली चल रहा है। इस लिहाज से पांच नए मंत्रियों को आने वाले दिनों में शपथ दिलवाने की तैयारी है। सूत्रों ने बताया कि कौन मंत्री बोल्ड करके पैवेलियन में बैठाए जाएंगे। इस पर निर्णय ले लिया गया। बताया जा रहा है कि विधायकों को मंत्री बनाने के बारे में सीएम की कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से अंतिम दौर की बात होनी है। इसके लिए हरीश रावत जल्द ही दिल्ली जाने वाले हैं। मंत्रिमंडल में फेरबदल की भनक लगते ही एक ओर विधायकों में अपनी दावेदारी तेज करने का माहौल है तो वहीं दूसरी तरफ बोल्ड होने की आशंका में मंत्रियों की भी रातों की नींद हराम है। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस आलाकमान के साथ ही सीएम हरीश रावत की निगाहें 2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव पर हैं। कांग्रेस इस बार यह मिथक तोड़ना चाहती है कि उत्तराखंड में पांच साल से ज्यादा कोई पार्टी सत्तानसीन नहीं रह सकती है। यही वजह है कि कांग्रेस अब मंत्रिमंडल की सूरत के साथ साथ सीरत भी बदलना चाहती है। जनता के बीच सकारात्मक संदेश जाए और 2017 में एक बार फिर से कांग्रेस की ही सरका इस राज्य में बने। 

आमंत्रण पर मौन साध गए राष्ट्रपति, सीएम और अजय ने दिया था केदारधाम का आमंत्रण
  • पहले भी रद्द कर चुके हैं बाबा के दर्शन का कार्यक्रम, योग विवि की नेता प्रतिपक्ष की मांग पर भी साधा मौन

देहरादून,19 मई। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से मुख्यमंत्री हरीश रावत और नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट ने बाबा केदारनाथ धाम की यात्रा पर आने का आग्रह किया। लेकिन प्रणवदा ने इस बारे में कोई आश्वासन नहीं दिया। अजय भट्ट ने प्रणवदा ने उत्तराखंड के लिए एक केंद्रीय योगा विश्वविद्यालय देने की भी मांग की। इस पर राष्ट्रपति ने एक शब्द भी नहीं बोला। रविवार के विधानसभा के सदन में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने विधायकों को संबोधित किया। इससे पहले स्वागत भाषण में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रणवदा से केदारधाम की यात्रा का आमंत्रण दिया। इससे पहले नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट ने तो चारों धामों के साथ ही उत्तराखंड के अन्य धार्मिक स्थलों और कुदरती रूप से सौंदर्य से परिपूर्ण स्थलों पर आने का आमंत्रण दे दिया। उस समय लग रहा था कि शायद प्रणवदा दोनों नेताओं के इस आमंत्रण पर कोई सकारात्मक रुख अपनाएंगे। लेकिन अपने अभिभाषण के अंत तक प्रणवदा ने इस आमंत्रण पर एक शब्द भी नहीं कहा। यहां बता दें कि इससे पहले अप्रैल माह में मिले प्रणवदा के उत्तराखंड दौरे के कार्यक्रम में बाबा केदारनाथ के दर्शन का भी जिक्र था। लेकिन प्रणवदा उत्तराखंड तो आए। लेकिन देहरादून तक ही सीमित रहे। नेता प्रतिपक्ष ने तो राष्ट्रपति से उत्तराखंड के लिए एक केंद्रीय योगा विश्वविद्यालय मंजूर करने की मांग भी सदन में ही कर डाली। सियासी जानकारों का कहना है कि यह मांग करने का न तो मौका ही था और न ही दस्तूर। ऐसे में प्रणवदा को इस मुद्दे पर तो कुछ बोलना ही नहीं था और वो बोले भी नहीं।

चोरियां से निपटने का नहीं है कोई प्रभावी प्लान, चोरों के नेटवर्क के आगे पफीका पड़ा पुलिस का तंत्रा

देहरादून,19 मई (निस)। दून पुलिस के पास चोरियों को रोकने कोई प्रभावी प्लान नहीं है। केवल अंधेरे में ही हाथ-पैर मार कर काम चल रहा है जबकि बढ़ते क्राईम को मैनेज करने के लिए पुलिस अब चोरियों पर पर्दा डालने की कोशिश कर रही है। ऐसे कई मामले हैं जिनमें पुलिस ने चोरी की शिकायत दर्ज करने के बजाए पीडि़त को माल वापस दिलवाने का आश्वासन देकर चलता कर दिया। राजधानी के जिन क्षेत्रांे में चोरियों की बाढ आ रही है उनमेें पटेलनगर, नगर कोतवाली, विकासनगर एवं रायपुर अब सबसे अव्वल नंबर पर हैं। इन क्षेत्रों में चोरों ने अपनी उपस्थिति से यहां की पुलिस व्यवस्थाओं को कटघरे में ला खड़ा किया है तो वहीं शिकायत लिखने में भी अब आनाकानी की जा रही है। जाहिर तौर पर लगातार हो रही चोरियों के कारण चोर गिरोहों के हाथों पिट रहे थानों ने अब अपनी फजीहत बचाने का यही रास्ता निकाल लिया है। हालांकि इस सब से हासिल होने वाला कुछ नहीं है। सिवाए इसके कि पुलिस की इस नाकामी को समझ चोर गिरोह अपनी गतिविधियों को बेखौफ अंजाम देने का हौसला हासिल कर रहे हैं।   पुलिस अधिकारी लाख दावे कर रहे हैं कि जनपद में सुरक्षा एवं कानून व्यवस्था को  लेकर खाकी खासी सतर्क है, जबकि हकीकत यह है कि चोर गिरोह भी खुल कर पुलिस की नाक के नीचे ही चोरी की घटनाओं को अंजाम देते आ रहे थे। तमाम व्यवस्थाओं के बावजूद भी दून में चोरी की वारदातें हो रही हैं। बंद मकान सुरक्षित नहीं रह गए हैं। चेन लुटेरे खुलेआम वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। इन दिनों खासतौर पर पटेलनगर चोरों क निशाने पर है। चोरी की घटनाएं तो हो ही रही हैं साथ ही अब चेन लुटेरे भी खुल कर मैदान में आ गए हैं। हालांकि हाल ही में पुलिस ने दो शातिर चेन लुटेरों को गिरफ्तार किया लेकिन यह गिरफ्रतारी अपराधें पर नकेल कसने में अध्कि कारगर साबित नहीं हो पाई।   चोरियों के मामले में केवल विकासनगर, रायपुर, पटेलनगर एवं कोतवाली क्षेत्रा में ही अधिकांश घटनाएं प्रकाश में आई हैं। दून पुलिस को अब तक इस निर्णय पर भी नहीं पहुंच पाई कि इन चोरियों में बाहरी गिरोहों का हाथ है या फिर दून के गिरोह इन चोरियंो को अंजाम दे रहे हैं। जाहिर है कि बिना रेकी के इस प्रकार की चोरियों को अंजाम देना आसान नहीं है। कहीं न कहीं पहले पहले पूरी योजना बनाई जाती है, बंद मकानों को चिन्हित कर बाद में यहां हाथ सापफ कर दिया जाता है। चोरियांे के मामले में एक लंबी सफलता के लिए दून पुलिस तरस रही है। लंबे समय से दून पुलिस ने ऐसा कोई कारनामा नहीं कर दिखाया है जिससे कि चोरों एवं बदमाशों पर पुलिस का भय कायम हो सके। गर्मियांे के मौसम में ताबडतोड़ चोरियां हुई हैं, डकैतियों एवं दुकानों पर हाथ साफ किए गए। अब गर्मियों का मौसम शुरू हो चुका है और चोर गिरोह इस मौसम को भी अपने काम के लिए काफी सहलूयित भरा मानते हैं। पुलिस अधिकारी भी गश्त करते सिपाहियों को या तो सोते हुए या फिर मोबाईल पर बात या खेल खेलते हुए पकड़ चुके हैं, जबकि खुद क्षेत्राधिकारी हों या पिफर थानेदार अपने क्षेत्रांे मे गश्त करने की जहमत कम ही उठाते हैं।

राजभवन में रूद्राक्ष पौघे का रोपण करने के बाद राष्ट्रपति का दिल्ली के लिए प्रस्थान

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देहरादून 19 मई(निस)।  भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने मंगलवार को राजभवन से  दिल्ली जाने से पहले राजभवन के हरित प्रांगण में रूद्राक्ष के दो पौधे रोपित किए।  इससे पूर्व राज्यपाल डा. कृष्णकांत पाल ने राष्ट्रपति को उत्तराखण्ड से सम्बन्धित काॅफी टेबल बुक, उत्तराखण्ड के दस्तकारों द्वारा निर्मित ऊनी शाॅल तथा स्मृति चिन्ह के रूप में चारधाम सहित राज्य के सभी प्रमुख धर्मों के तीर्थस्थलों को प्रदर्शित करने वाला विशेष मानचित्र भेंट करने के साथ ही गंगाजली, रूद्राक्ष की माला तथा कैप(सेंटर फाॅर एरोमैटिक प्लान्ट्स, देहरादून) द्वारा उत्पादित सगंन्ध पौधों से तैयार तेल(आॅयल आॅफ ऐरोमैटिक प्लान्ट्स) से भरी शीशियों का एक सैट, गंगा की निर्मलता की प्रतीक वाली पेंटिंग भेंट की। राज्यपाल ने, राष्ट्रपति के उत्तराखण्ड आगमन, विधानसभा के विशेष सत्र को अपने मार्गदर्शी उद्बोधन से राज्य को ऐतिहासिक गौरव प्रदान करने तथा राजभवन का आतिथ्य ग्रहण करने के लिए उनका आभार व्यक्त करते हुए उनसे पुनः आगमन का अनुरोध भी किया।  राष्ट्रपति ने, उत्तराखण्ड आगमन और राजभवन में अपने प्रवास को अत्यन्त सुखद और स्मरणीय बताते हुए राज्यपाल को ‘द ग्रेट इंडियन योगा मास्टर्स...(ट्रेसिंग 2500 ईयर्स आॅफ योगा) स्वरचित पुस्तक- ‘ थाॅट्स एण्ड रिफलेक्शन्स्’ तथा ’ ‘ द ड्रामैटिक डिकेड्सय द इंदिरा गाँधी ईयर्स’ की प्रतियाँ भेंट की। राष्ट्रपति द्वारा इन पुस्तकों की प्रतियाँ मुख्यमंत्री श्री हरीश रावत तथा अध्यक्ष विधानसभा को भी भेंट की गई। वहीं अध्यक्ष विधानसभा श्री गोविन्द सिंह कुंजवाल ने राष्ट्रपति को विधानसभा के सभी सदस्यों का हस्ताक्षरयुक्त तथा फ्रेेम किया हुआ आभार पत्र भेंट किया। इस अवसर पर उपाध्यक्ष विधानसभा श्री अनुसुईया प्रसाद मैखुरी भी मौजूद थे।  जबकि मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपति की सचिव श्रीमती ओमिता पाल को शाॅल भेंटकर उनके प्रति सम्मान व्यक्त किया।

न्यायालय के सख्त रवैये के चलते सरकार को बनानी पड़ी स्थानांन्तरण नीति, षिक्षकों व चिकित्सकों को अब चढ़ना ही होगा पहाड़

देहरादून, 19 मई (निस)। सरकार ने आखिर कर्मचारियों के लिए पहाड़ों की तैनाती अनिवार्य कर दी है। शिक्षक हों या फिर डाक्टर दोनों को ही अपनी नौकरी का कुछ समय पहाड़ों पर बिताना ही होगा। साथ ही कैंप कार्यालयांे के नाम पर मैदानी क्षेत्रों में मौजमस्ती करने वाले अधिकारियों के लिए भी अब पहाड़ों पर रहना अनिवार्य कर दिया गया है। यह आदेश उन सभी सरकारी पदों पर लागूू होंगे जो कि स्थानांतरण के दायरे में आते हैं। सरकार ने इसके लिए अपनी स्थानांतरण नीति में भी फेरबदल की तैयारियां शुरू कर दी हैं। उत्तराखंड का यह दुर्भाग्य ही रहा है कि यहां कोई भी अधिकारी या कर्मचारी मैदानी क्षेत्रों में तो नौकरी करने के लिए तैयार रहता है लेकिन बात जब पहाड़ों पर नौकरी करने की आती है तो जुगाड़ लगने शुरू हो जाते हैं और वहीं जाने से कन्नी काटने लग जाते हैं। यही स्थिति अधिकारी वर्ग की भी है। कर्मचारी तो फिर भी एकबारगी को पहाड़ों में तैनाती ले लेता है लेकिन अधिकारियों ने खुद को मैदान में बनाए रखने के लिए कैंप कार्यालयों का बहाना तलाश किया। कैंप कार्यालयांे के नाम पर राजधानी के ऐशो आराम उठा रहे अधिकारी और कर्मचारी पूरे साल भर पहाड़ों का रूख तक नहीं करते। सरकार का तो ध्यान कभी इस ओर गया ही नहीं लेकिन हाईकोर्ट ने इस पर जरूर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और पहाड़ों में तैनाती नहीं लेने वाले अधिकारियों की सूची मंागी है। सरकार अब ऐसे अधिकारियों की सूची बना रही है। हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद सरकार भी नींद से जागी है और सरकार को भी इस बात का आभास हो गया है कि वाकई यह तो गंभीर स्थिति है। उत्तराखंड तो पहाड़ों में ही बसता है, पहाड़ ही विकास से अछूता रह जाए तो फिर भी प्रदेश के विकास की बात कैसे की जा सकती है। सरकार को इस दिशा में 21 नवंबर से पहले शपथ पत्र दाखिल करना है। हालांकि सरकार कैबिनेट में भी यह प्रस्ताव लाने वाली है। इसके अलावा प्रदेश की स्थानांतरण नीति तैयार करने में जुट गयी है। खासतौर पर शिक्षकों और चिकित्सकों ने पूरी तरह से पहाड़ों से नाता तोड़ लिया है। जो शिक्षक एक बार पहाड़ गया उसके लिए नीचे उतरना ही मुश्किल हो गया, मैदानी क्षेत्रों में जुगाड़ से तैनाती पाने वाले शिक्षक और चिकित्सक पहाड़ चढने को तैयार ही नहीं तो वर्षो से पहाड़ों में नौकरी कर रहे कैसे नीचे आएं। अब समय आ गया है कि दोहरे मापदंडों को छोड़ कर बराबर के मानक अपनाएं जाएं। कैंप कार्यालय का खेल बंद होना चाहिए, यदि कैंप कार्यालय ही अध्किारियों की पसंद है तो फिर पहाड़ों में ही कैंप कार्यालय स्थापित कर दिए जाएं। अब सरकार जागी है और स्थानांतरण नीति में बदलाव किया जा रहा है। जरूरी भी है। मैदान का मोह तो छोड़ना ही होगा। कम से कम पहाड़ों की परिस्थितियां भी तो समझ मेें आने चाहिए जिससे कि यहां की व्यवस्थाओं के अनुरूप योजनाओं को फलीभूत किया जा सके।

रोम-रोम में घुल रहा लाखांे लीटर सफेद जहर, उत्तराखंड मंें मिलावटी दूध का कारोबार चरम पर
  • खाद्य विभाग काले कारोबार को रोकने में हुआ नाकाम

देहरादून, 19 मई (निस)। रूद्रपुर मंे खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने दूध मंे ग्लूकोज मिला कर बेचने वालों पर जुर्माना किया। रूद्रपुर के साथ ही नकली दूध का यह काला कारोबार पूरे प्रदेश में पनप रहा है जिसकी अधिकांश सप्लाई पश्चिमी उत्तर प्रदेश से हो रही है। विभाग यूं तो खास त्योहारों के समय ही सक्रिय होता है लेकिन इन नकली दूध का असली कारोबार तो पूरे साल भर चलता है। नकली दूध लोगों के शरीर में जहर घोल रहा है। सरकार अब तक इस दिशा मंे कोई सख्त कदम नहीं उठा पाई है जिस कारण नकली दूध का व्यवसाय थमने का नाम नहीं ले रहा है। हैरानी की बात यह है कि इस गोरखधंधे को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहले भी केंद्र सरकार को रिपोर्ट देने को कह चुका है लेकिन सरकार इस महत्वपूर्ण मुद्दे से अब तक आंखे ही बंद कर बैठी है। वाकई यह चैंका देने वाला है कि आम जन के स्वास्थ्य से जुड़े इस विषय पर सरकार का इस तरह से मौन रहना सरकार की मंशा पर भी सवाल खड़े करता है। अब एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट ने मिलावटी दूध के धंध्ेा को लेकर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया है। इससे पूर्व भी कोर्ट ने मिलावटी दूध की सप्लाई के मामले में सरकार को शपथ पत्र देने को कहा था, लेकिन केंद्र की ओर से इस संबंध में जवाब नहीं दिया गया। जन स्वास्थ्य से जुडे़ इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मिलावटी दूध पर केंद्र और राज्य सरकारों के उदासीन रवैये पर नाराजगी जताई और अब केंद्र को चार सप्ताह में रिपोर्ट देने को कहा है। कोर्ट ने यह भी कहा है कि सरकार से कोर्ट उम्मीद करती है कि इस बार के शीतकालीन सत्र में सरकार फूड सटी एक्ट में बदलाव कर आम आदमी के स्वास्थ्य पर प्रभाव डालने वाले इस गोरखधंधे को रोकने के लिए सख्त कानून बनाएगी। इसमें कोई दो राय नहीं है कि कई राज्यों में मिलावटी दूध् का कारोबार चल रहा है और अब समय आ गया है कि इस काले कारोबार को रोकने के लिए सख्ती से कार्रवाई होनी चाहिए। इसके लिए सरकार को कानून मंे संशोधन कर सख्ती बरतनी ही होगी। मिलावटी दूध को लेकर इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा था कि यह तर्क विचित्र है कि दूध में मिलावट से तत्काल जान नहीं जाती। क्या दूध में सायनाइड मिलाया जाए और इसे पीकर लोगों की तत्काल मौत हो जाए, क्या तब जाकर सख्त कानून बनेगा। मिलावटी व नकली दूध को लेकर कोर्ट का नजरिया बेहद सकारात्मक है जो कि जन स्वास्थ्य से सीध जुड़ा हुआ है। इससे पूर्व भी कोर्ट ने जनहित से जुड़े कई मामलों पर अपनी संजीदगी से न्याय प्रणाली पर आम आदमी का विश्वास मजबूत किया है, लेकिन अक्सर देखा यह गया है कि केंद्र या राज्य सरकारें अदालत की नसीहतों को नरंजदाज करती आई हैं। केंद्र सरकार को यह निर्णय कर लेना ही चाहिए कि मिलावटी दूध बेचने वालों या फिर बनाने वालों के खिलाफ इस अपराध के लिए उम्र कैद का प्रावधन करना चाहिए या नहीं। जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जा सकता। सरकार एक बार सख्त कदम उठाएगी तो निश्चित तौर पर इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे, लेकिन इस काले कारोबार को रोकने के प्रयास कम से कम देवभूमि उत्तराखंड में तो देखने को नहीं मिल रहे हैं।

मेडिकल पीजी कोर्स मंें ठगी का प्रकरणःसंदीप के जरिए सरगनाओं तक पहुंचने की कोशिश
  • एसआईटी ने ली दो दिन की रिमांड, खुलेंगी कई परतें

देहरादून, 19 मई (निस)। मेडिकल पीजी कोर्स मे एडमिशन के नाम पर लाखों-करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह के सदस्य संदीप गुप्ता को आज एसआईटी ने दो दिन की रिमांड पर ले लिया है। एसआईटी अब संदीप गुप्ता से पूछताछ के बाद वांछित चल रहे दो आरोपियों तक तक पहुंचने का प्रयास करेगी साथ ही उन लोगों की भी जानकारी जुटाने का प्रयास किया जाएगा जो प्रवेश के लिए पैसा देने के बावजूद अब तक सामने नहीं आए हैं। पीजी कोर्स में ठगी की दलाली के मामले में संदीप गुप्ता से अब अगले दो दिन तक गहन पूछताछ होगी। प्रोपर्टी डीलिंग का काम करने वाले संदीप गुप्ता को एसआईटी ने उसके घर से चार दिन पूर्व गिरफ्रतार किया था। पूछताछ के दौरान पता लगा था कि संदीप गुप्ता कभी मेडिकल कालेज का स्टाॅपफ बन कर तो कभी दूसरे तरीके से लोगों को खुद के आगे पेश करता था। कई लोगांे को संदीप गुप्ता ने जौलीग्रांट स्थित मेडिकल कालेज की सैर भी कराई। संदीप गुप्ता से पूछताछ के दौरान कई लोगों से पैसा लेने की बात भी सामने आई थी लेकिन संदीप गुप्ता के पास अभी भी ऐसे कई राज थे जिसे उगलवाना कापफी अहम है। इसी को देखते हुए एसआईटी ने दो दिन की रिमांड पर मांगी थी जो कल स्वीकृत हो गयी थी। आज सुबह एसआईटी सुद्धोवाला जेल पहुंची और संदीप गुप्ता को दो दिन की रिमांड पर लिया। अब दो दिन तक एसआईटी ठगी से जुडे़ छिपे रहस्यों को निकालने का काम करेगी। इस पूरे मामले में अभी सबसे अहम यह है कि क्या इस गिरोह ने मेडिकल में कोई प्रवेश कराया था भी या नहीं। या केवल ठगी कर पैसा ऐंठने का ही काम किया जा रहा था। उम्मीद है कि संदीप गुप्ता इस खुलासे की एक बेहद अहम कड़ी साबित हो सकता है। मामला एसओजी ने खोला था जिसमें तेलंगाना के एक व्यक्ति की शिकायत पर एसओजी ने कार्रवाई करते हुए चार लोगों को गिरफ्रतार किया था। इन लोगों से लाखों की रकम भी बरामद की गयी थी, लेकिन गिरोह के मुख्य दो आरोपी पुलिस को चकमा देकर पफरार हो गए थे और अब तक गायब ही हैं। पीजी कोर्स मंें ऐंठा गया पैसा होटलों, जमीनों एवं देहरादून सहित दूसरे शहरों मंे प्रोपर्टी खरीदने में लगाया जा रहा था। संदीप गुप्ता दून में इन लोगांे के लिए प्रोपर्टी खरीदने से लेकर एडमिशन कराने वाले शिकार को हैंडल करने का काम करता था। संदीप गुप्ता ही इन लोगों को मेडिकल कालेज के दर्शन कराने से लेकर उनके खाने-पीने एवं रूकने की व्यवस्था करता था। दो दिन की रिमांड पर संदीप गुप्ता से अभी कई अहम राज खुलने बाकी हैं, लेकिन उससे भी अहम यह है कि क्या संदीप गुप्ता की जानकारियां एसआईटी को मुख्य आरोपियों तक पहुंचाने में मददगार साबित होगी?

विधायक कुंवर प्रणव पर मोटल कब्जाने का प्रयास

देहरादून, 19 मई (निस)। खानपुर के विधायक व दर्जाधारी कुंवर प्रणव सिंह चैपियन का विवादों से पुराना नाता रहा है। इस बार उनपर एक मोटल को कब्जाने के प्रयास का आरोप है। मंगलवार को प्रदेश की राजधानी दून में एक पत्रकार वार्ता का आयोजन कर रूड़की स्थित एक मोटल की मालिक नुपुर सिंह ने  आरोप लगाया कि विधायक प्रणव सिंह उनके पति की मृत्यु के बाद उनकी ननदों के साथ मिलकर उनके मोटल को कब्जाने का कुचक्र रच रहे है। उन्होंने कहा कि इस मामले में उन्होंने पुलिस से भी सुरक्षा की गुहार लगाई है। विधायक द्वारा उन्हे लगातार धमकी देकर प्रताडि़त किया जा रहा है। मंगलवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में नुपुर सिंह ने कहा कि 18 अगस्त .2012 में उनके पति धु्रव सिंह की मृत्यु हो चुकी थी। उनकी मृत्यु के समय होटल मोटल पोलरिश व अन्य जो भी सम्पत्ति उनके नाम थी, वह और उनकी पुत्री उनकी विधिक उत्तराधिकारी है। उन्हांेने कहा कि  उनकी इस तमाम सम्पत्ति का ब्यौरा और मालिकाना हक अभिलेखों में दर्ज होने के बावजूद भी उनकी ननद शालिनी, प्रेम, सुनैना सिंह व शिवानी चन्द्र द्वारा नगरपालिका रूड़की के अभिलेखों में कूट रचित तरीकों से अपने नामों की प्रविष्ठी कराई गयी है। नूपुर सिंह का कहना है कि उक्त तीनों द्वारा संयुक्त हस्ताक्षर जारी किया गया वह शपथ पत्र जिसमें उनके द्वारा कब्जाने के प्रयास का आरोप स्वयं को होटल और मैसर्ज मोटल पोलरिश एण्ड एसोसिएशन रूड़की का भागीदार बताया गया है, भी पूर्णतः फर्जी है। उनका कहना है कि उनकी सम्पत्ति को हड़पने के तरह-तरह से कूट रचित प्रयास किये जा रहे हैं जो एक आपराधिक साजिश है। उन्होंने कहा कि रूड़की में दायर वाद संख्या 158 वर्ष 2012 श्रीमती शालिनी बनाम नूपुर ंिसह भी इस बात की पुष्टि करता है कि शालिनी व उनकी बहनें यह जानती हैं। उक्त सम्पत्ति पर उनका कोई अधिकार नहीं है। नुपूर का कहना है कि वह एक विधवा महिला है और उनकी एक छोटी बच्ची भी है। उनका आरोप है कि स्थानीय पुलिस दबाव में काम कर रही है तथा उन्हें विधायक खानपुर कंुवर प्रणव चैम्पियन के लोगों द्वारा डराया-धमकाया जा रहा है। उन्होंने पुलिस महानिदेशक को लिखित शिकायत करते हुए अपने जान माल की सुरक्षा की गुहार लगाई है तथा न्याय दिलाने की अपील की है।

बैंक से करोड़ों की धोखाधड़ी का मामला दर्ज

देहरादून, 19 मई (निस)। कुछ लोगों ने फर्जी कागजातांे के दम पर बैंक के साथ करोड़ों की धोखाधड़ी कर डाली। बैक प्रबंधक ने आरोपियों के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज करा दिया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मामला शहर कोतवाली क्षेत्र का हैराजपुर रोड स्थित बैंक आफ बड़ोदा के वरिष्ठ शाखा प्रबन्ध्क गुरदीप सिंह लूथरा पुत्र करतार सिंह लूथरा ने शहर कोतवाली में शिमला इनक्लेव निवासी विमलेेश पुत्र एम.एम.गोपाल व रेखा कुशवाह पत्नी विजय कुशवाह निवासी हरिद्वार के खिलाफ षडयंत्र रचकर बैकं से धोखाधड़ी कर 2 करोड़ रूपये लेने का मामला दर्ज करवाया है। गुरदीप सिंह का आरोप है कि उक्त लोगों ने अपनी हैसियत से अधिक के कागजात देकर बैंक से 2 करोड़ का लोन ले लिया है।

रामबाड़ा में सेना बना रही पुल, दो साल बाद भी नहीं बन पाया रास्ता 

देहरादून, 19 मई (निस)। गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर रामबाड़ा में भारतीय सेना की बंगाल इंजीनियरिंग की टीम ने पुल बनाने का कार्य शुरू कर दिया है। लगभग दो सप्ताह के भीतर यह पुल बनकर तैयार हो जाएगा।
सूबेदार वीर सिंह के नेतृत्व में बंगाल इंजीनियरिंग ग्रुप की 14 सदस्यीय टीम रामबाड़ा पहुंची और फोल्डिंग पुल निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। इस पुल की लम्बाई 30 मीटर, चैड़ाई 2.1 मीटर एवं भार सहन करने की क्षमता 25-30 कुंतल हैं। यह टीम लगभग दो सप्ताह के भीतर रामबाड़ा में नए पुल तैयार कर देगी। पूर्व में बंगाल इंजीनियरिंग की टीम पुल निर्माण का स्थलीय निरीक्षण भी कर चुकी है। जो भी धनराशि इसके निर्माण में खर्च होगी, वह जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण वहन करेगा। बंगाल इंजीनियरिंग के टीम लीडर सूबेदार वीर सिंह बताया कि दो सप्ताह के भीतर कार्य पूरा कर दिया जाएगा। निम के प्रशासनिक अधिकारी मनोज सेमवाल ने बताया कि रविवार से टीम ने पुल निर्माण का कार्य शुरू कर दिया है। गौरतलब है कि यह पुल वर्ष 2013 में 16 जून को केदारनाथ त्रासदी के दौरान बह गया था। वर्तमान में यहां पर अस्थायी पुल से आवाजाही हो रही है। वहीं दूसरी ओर अलकनंदा एवं मंदाकिनी के संगमस्थल पर दो बरस बीत जाने के बाद भी आपदा का साया साफ नजर आ रहा है। यहां पर आपदा से टूटा रास्ता ठीक नहीं हो पाया है। चार धाम के दौरान दर्शनों को आने वाले यात्री जान जोखिम में डालकर संगम पर स्नान कर रहे हैं। रुद्रप्रयाग शहर की पहचान संगम स्थली पिछले दो वर्षाे से जीर्णशीर्ण स्थिति में है। वर्ष 2013 की 16/17 जून को आई आपदा में संगम स्थल को व्यापक रूप से नुकसान पहुंचा था। आपदा से पूर्व यहां भारी संख्या में चारधाम पर आने वाले श्रद्धालु व पर्यटकों की आवाजाही होती थी। आपदा से क्षतिग्रस्त संगम तट पूरी तरह असुरक्षित है। सर्दियों में नदी का जलस्तर कम होता है, लेकिन गर्मी शुरू होते ही इन दोनों नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगता है। संगम में नित्य दिन निजी व अन्य धार्मिक अनुष्ठान आयोजित कराए जाते हैं। यात्रा शुरू होते ही यहां यात्रियों की आवाजाही भी शुरू हो गई है, लेकिन खतरनाक रास्ता देख यात्री संगम स्थल जाने में कतरा रहे हैं। नारद शिला के समीप दोनों नदियां मिल रही है। यहां पर भी सुरक्षा के कोई उपाय नहीं है। यदि किसी से भी थोड़ी चूक हुई तो सीधे बह जाएगा। इन दोनों नदियों का हर माह रुख बदल रहा है जिससे सुरक्षा व्यवस्था करने में भी दिक्कतें हो रही है।

गंदे नालों को बंद करने की तैयारी: उमा भारती

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हरिद्वार, 19 मई (निस)। केन्द्र सरकार द्वारा गंगा की सफाई से सम्बन्धित कानून का मसौदा आखिरी चरण में है। गंगा को प्रदूषण मुक्त बनाने और उसकी स्थाई निर्मलता सुनिश्चित करने के लिए इस कानून में आपराधिक प्रावधानेां को भी शामिल किया जा सकता है। उक्त बात केन्द्रीय जल संसाधन एवं गंगा पुनरोद्धार मंत्री उमा भारती ने पत्रकारों से कही। उमाश्री भारती ने बताया गंगा में गिर रहे गंदे नालों को बंद करने की तैयारी शुरू कर दी गयी है। गंगा सफाई को लेकर प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एक तथा मेरी अध्यक्षता में दो बैठकें हो चुकी हंै। उन्होंने बताया कि अक्टूबर 2016 तक गंगा की निर्मलता का पहला चरण पूरा हो जायेगा।  जगजीतपुर, कस्सावान में निरीक्षण किया तथा 80 करोड के बजट प्रावधान की मंत्रालय से स्वीकृति की संस्तुति की। उन्होंने कहा कि बद्रीनाथ-गंगोत्री में नालों के निस्तारण के प्रस्ताव अगर मुख्यमंत्री हमारे पास भेजेंगे तो हम योजना में स्वीकार करेंगे। जून माह में सभी ग्राम पंचायतों की बैठक बुलाई जायेगी जिसमंे गंगा किनारे परम्परागत बृक्षों के रोपण को प्रेरित किया जायेगा।  उन्होंने कहा कि सरकार गंगा को निर्मल तो कर देगी लेकिन उसकी निर्मलता को निरन्तर बनाये रखना समाज का काम होगा। सुप्रीम कोर्ट तो 29 गत सालों की समीक्षा करता है हमें तो सिर्फ गंगा पर काम करते हुए एक साल हुआ है। सुश्री भारती ने कहा कि गंगा अभी निर्मल नहीं हुई तो फिर कभी नहीं होगी क्योंकि हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गंगा को लेकर इतने व्यग्र, निष्ठावान एवं समर्पित हैं। मोदी जी के अलावा कोई इस कार्य को नहीं कर सकता है। गंगा प्लान के ऐतिहासिक दस्तावेज बन गये हैं और गन्दे नालों के मरने का समय आ गया है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी़) ने आर्डर पास किया है जो नहीं मानेंगे उनके खिलाफ दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी। खनन सम्बन्ध में पूछने पर उन्हों कहा कि नदी की अविरलता के लिए खनन जरूरी है लेकिन यह देखना भी जरूरी है कि कहांॅ होना चाहिए।  इस अवसर पर हरिद्वार नगर निगम के मेयर मनोज गर्ग, संजय चतुर्वेदी (संयोजक दिव्य प्रेम सेवा मिशन), बालकृष्ण शास्त्री (जिला संयोजक एनजीओ प्रकोष्ठ) मनोज तोमर, सन्दीप गोयल, मयंक शर्मा उपस्थित थे।

अपनी मांगों को लेकर युवा मोर्चा न निकाला जलूस

देहरादून, 19 मई (निस)। भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सौरभ थपलियाल के नेतृत्व में उत्तराखण्ड सरकार को एक चेतावनी ज्ञापन जिलाधिकारी देहरादून के माध्यम से दिया गया। सौरभ थपलियाल के नेतृत्व में भाजपा महानगर कार्यालय में सैकड़ों युवा एकत्रित हुए महानगर कार्यालय से जलूस की शक्ल में जिलाधिकारी कार्यालय तक गये। महानगर कार्यालय में भाजय ुमो के जलूस को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक श्री हरबंश कपूर ने हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। युवाओं का आह्वान करते हुए सौरभ थपलियाल ने कहा कि अगर एक माह के अन्दर इस भ्रष्ट माफियाओं का े संरक्षण देने वाली सरकार ने युवा मोर्चा की मांगों को नही माना तो पूरे प्रदेश में युवा मोर्चा  आन्दोलन करेगा और मुख्यमंत्री हरीश रावत का घेराव करेंगा। इस कार्यक्रम में भाजयुमा े के द्वय महामंत्री मनोज जखमोला गणेश ठकुराठी, प्रदेश उपाध्यक्ष विशाल गुप्ता, महागनर जिलाध्यक्ष नीलम सहगल, प्रवीण सिंह दानू, ओम कक्कड़, सचिन थापा, संदीप नेगी, अशुल चावला, विपिन राणा, रवि रावत, नवीन ठाकुर, अमित डबराल, जेटली, विश्वास डोभाल, सचिन गुप्ता, आदित्य चैहान, अमर सिंह स्वेडिया, कृष्णा नेगी, राजकुमार सेमवाल, सिद्वार्थ राणा, भूपेन्द्र कठैत, रविन्द्र वेलवाल, हिमांशु, सरदार जीवन सिंह, सन्तोष सेमवाल सहित सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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